हरियाणा के लोगों को इस बार के बजट से हैं बहुत उम्मीदें

 

हरियाणा सरकार का बजट सत्र 20 फरवरी से शुरू होने जा रहा है। इस बार प्रदेश के बजट से लोगों को भारी उम्मीदें हैं। अगले साल 2024 में लोकसभा चुनावों के अलावा हरियाणा विधानसभा के चुनाव भी होने हैं। अगले साल होने वाले चुनावों को देखते हुए उम्मीद की जा रही है कि इस बार प्रदेश का बजट पूरी तरह से चुनावी और लोकलुभावन बजट होगा। जिसमें लोगों को कुछ राहत देने और सभी वर्गों को खुश करने के लिए प्रयास किया जाएगा। हरियाणा में वित्त विभाग मुख्यमंत्री मनोहर लाल के पास है। इसलिए विधानसभा में मुख्यमंत्री ही बत्तौर वित्त मंत्री बजट पेश करेंगे। इससे पहले पिछले 3 बजट भी मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने ही पेश किए थे। 
पिछले साल से बजट सत्र में हरियाणा ने एक नई परंपरा शुरू की है। मुख्यमंत्री बजट से पहले न सिर्फ समाज के विभिन्न वर्गों से बजट के बारे विचार विमर्श करते हैं बल्कि विधानसभा में बजट पेश करने के बाद विधायकों की अलग-अलग कमेटियां बनाकर उनसे राय भी ली जाती है और बजट पेश करने और बजट पर चर्चा के बीच कुछ दिन तक विधानसभा की बैठक स्थगित रखी जाती है ताकि सभी विधायक बजट का व्यापक अध्ययन कर सकें और बजट पर चर्चा के दौरान पूरी तैयारी के साथ हिस्सा ले सकें। सो, इस बार भी बजट पेश होने के बाद कुछ दिन तक विधानसभा की कार्यवाही स्थगित रखने के बाद उसके बाद बजट पर बहस की जाएगी और फिर बजट पारित किया जाएगा। 
आन्दोलन की राह पर पंचायतें
हरियाणा में पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव होने के साथ ही नव-निर्वाचित सरपंच और पंचायतें आजकल आन्दोलन की राह पर है। सरकार ने पंचायतों द्वारा खर्च की जाने वाली राशि को लेकर अब यह तय कर दिया है कि 2 लाख रुपए से ज्यादा के जितने भी काम होंगे। वे सभी काम ई-टैंडर के जरिए करवाए जाएंगे। सरकार के इस फैसले को नवनिर्वाचित सरपंच और पंचायत सदस्य अपने अधिकारों को कम करने का प्रयास मान रहे हैं। इसी को लेकर सरपंचों और पंचायत सदस्यों में सरकार के प्रति भारी नाराज़गी है। पंचायती राज सदस्य आए दिन न सिर्फ धरने प्रदर्शन कर रहे हैं बल्कि मंत्रियों व विधायकों के खिलाफ गुस्सा भी निकाल रहे हैं। मुख्यमंत्री मनोहर लाल और पंचायत मंत्री देवेंद्र बबली ने पंचायत सदस्यों को यह समझाने का बहुत प्रयास किया था कि सरकार ने भ्रष्टाचार खत्म करने और पंचायती राज संस्थाओं के कामकाज में पारदर्शिता लाने के लिए ई-टैंडर व्यवस्था शुरू की है। लेकिन सरपंच और पंचायत सदस्य इस बात से सहमत नहीं है और उनका कहना है कि सरकार नवनिर्वाचित पंचायतों के अधिकारों को खत्म करके अफसरशाही को सारे अधिकार देने जा रही है। पंचायत सदस्यों का आन्दोलन पिछले कईं दिनों से चल रहा है और प्रदेश में जहां कहीं भी मुख्यमंत्री या मंत्रियों के कार्यक्रम होते हैं तो पंचायत सदस्य विरोध करने पहुंच जाते हैं। जिसके चलते पुलिस और प्रशासन को काफी मशक्कत करनी पड़ती है और आन्दोलनकारी पंचायत सदस्यों को हिरासत में लेकर कहीं दूर छोड़कर आना पड़ता है। अभी तक सरकार और पंचायत सदस्यों के बीच कोई सुलह का रास्ता नहीं बन रहा और दोनों पक्ष अपने-अपने स्टैंड पर अड़े हुए हैं। 
हाथ से हाथ जोड़ो अभियान
