किचन गार्डन का उठाएं पूरा लाभ 

घर चाहे अब छोटे होते जा रहे हैं, फिर भी लोगों का पौधे लगाने का शौक कम नहीं हुआ। पहले बड़े मकानों में आंगन के कुछ भाग को कुछ कच्चा रखा जाता था और मर्जी व जरूरत  के अनुसार पौधे लगाए जाते थे। अब आंगन तो घरों में होता नहीं और शहरों में  मल्टीस्टोरीड अपार्टमेंट बन गए हैं। फिर भी बालकनी या छत पर गमले रखकर लोग किचन गार्डनिंग का शौक पूरा कर लेते हैं। उन गमलों में पालक, पुदीना,धनिया,करीपत्ता, तुलसी, नींबू, मिर्च, टमाटर, प्याज लगा लेते हैं जिनका आवश्यकता होने पर प्रयोग किया जा सके।
पौधों से मिलती हैं ताजा हर्ब
बालकनी में गमले रखकर तुलसी, करीपत्ता तो आसानी से लगाया जा सकता है। सभी जानते हैं तुलसी और करीपत्ता इतने उपयोगी हर्ब्स हैं जिन्हें जब भी आवश्यकता पड़े, तोड़कर प्रयोग में लाया जा सकता है। करीपत्ते का प्रयोग अक्सर लोग सब्जी में त़ड़का लगाने के लिए करते हैं। इससे सुगंध भी अच्छी आती है और सेहत के लिए भी लाभप्रद है। 
बिन दवाइयों वाले सब्जी और साग
किचन गार्डन में आप बिना पेस्टिसाइडस वाली 

सब्जियां और साग प्राप्त कर सकते हैं। बाजार में तो हर फल सब्जी-साग कीटाणुनाशक दवा वाली ही मिलती है। घर पर उगी सब्जी, साग तो आप जानते हैं कि साफ पानी और साफ मिट्टी में पैदा की गई है। 
हैल्थ के लिए भी लाभदायक
धनिया, पुदीना, करीपत्ता, तुलसी घर पर अधिक मात्र में लगाएं ताकि इनका अधिक प्रयोग कर हम अपनी सेहत ठीक रख सकते हैं। बाहर से इन्हें लाने पर हम भूल भी जाते हैं और ताजे पत्ते भी प्राप्त नहीं हो सकते। घर पर होने के कारण आप इनका प्रयोग अधिक कर सकते हैं।
कीड़े- मकौड़े से भी बचाव
अगर बालकनी खाली पड़ी रहेगी तो उसमें हम फालतू सामान रखते जाएंगे जो कीड़े मकौड़ों की जन्म स्थली बन जाएगा। अगर हम पौधे लगाएंगे तो उनकी सफाई भी होती रहेगी और तुलसी, गैंदे के पौधों पर कीड़े मकौड़े भी कम आएंगे। जगह का सही उपयोग भी हो जाएगा।
सस्ती पड़ती हैं घर की सब्जियां
अगर जगह अधिक है या छत पर खेती करने की पूरी जानकारी है तो आप जो सब्जियां घर पर लगाते हैं, वे सस्ती पड़ती हैं और बाजार भी जाने की आवश्यकता नहीं पड़ती। 
समय का सदुपयोग
खाली समय में टीवी देखने या औरों के बारे में चर्चा करने से बेहतर आप्शन है गार्डनिंग करना। शुरू में माली की सहायता से गार्डनिंग करना सीखें फिर धीरे धीरे अपने शौक में इसे शामिल करें। संतुष्टि भी मिलेगी और समय का सही प्रयोग भी होगा और विचारों में सकारात्मकता भी बनी रहेगी। (उर्वशी)