भारत-पाक सीमा पर लगी मेले जैसी रौनकें

बटाला, 23 नवम्बर  (डा. काहलों ): केंद्रीय कैबेनिट द्वारा पाकिस्तान स्थित गुरुद्वारा श्री करतारपुर साहिब के खुले रास्ते के लिए स्वीकृति दिए जाने के ऐलान के बाद देश विदेश की संगत में भारी खुशी की लहर है और सीमावर्ती क्षेत्र के लोग भी बागोबाग होते नजर आ रहे हैं। वर्णननीय है कि केंद्रीय कैबेनिट के ऐलान के बाद 26 नवम्बर को देश के राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद और पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह जिला गुरदासपुर के कस्बा डेरा बाबा नानक स्थित भारत-पाक सीमा से बनने वाले कॉरिडोर का नींव पत्थर रखेंगे, जिसके लिए सरकार द्वारा तैयारियां जोरों से आरंभ कर दी गई हैं। वर्णननीय है कि समूह गुरु नानक लेवा संगत द्वारा खुले रास्ते की दशकों से प्रतीक्षा की जा रही है और इस संबंधी संगत व अलग-अलग संस्थाओं द्वारा दशकों से अरदासें की जा रही थीं, जिनको गुरु नानक साहिब द्वारा अपने 550वें प्रकाश पर्व की खुशियां अंदर स्वीकृत किया जा रहा है। देश के बंटवारे बाद बेरौनक हुए सीमावर्ती क्षेत्र में अब मेले जैसा माहौल : देश के बंटवारे के बाद और वर्ष 1965 व 1971 के युद्ध समय सीमावर्ती जिला गुरदासपुर और भारत-पाक सीमा किनारे बसे कस्बा डेरा बाबा नानक व आसपास के क्षेत्रों ने काफी संताप झेला है। समय-समय पर इस क्षेत्र को यहां से गुजरते रावी दरिया ने मार भी दी है, जिस कारण प्रभावित हुए अनेक लोग या तो यहां से जाते रहे और कुछ मजबूरी वश अपना गुजारा चला रहे थे परंतु अब रास्ता खुलने के ऐलान के बाद यहां रौनकें लौटने की उम्मीद है जहां इस क्षेत्र के विधायक व कैबेनिट मंत्री स. सुखजिंदर सिंह रंधावा द्वारा इस क्षेत्र के लिए अहम प्रयास किए जा रहे हैं, वहीं अब कैप्टन सरकार ने 550वें प्रकाश पर्व को मद्देनजर रखते डेरा बाबा नानक के लिए 90 करोड़ रूपए जारी किए हैं, जिनको इस क्षेत्र को बड़ा लाभ मिलेगा। दोनों देशों में प्यार व व्यापार बढ़ेगा : इस रास्ते के खुलने से जहां संगत दर्शन-दीदार कर सकेंगी, वहीं दोनों देशों के लोगों में आपसी प्यार व व्यापार भी बढ़ेगा। डेरा बाबा नानक क्षेत्र में रोजगार के साधन बढ़ेंगे और सचखंड श्रीहरिमंदिर साहिब आने वाली संगत के आगे करतारपुर साहिब आने से समूचे माझे क्षेत्र की रौनकें व तरक्की में वृद्धि होने की उम्मीद बढ़ी है। करतारपुर साहिब के लिए समय समय पर हुए कई प्रयास : वर्णननीय है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह के पारिवारिक सदस्यों द्वारा 1921 में गुरुद्वारा श्री करतारपुर साहिब के लिए एक लाख रूपए की सेवा की गई थी। इधर डेरा बाबा ननक में श्री करतारपुर साहिब के दर्शनों के लिए स्थल का निर्माण बाब गुरचरण सिंह बेदी, बाबा जगदीप सिंह बेदी मैमोरियल चैरीटेबल अस्पताल व श्री गुरु नानक देव जी के 17 अंश वंश बाबा सुखदीप सिंह बेदी के प्रयासों से 2008 में तैयार करके संगत के लिए खोला गया। यहां करतारपुर रावी दर्शन अभिलाषी संस्था द्वारा करीब साढे 17 वर्ष पहले जत्थेदार कुलदीप सिंह वडाला की अगुवाई में समूह संगत द्वारा खुले रास्ते के लिए की जा रही अरदास अब तक जारी है। देश के पूर्व प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह द्वारा भी इस रास्ते के लिए पाकिस्तना के कई अधिकारियों के साथ बातचीत की गई और अब पिछले महीनों दौरान पंजाब के कैबेनिट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के प्रयासों की भी काफी चर्चा हुई है। अब मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंहव अन्य जत्थेबंदियों के प्रयासों सहित केंद्रीय कैबेनिट के निर्णय से यह रास्ता खुलने का ऐलान ने समूह गुरु नानक नाम लेवा संगत को बागोबाग कर दिया है। जिल गुरदासपुर में बाबा नानक के चरण प्राप्त स्थान : पंजाब के सीमावर्ती जिला गुरदासपुर के जगत गुरु बाबा नानक जी की चरण प्राप्त होने का बड़ा गर्व मिला है और जिले में उनके चरण प्राप्त कई ऐतिहासिक स्थान सुशोभित हैं। जहां डेरा बाबा नानक में गुरुद्वार श्री डेरा साहिब उनकी चरण प्राप्त स्थान है, वहीं श्री गुरु नानक साहिब का पवित्र चोला  साहिब भी डेरा बाबा नानक में उनकी अंश वंश बेदी परिवार के पास सुशोभित है। इसी तरह बटाला में श्री गुरु नानक देव जी के विवाह से संबंधित ऐतिहासिक गुरुद्वार श्री कंध साहिब व गुरुद्वारा श्री डेरा साहिब ससुराल घर भी सुशोभित है। वर्णननीय है कि श्री गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश दिवस को समर्पित करवाए जा रहे समारोहों तहत इन स्थानों के विकास व अन्य कार्याें के लिए करोड़ों रूपए सरकार द्वारा घोषित किए जा चुके हैं।