भारतीय महिला हाकी की इकलौती ड्रैग फ्लिकर गुरजीत कौर 

गुरजीत कौर का भारतीय महिला हाकी टीम में खेलने तक का सफर बहुत चुनौतियों भरा रहा है। गुरजीत कौर के खेल जीवन के लिए उसके पिता सरदार सतनाम सिंह के कड़े संघर्ष के कराण ही उसे यह मुकाम हासिल हुआ है। गुरजीत के पिता प्रतिदिन 70-80 किलोमीटर का सफर तय करके ट्रेनिंग करवाने के लिए लेकर जाते थे। अमृतसर जिले के गांव मियादी कलां में जन्मी गुरजीत कौर को उसके परिवार का सदा साथ रहा, चाहे वह खेलों का क्षेत्र हो या पढ़ने-लिखने का। गुरजीत कौर ने प्राथमिक शिक्षा समीपवर्ती निजी स्कूस से ली और बाद में गांव से 70 किलोमीटर दूर पड़ते स्कूल में अपनी उच्च शिक्षा प्राप्त की। गुरजीत कौर ने स्कूल के उन दिनों में ही हाकी को जुनून बना लिया था। 
अपनी ग्रेजुएशन की पढ़ाई लायलपुर खालसा कालेज फार वुमैन से की। गुरजीत उस समय छठी कक्षा में ही पढ़ती थी जब उसने हाकी की खिलाड़ी बनने का सपना देखा। जूनियर कैम्प लगाने के बाद गुरजीत को सीनियर कैम्प में ट्रेनिंग करने का अवसर मिला। हाकी में ड्रैग फ्लिकर खेलना बड़ा कठिन है, क्योंकि इसके लिए तालमेल और ताकत के साथ-साथ किस समय फुटवर्क करना है, के लिए बहुत ज़्यादा अभ्यास की आवश्यकता  होती है। गुरजीत ने डिफैंडर के रूप में टीम में खेलना आरंभ किया। वर्ष 2014 में  भारतीय हाकी टीम में पहला मैच खेला परन्तु यह शुरुआती 2-3 वर्ष काफी मुश्किल भरे रहे। गुरजीत ने ड्रैग फ्लिकर की कला में महारत हासिल की और गुरजीत कौर की ऐसी भूमिका के कारण 20 वर्षों के लम्बे सफर के बाद भारतीय महिला हाकी एशियाई खेलों के फाइनल में पहुंची। वर्ष 2017 में गुरजीत को मलेशिया जाने का अवसर मिला। इस दौरे के पहले मैच में ही पैनल्टी कार्नरों को गोलों में बदल कर अपनी बेहतरीन खेल का लोहा मनवाया। 
इसके अतिरिक्त हाकी विश्व लीग, कनाडा सीरीज़ और एशिया कप में गुरजीत कौर का शानदार प्रदर्शन जारी रही। वर्ष 2018 के एशियाई खेलों में भारतीय महिला हाकी टीम ने रजत पदक जीता, जिसमें गुजतीत का अहम योगदान रहा। वर्ष 2018 में हुए हाकी वर्ल्ड कप के लिए क्वालीफाई करने के साथ-साथ 8 गोल करते हुए गुरजीत कौर भारतीय टीम की बैस्ट स्कोरर भी रही। गुरजीत ने वर्ष 2018 के राष्ट्रमंडल खेलों में प्रभावशाली प्रदर्शन किया हालांकि भारत की हाकी टीम कोई पदक नहीं जीत सकी। गुरजीत कौर वर्ष 2019 की महिला एफ.आई. एच. सीरीज़ फाइनल में भारत को जीत दिलाने में अग्रणी थी। यदि बात गुरजीत कौर के सम्मानों की करें तो वर्ष 2019 में स्पोर्ट्स वुमैन आफ द ईयर, इसी वर्ष ही पंजाब खेलों के सर्वोच्च अवार्ड महाराजा रणजीत सिंह अवार्ड से सम्मनित किया गया।                   -मो. 82888-47042