शिक्षा व वित्त विभाग की बेरुखी के चलते संघर्ष के लिए मज़बूर हुईं सिलाई अध्यापिकाएं

बटाला, 9 मार्च (काहलों/वनीत गोयल) : चाहे कि पंजाब की कांग्रेस सरकार कर्मचारियों को उनके अधिकार देने के दावे करती नहीं थकती, परंतु राज्य भर के सरकारी स्कूलों में कार्यरत सिलाई अध्यापिकाओं के साथ बड़े स्तर पर धक्केशाही की जा रही है। इन अध्यापिकाओं को दो ग्रुपों में अलग-अलग स्केल मिल रहा है, जिस कारण यह अध्यापिकाएं अब संघर्ष की तैयारियां कर रही हैं। इस संबंधी सिलाई टीचर एसोसिएशन पंजाब के प्रधान रणजीत कौर फतेहगढ़ चूड़ियां, मनजीत कौर तरनतारन, किरण बाला डेरा बस्सी, सर्बजीत कौर मोगा, जसविंदर कौर व परमजीत कौर श्री आनंदपुर साहिब, सर्बजीत कौर व अमनदीप कौर बटाला, सुखविंदर कौर बठिंडा, तार कौर मानसा, परमजीत कौर टांगरा, ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि सिलाई अध्यापिकाओं को सी व डी काडर होने कारण पंजाब सरकार द्वारा दिसंबर 2011 में 10300-37000 ग्रेड पे 4400 दिया गया था, परंतु फरवरी 2015 में सरकार ने फिर काटकर 5910-20200 ग्रेड पे 2400 कर दिया गया। इस संबंधी कुछ सिलाई अध्यापिकाओं द्वारा माननीय पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में चुनौती दी गई, जिसके हुए फैसले मुताबिक इन सिलाई अध्यापिकाओं को फिर 10300-37000 ग्रेड पे 440 का स्केल और बकाये जारी कर दिए गए। इसके उलट अब सरकार द्वारा माननीय पंजाब हरियाणा उच्चतम न्यायालय के आदेशों की उल्लंघना करते हुए सेवानिवृत्त हुए सिलाई अध्यापकों की दिसम्बर 2011 से फरवरी 2015 तक मिले स्केल को वापिस लिया जा रहा है। पंजाब सरकार द्वारा सिलाई अध्यापकों को सी एंड डी काडर का बनता पे-स्कूल न होने और पहले स्केल ले चुके सिलाई अध्यापकों की कटौती किए जाने के विरोध में राज्य भर के सरकारी स्कूलों में काम करती सिलाई अध्यापकों की एकत्रता तिथि 13 मार्च को सुबह 10 बजे डी.पी.आई. सैकेंडरी कार्यालय मोहाली में होगी।