आजकल हरियाणा में कांग्रेस पार्टी का हाथ से हाथ जोड़ो अभियान चल रहा है। कांग्रेस के सभी छोटे-बड़े नेता हर गांव, वार्ड, हल्के व कस्बे में जाकर लोगों के बीच राहुल गांधी का संदेश दे रहे हैं और कांग्रेस की नीतियों से अवगत करवाने के साथ-साथ सरकार की नाकामियों को भी उजागर कर रहे हैं। आजकल हरियाणा कांग्रेस पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा गुट का वर्चस्व है। भूपेंद्र हुड्डा खुद नेता प्रतिपक्ष हैं और उनके बेटे दीपेंद्र हुड्डा हरियाणा से राज्यसभा सांसद हैं। इसके अलावा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष उदयभान भी भूपेंद्र हुड्डा के समर्थक हैं जिसके चलते हाथ से हाथ जोड़ो अभियान को सफल बनाने के लिए भूपेंद्र हुड्डा गुट के सभी छोटे-बड़े नेता काफी सक्रियता से लगे हुए हैं। सांसद दीपेंद्र हुड्डा इस अभियान में काफी सक्रियता निभा रहे हैं। इससे पहले राहुल गांधी दो बार भारत जोड़ो यात्रा के दौरान हरियाणा आए थे और उनकी यात्रा से भी हरियाणा के कांग्रेसियों में थोड़ी सक्रियता आ गई थी। पिछले करीब 9 सालों से हरियाणा में कांग्रेस पार्टी के संगठन का गठन नहीं हो पाया था, जिसके चलते कांग्रेस पार्टी हरियाणा में काफी कमजोर हो गई थी।
 अगले साल 2024 में लोकसभा व हरियाणा विधानसभा के चुनाव होने हैं। चुनावों के चलते जो-जो कांग्रेसी नेता चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं या कांग्रेस पार्टी की टिकट पाना चाहते हैं, वे अभी से ही पूरी तरह सक्रिय हो गए हैं। इसी के चलते प्रदेश में कांग्रेस नेताओं की गतिविधियों में कुछ तेजी आई है। भारत जोड़ो यात्रा और हाथ से हाथ जोड़ो अभियान का हरियाणा में कांग्रेस को मजबूत करने में कितना योगदान होगा, यह तो आने वाले कुछ दिनों में ही स्पष्ट हो पाएगा, लेकिन इतना साफ है कि इस बहाने से हरियाणा कांग्रेस के नेता इन दिनों में काफी सक्रिय नज़र आने लगे हैं। 
विज का जनता दरबार
हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज हर शनिवार को अंबाला में जनता दरबार लगाते हैं। यह दरबार आजकल बेहद चर्चा का विषय बना हुआ हैं। अनिल विज के दरबार में प्रदेश के कोने-कोने से लोग अपनी शिकायतों, दिक्कतों और परेशानियों का समाधान करवाने के लिए सुबह से ही आने शुरू हो जाते हैं और देर रात तक लोगों के आने का सिलसिला जारी रहता है। कई बार तो दरबार में हजारों लोग आते हैं और अनिल विज 7-8 घंटे से लेकर 12-13 घंटे तक भी लगातार जनता दरबार में बैठकर लोगों की शिकायतें सुनते हैं और अधिकारियों को तुरंत दिशा-निर्देश देकर लोगों की समस्या का समाधान करवाने का प्रयास भी करते हैं। कईं बार तो अनिल विज का जनता दरबार देर रात से लेकर तारीख बदलने तक भी जारी रहता है। अनिल विज की छवि एक दबंग राजनेता की है और वे किसी की शिकायत सुनने के बाद देर रात को अधिकारियों को कड़े से कड़े निर्देश देने में भी संकोच नहीं करते। यह भी माना जाता है कि लोगों की शिकायतों का अनिल विज के जनता दरबार में काफी हद तक समाधान हो जाता है। इसी के चलते ही लोग दूर-दूर से हर शनिवार अनिल विज के दरबार में अपनी शिकायत लेकर आते हैं और अनिल विज के दरबार में इतनी भीड़ होती है कि जैसे कोई बहुत बड़ी रैली हो रही हो। जनता दरबार में बढ़ रही भीड़ को गृह मंत्री की बढ़ती लोकप्रियता का भी पैमाना माना जाता है। -मो.-9855465946