बरगाड़ी मोर्चे ने पंजाब ही नहीं अपितु पुरी दुनिया में जीत की मिसाल पेश की : ध्यान सिंह मंड


राजेश कुमार शर्मा
अमृतसर, 11 दिसम्बर : बरगाड़ी मोर्चे की समाप्ति पर शुक्राने के तौर पर आज यहां सरबत खालसा द्वारा नियुक्त कार्यकारी जत्थेदार व अन्य सिख संगठनों के नेता श्री अकाल तख्त साहिब पहुंचे और मोर्चे की सफलता के लिए अरदास की। इस दौरान श्री हरिमंदिर साहिब के बाहर भारी पुलिस फोर्स भी तैनात की गई थी। इस मौके पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए सरबत खालसा द्वारा नियुक्त श्री अकाल तख्त साहिब के कार्यकारी जत्थेदार ध्यान सिंह मंड ने कहा कि 6 महीनों तक चले इस मोर्चे में सिख संगठनों के अलावा विभिन्न धर्मों के संगठनों का भरपूर सहयोग मिला है जिसके लिए वे उनका धन्यवाद करते हैं। उन्होंने बताया कि जिन मांगों को लेकर बरगाड़ी मोर्चा शुरू किया गया था उन मांगों को आखिरकार सरकार ने मान लिया है। उन्होंने कहा कि सरकार से पिछले समय दौरान पावन स्वरूपों की हुई बेअदबी पर कार्यवाही करते हुए आरोपियों को कानून के कटघरे में लाने की मांग की गई थी, जिसके बाद उन्होंने जस्टिस रणजीत सिंह कमिशन की रिपोर्ट तैयार करवाकर विधानसभा में इसको लाइव चलाकर कौम के सामने सच को उजागर किया। इसके साथ ही मोर्चे द्वारा डेरा मुखी विवाद दौरान सिखों पर पुलिस द्वारा लगाई धारा 295-ए को हटाने की मांग की गई थी जिसको सरकार ने मान लिया। साथ ही शहीद सिंहों को 1-1 करोड़ रुपए और घायलों को उचित धनराशि देने की भी मांग पूरी करने का विश्वास दिलाया। 
उन्होंने कहा कि सरकार से सजा पूरी कर चुके बंदी सिखों की रिहाई के साथ-साथ भाई जगतार सिंह हवारा को रिहा करने की भी मांग की गई है जिस पर उन्होंने गहनता से विचार करने का भरोसा दिलाया है। उन्होंने कहा कि आगामी 20 दिसम्बर को फतेहगढ़ साहिब में एक एकत्रता भी की जा रही है जिसमें सभी पंथक संगठनों की मौजूदगी में अगली कार्यवाही की रूप रेखा तैयार की जाएगी। मंड ने आगे कहा कि बरगाड़ी मोर्चे ने पंजाब ही नहीं अपितु पूरी दुनिया में जीत की मिसाल पेश की है। उन्होंने यह भी कहा कि आने वाले समय में पंजाब में एक ऐसा राज लाया जाएगा जिसको पाकर प्रत्येक व्यक्ति खुशी महसूस करेगा। गत दिवस अकाली दल द्वारा श्री अकाल तख्त साहिब में माफी मांगने संबंधी पूछे सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि पिछले समय दौरान बादल परिवार ने जो सिख कौम का नुक्सान किया है वह जगज़ाहिर है। उन्हाेंने कहा कि इनको गलतीयों की माफी नहीं बल्कि सख्त सजाएं दी जानी चाहिएं। इस मौके पर उनके साथ भाई मोहकम सिंह, सतनाम सिंह मनावां, गुरदीप सिंह बठिंडा, गुरिंदर सिंह बाजवा, जरनैल सिंह सखीरा, बलवंत सिंह गोपाला आदि मौजूद थे।