धावक अविनाश ने तोड़ा तीस साल पुराना रिकॉर्ड

बात एक दशक पुरानी है, लेकिन ज़मीर सैय्यद को अभी भी अच्छी तरह से याद है। वह महाराष्ट्र के सूखाग्रस्त ज़िले बीड में मंडावा गांव के निकट काडा के एसके गांधी कॉलेज में फिजिकल एजुकेशन के अध्यापक हैं। ज़िला स्तर की एथलैटिक्स प्रतियोगिता थी, जिसमें उनके कॉलेज का छात्र अविनाश मुकुंद सेबल भी हिस्सा ले रहा था, जोकि एक किसान का बेटा है। ज़मीर बताते हैं की जिस समय अविनाश ने अपनी दौड़ के साढ़े बारह चक्र पूर्ण किये तो दूसरे नम्बर पर आने वाला धावक अपना दसवां चक्र पूरा करने में लगा हुआ था। यह उन शुरुआती संकेतों में से एक था जो बता रहा था की अविनाश ट्रैक पर विशेष प्रतिभा है।
अविनाश 3000 मी. स्टीपलचेज़ के धावक हैं, जिसमें रिकॉर्ड तोड़ने की उन्होंने आदत सी बना ली है कि सात बार इस इवैंट में रिकॉर्ड तोड़ चुके हैं। लेकिन 6 मई, 2022 को उन्होंने 5000 मी. दौड़ में कमाल कर दिया, जबकि यह उनका प्राइमरी इवैंट नहीं है। सैन जुआन कैपिस्त्रानो, कैलिफोर्निया (अमरीका) में आयोजित साऊंड रनिंग प्रतियोगिता की 5000 मी. दौड़ में 13:25:65 का समय निकालकर अविनाश ने 30 साल पुराना बहादुर प्रसाद का भारतीय रिकॉर्ड (13:29:70) तोड़ा। हालांकि 24 धावकों की इस फाइनल रेस में 27 वर्षीय सैनिक अविनाश 12वें स्थान पर रहे, लेकिन यह उपलब्धि इस लिहाज़ से विशेष रही कि इस वर्ल्ड एथलैटिक्स कॉन्टिनेंटल टूर कांस्य स्तर प्रतियोगिता का फील्ड विश्व स्तरीय था, जिसे नॉर्वे के जेकब इंग्रेब्रिगस्टेन ने 13:02:03 समय में जीता। वह टोक्यो ओलम्पिक में 1500 मी. के चैंपियन थे। दूसरा यह कि यह केवल दूसरी बार था जब अविनाश 5000 मी. की प्रतियोगिता में हिस्सा ले रहे थे।
पिछले महीने के फैडरेशन कप में न केवल प्रतियोगिता का रिकॉर्ड (13:39:43) स्थापित किया था बल्कि 37 वर्ष पुराना गोपाल सैनी का रिकॉर्ड भी तोड़ा था। अविनाश के नाम राष्ट्रीय हाफ  मैराथन (21.097 किमी) का रिकॉर्ड (1:00:30 सैकेंड) भी है, जो उसने 2020 में स्थापित किया था। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के बहादुर प्रसाद ने जून 1992 में बर्मिंघ्म में यह रिकॉर्ड स्थापित किया था, राजकुमार अहलावत के 10 वर्ष पुराने रिकॉर्ड को तोड़कर। उस समय वह लम्बी दूरी की दौड़ में अपनी ज़बरदस्त छाप छोड़ रहे थे उन्होंने इंग्लैंड में 3000 मी. में दो और 1500 मी. में एक राष्ट्रीय रिकॉर्ड स्थापित किया था। 6 मई तक उनका यह रिकॉर्ड देश में सबसे पुराना ट्रैक रिकॉर्ड था। वाराणसी में जब व्हाट्सएप्प के ज़रिये 56 वर्षीय प्रसाद को अपने रिकॉर्ड टूटने की खबर मिली तो उनकी प्रतिक्रिया थी, ‘मेरा अनुमान है कि अविनाश और तेज़ दौड़ेंगे और अधिक रिकार्ड्स तोड़ेंगे। इन तीन दशकों के दौरान मेरी चाहत थी कि कोई मुझसे तेज़ दौड़े। यह एथलैटिक्स के लिए अच्छी खबर नहीं है कि देश में कोई रिकॉर्ड 30 वर्ष तक बरकरार रहे। मैं अविनाश को मुबारकबाद देना चाहता हूं और उनसे कहना चाहता हूं कि वह बड़े सपने देखें।’
वैसे भारत में सबसे पुराना एथलैटिक्स रिकॉर्ड मैराथन में शिवनाथ सिंह का है जो उन्होंने 1978 में रोड रेस में कायम किया था। बहरहाल अविनाश का एथलैटिक्स में विकास असाधारण रहा है। लगभग 7 वर्ष पहले तक वह सियाचिन में बतौर सेना हवलदार नियुक्त थे। इस कड़कती ठंड से उन्हें राजस्थान में पाकिस्तान सीमा के निकट लालगढ़ जट्टन के रेगिस्तान में ट्रांसफर कर दिया गया। अपने स्कूल रोज़ाना 12 कि.मी. पैदल जाने व लौटने वाले अविनाश को लक्की ब्रेक उस समय मिला जब सेना द्वारा आयोजित क्रॉस-कंट्री रेस ट्रेनिंग ग्रुप में उनका चयन कर लिया गया। अविनाश ने 2012 में महार रेजिमेंट ज्वाइन की थी और 2017 में वह क्रॉस-कंट्री से स्टीपलचेज़ की तरफ  आये। किस्मत से चयन के बाद अविनाश ने तेज़ी से ऊपर की तरफ  दौड़ लगाई और तीन राष्ट्रीय रिकार्ड्स अपने नाम करके वह इस समय देश के सर्वश्रेष्ठ एथलीट बन गये हैं। एथलैटिक्स फैडरेशन ऑफ इंडिया चाहती थी कि वह चीन में आयोजित होने वाले एशियन गेम्स (जो अब कोविड के कारण स्थगित हो गये हैं) में दोनों 3000 मी. स्टीपलचेज़ व 5000 मी. दौडें़ क्योंकि उनसे पदक लाने की संभावना अधिक है। अविनाश का वर्कलोड रोज़ाना 30-35 कि.मी. का है जिससे लम्बी दूरी की दौड़ या मैराथन में अच्छा समय निकालना आसान हो जाता है। 
-इमेज रिफ्लेक्शन सेंटर