इतिहास के दर्पण हैं सिक्के

सिक्के किसी भी देश की संस्कृति, सभ्यता, कला, इतिहास, शासन व्यवस्था व अर्थव्यवस्था का आईना होता है। इन सिक्कों की बदौलत ही हमें अपनी प्राचीन गौरवपूर्ण संस्कृति की झलक देखने को मिलती है और साथ ही साथ विभिन्न सभ्यताओं, राजवंशों और इतिहास की उथल-पुथल की जानकारी भी मिलती है। विश्व में लगभग सभी देश प्रतिवर्ष विभिन्न विषयों पर सिक्के जारी करते हैं। सिक्के संग्रह करने का शौक न्यूजिम मैटिक्स कहलाता है। न्यूजिम मैटिक्स मनोरंजन के जरिये ज्ञान प्राप्त करने का एक अच्छा माध्यम है। एक ज्ञानी व्यक्ति सिक्कों पर अंकित छवियों को देखकर उस देश की संस्कृति, कला, सभ्यता, इतिहास, रीति-रिवाज और शासन व्यवस्था की छिपी हुई कहानी सुगमतापूर्वक व्यक्त कर सकता है। जहांगीर के सिक्के पर नूरजहां का चेहरा अंकित देखकर विद्वान समझ जाते हैं कि उस समय बागडोर सही मायनों में एक औरत के हाथों में थी।कला के पारखी प्राचीन काल के सिक्कों को देख कर समझ जाते हैं कि उस समय उस देश में कला की स्थिति क्या थी। विभिन्न देशों के अलग-अलग युगों के सिक्कों को देखकर उस देश की कला के विकास की कहानी धातु के इन पन्नों पर सुगमतापूर्वक पढ़ी जा सकती है।सिक्कों को यदि इतिहास का दर्पण कहा जाए तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। शायद ही ऐसा कोई महीना गुजरता हो जब भारत में किसी न किसी स्थान पर पुराने सिक्के प्राप्त होने का समाचार अखबारों में पढ़ने को न मिलता हो। नए मकानों के लिए नींव खोदते समय भी प्राय: पुराने सिक्के मिल जाते हैं। सिक्के हमारे इतिहास ज्ञान के ठोस साधन हैं। प्राचीन भारत के इतिहास के पुननिर्माण में मुद्राओं का महत्त्वपूर्ण योगदान रहा है। यदि प्राचीन मुद्राएं नहीं मिलती तो प्राचीन भारत के कितने राजा एवं राजवंश गुमनाम ही बने रहते। सिक्कों से तत्कालीन आर्थिक दशा के बारे में महत्त्वपूर्ण जानकारी मिलती है। सोना चांदी और तांबे के सिक्के अपनी क्रय क्षमता के बारे में महत्वपूर्ण सूचनाएं देते हैं। सिक्कों की धातु में की गई मिलावट से भी तत्कालीन आर्थिक दशा की जानकारी मिलती है। सिक्के संग्रह करने का शौक रखने वालों को ऐसे सिक्के जमा करने चाहिएं जो कम से कम मात्रा में उपलब्ध हों और दुनियां भर में बहुत कम लोगों के पास हों। पुराने सिक्कों और नोटों को जमा करके आप कई बार एक एक सिक्के या नोट के बदले इनके शौकीनों से लाखों रूपये प्राप्त करने में भी सफल हो सकते हैं। पुराने सिक्कों की कीमत आज सिक्कों के संग्रह के बढ़ते विश्वव्यापी शौक के कारण बहुत बढ़ गई है। किसी भी सिक्के का मूल्य उसकी दुर्लभता से जुड़ा होता है। सिक्के शिक्षाप्रद होते हैं इसलिए इन्हें दुनिया के ज्ञान का भंडार भी कहा गया है। मुद्राएं हमारी अमूल्य सांस्कृतिक सम्पदा हैं। इस सम्पदा की समुचित सुरक्षा के लिए यह अत्यंत आवश्यक है कि हमें पुराने सिक्कों की पहचान और उनके ऐतिहासिक व सांस्कृतिक महत्त्व की व्यापक जानकारी हो। (उर्वशी)

-अनिल कुमार