रिहाई के बाद बाबा बचित्र सिंह तथा साथियों का सिख संगठनों द्वारा स्वागत


संगरूर, 25 दिसम्बर (सत्यम्): गत दिवस स. सुखबीर सिंह बादल की संगरूर फेरी दौरान उनका विरोध करने वाले बाबा बचित्र सिंह खालसा, भाई दविन्द्र सिंह मंगवाल, भाई मनजीत सिंह सारों, भाई गुरमीत सिंह दुगां को 82 दिनों के बाद आज जिला जेल संगरूर से रिहा कर दिया गया। जेल में बाहर आने पर सिख संगठनों द्वारा शानदार स्वागत करते उनको काफिले की सूरत में गुरुद्वारा श्री महिल मुबारक ले जाया गया, जहां इन नेताओं को जयकारों की गूंज में सम्मानित भी किया गया। इस अवसर पर ‘अजीत समाचार’ से बातचीत करते हुए बाबा बचित्र सिंह ने कहा कि उन्होंने स. सुखबीर सिंह बादल का इसलिए विरोध किया था कि क्योंकि जस्टिस रणजीत सिंह कमिशन ने उनको गुरू ग्रंथ साहिब के हुए अपमान के लिए तथा बेगुनाह सिखों के कत्लेआम के लिए आरोपी करार दिया था। उन्होंने कहा कि उस दिन स. सुखबीर सिंह बादल गुरूद्वारा नानकियाना साहिब में गुरु की लोग का दुरुपयोग करते बैठक करने के आए थे जिसका उन्होनें शांतमयी तरीके से विरोध किया था। बाबा बचित्र सिंह ने कहा कि कैप्टन अमरिन्द्र सिंह भी बादल परिवार से मिले हुए हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने बादल परिवार के दबाव में पहले उनके साथियों पर धारा 370 जैसे संगीन आरोपों तहत केस दर्ज करवाया तथा फिर जमानत न होने में रुकावट डाली। 
दृड़ अंदाज में बाबा बचित्र सिंह ने कहा कि वह अब भी स. सुखबीर सिंह बादल का हर फ्रंट पर उनकी संगरूर फेरी दौरान विरोध करते रहेंगे। उन्होंने कहा कि जेलों की शलाखें सिहों की जत्थेबंदियों को न तो पहले रोक  सकी हैं तथा न ही भविष्य में रोकना संभव होगा। इस अवसर पर स. बहादर सिंह भसौड़, सिंहों के वकील जगजीत सिंह, मौता ग्रेवाल, जसवंत सिंह गज्जनमाजरा, कमलजीत सिंह गंगा सिंह वाला, राष्ट्रीय खिलाड़ी बलकार सिंह गंगा सिंह वाला, हरबंस सिंह संगरूर, जगदीप सिंह संगरूर, बलविन्द्र सिंह घराचों, जत्थेदार हरजीत सिंह संजूमा, काकू सिंह खिलरियां, ज्ञानी केवल सिंह, बाबा कुलवंत सिंह, निरंजन सिंह बडरूखां, हरप्रीत सिंह बडरूखां, प्रीतम सिंह, हरदेव सिंह गगड़पुर, सुखजीत सिंह मान बडरुखां, गुरप्रीत सिंह आदि उपस्थित थे।