बरगाड़ी बेअदबी मामला : सरकार ने ठंडे बस्ते में डाला 

जालन्धर, 22 मार्च (मेजर सिंह): साढ़े तीन वर्ष बीतने के पश्चात भी बेअदबी मामला पंजाब एवं केन्द्र सरकार ने पूरी तरह से अनदेखा कर दिया है। बेअदबी का मामला बहिबल कलां एवं कोटकपूरा गोली कांड की जांच के लिए बिठाई विशेष पुलिस डांच टीम के शोरगुल में ही दबकर रह गया है। भारी दबाव में नवम्बर 2015 में बुर्ज जवाहर सिंह वाला एवं बरगाड़ी बेअदबी मामले की जांच बादल सरकार ने सी.बी.आई. के हवाले कर दी, परन्तु सी.बी.आई. ने कभी भी अपना काम समय पर नहीं किया  और जांच पूरी ठंडे बस्ते में डाल दी, परन्तु कैप्टन सरकार के गठन पश्चात विगत वर्ष प्रथम जून से बरगाड़ी इंसाफ मोर्चा शुरू होने से सी.बी.आई. तो सक्रिय नहीं हुई, परन्तु पंजाब पुलिस के डी.आई.जी. रणबीर सिंह खटड़ा के नेतृत्व में बनी टीम ने बेअदबी की दोनों घटनाओं से पर्दा उतारकर इन घटनाओं को शामिल डेरा सिरसा के प्रेमियों तक हाथ डाला, मोगा आगजनी में पकड़े 9 प्रेमियों को गिरफ्तार करके सारी जांच रिपोर्ट अदालत, सी.बी.आई. के पंजाब सरकार को सौंपी। यहां तक कि डेरा सिरसा की 31 सदस्यीय टीम में शामिल कोटकपूरा के महिन्द्र पाल बिट्टू ने तो मोगा की अदालत के समक्ष पेश होकर बेअदबी मामले में शामिल होने बारा अपना बयान भी कलमबद्ध करवा दिया था। पंजाब पुलिस की टीम द्वारा बेअदबी के मामले पीछे कार्य करती ताकत का पर्दाफाश तो कर दिया परन्तु सरकार ने इस बड़ी प्राप्ति को अनदेखा ही किए रखा। पंजाब पुलिस की विशेष जांच की विस्तृत रिपोर्ट दिए जाने के पश्चात सी.बी.आई. ने तीन मुख्य आरोपी डेरा प्रेमियों महिन्द्र पाल बिट्टू, शक्ति एवं सन्नी को हिरासत में लेकर बेअदबी मामले में नामजद तो कर लिया, परन्तु जांच का कार्य आगे नहीं चलाया और न ही चालान प्रस्तुत किया, जिस कारण तीनों नामजद आरोपियों की अक्तूबर 2018 में जमानत हो गई। पंजाब सरकार ने सितम्बर 2018 में पंजाब विधानसभा में सी.बी.आई. से जांच वापिस लेने का सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया था, परन्तु वापिस लेने का सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया था, परन्तु छह महीने बीत गए न तो यह केस सी.बी.आई. ने बेअदबी मामले में जांच आगे बढ़ाने में कोई दिलचस्पवी दिखाई है और न ही नामजद आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई ही की गई है। इस मामले से जुड़े एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि पंजाब सरकार एवं सी.बी.आई. दोनों ने यह मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया है। पंजाब के डायरैक्टर जनरल दिनकल गुप्ता ने सम्पर्क करने पर बताया कि इस मामले की जांच अभी तक सी.बी.आई. से वापिस नहीं आई। उन्होंने बताया कि इस बारे उनको ज्यादा जानकारी तो नहीं, परन्तु इतना अवश्य है कि गृह विभाग एवं सी.बी.आई. के बीच चिट्ठी पत्र अवश्य चल रहा है। सरकारी सूत्रों का कहना है कि पंजाब सरकार का एडवोकेट जनरल कार्यालय सी.बी.आई. जांच वापिस करने के मामले में पूरी तरह नकारात्मक भूमिका अदा कर रहा है।