प्रधानमंत्री उमीदवार के लिए विपक्षी दलों को आम सहमति बनानी पड़ेगी

ख्ख्ब् के लोकसभा चुनावों से पहले विपक्षी दलों द्वारा संयुत रूप से प्रधानमंत्री पद के उमीदवार के रूप में शरद पवार, नितीश कुमार तथा ममता बैनर्जी के नाम शामिल करने की सभावना है, परन्तु राहुल गांधी की 'भारत जोड़ो यात्रा' को मिले भारी समर्थन के बाद, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष का नाम प्रधानमंत्री पद के लिए बराबर के मज़बूत उमीदवार के रूप में उभर कर सामने आया है। हालांकि इस तरह का अहम फैसला कर्नाटक, मध्य प्रदेश, राजस्थान तथा छाीसगढ़ के विधानसभा चुनावों के बाद ही लिया जा सकता है तथा वास्तव में तभी विपक्षी दलों की एकता बन सकती है। कांग्रेस पहले से ही महाराष्ट्र, बिहार तथा तमिलनाडू में अन्य पार्टियों के साथ एक मज़बूत गठबंधन में है। बिहार में गठबंधन में दाएं से बाएं अलग-अलग विचारधाराओं वाली पार्टियां हैं। प्रदेश भाजपा को कोई मज़बूत तथा शतिशाली सहयोगी नहीं मिल सका तथा वह पूरी तरह अलग पड़ गई है। महाराष्ट्र में भी यही हकीक़त है। यहां कट्टर दक्षिणपंथी शिव सेना, एन.सी.पी. के साथ कांग्रेस की भागीदारी है। शिव सेना में बड़ी दरार के बाद भी यह एक मज़बूत गठबंधन है। हालांकि यह स्पष्ट है कि राहुल गांधी ख्ख्ब् से पहले विपक्षी दलों की एकता को मज़बूत करने के महवपूर्ण मुद्दों पर बल दे रहे हैं, परन्तु उन्हें इस लक्ष्य की पूर्ति के लिए और प्रयास करने होंगे तथा प्रभावी रणनीति तैयार करनी होगी। नड्डा का बस्तर दौरा छाीसगढ़ में विधानसभा चुनावों से पहले तथा आदिवासी मतों पर नज़र रखने के लिए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा क्क् फरवरी को बस्तर ज़िले में आदिवासी बहुसंयक क्षेत्र में एक रैली करने जा रहे हैं। आदिवासियों का विश्वास जीतने के लिए भाजपा कोई कमी नहीं छोड़ रही। ज़िले की क्ख् सीटों के साथ, बस्तर छाीसगढ़ में सरकार बनाने में अहम भूमिका निभाता है तथा ये सीटें भाजपा के लिए प्रमुख प्राथमिकता बनी हुई हैं। इस दौरान मुयमंत्री भूपेश बघेल छाीसगढ़ की क्षेत्रीय पहचान में समान पैदा करने, ग्रामीण लोगों के लिए जन-कल्याण योजनाओं को उत्साहित करने तथा भाजपा से निपटने हेतु एक उचित रणनीति बनाने के अलावा अपनी सरकार की साा में वापिसी सुनिश्चित बनाने का पूरा प्रयास कर रहे हैं। हालांकि शुरुआत में शोर मचाने वाली आम आदमी पार्टी का प्रदर्शन ठीक दिखाई नहीं दे रहा, जबकि जनता कांग्रेस आपस में बंटी हुई है तथा अपने लोकप्रिय संस्थापक अजीत योगी के निधन के बाद कोई मार्गदर्शक या योजना धारक नहीं दिखाई दे रहा है। कुशवाहा बनाम नितीश कुमार जनता दल (यूनाइटिड) नेता उपेन्द्र कुशवाहा तथा मुयमंत्री नितीश कुमार के बीच दरार और बढ़ गई है। इससे पहले जे.डी. (यू.) ने अपने असन्तुष्ट नेता उपेन्द्र कुशवाहा को कहा कि यदि उनके पास राजनीतिक नैतिकता का एक अंश भी बचा है तो वह पार्टी से त्याग-पत्र दे दें। कुशवाहा ने कहा कि पार्टी को राष्ट्रीय जनता दल (आर.जे.डी.) के उप-मुयमंत्री तेजस्वी यादव की बजाये ख्ख्भ् के बिहार विधानसभा चुनावों के चेहरे के रूप में पार्टी से ही किसी को चुना जाना चाहिए। कुशवाहा ने क्--ख् फरवरी को पटना में पार्टी कार्यकर्ताओं की बैठक भी बुलाई है। उन्होंने कहा कि जे.डी.यू. स्वर्गीय नेता शरद यादव द्वारा बनाई गई पार्टी है न कि नितीश कुमार ने जिन्होंने समता पार्टी बनाई थी। कांग्रेस का त्त्भ्वां पार्टी अधिवेशन अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ने फैसला किया है कि कांग्रेस का त्त्भ्वां पूर्ण अधिवेशन ख्ब्-ख्म् फरवरी को रायपुर, छाीसगढ़ में करवाया जाएगा। तीन दिवसीय मैगा समेलन में देश भर से पार्टी के लगभग सभी बड़े नेता भाग लेंगे। इस समारोह में महंगाई, बेरोज़गारी, भारत-चीन संबंधों, ख्ख्ब् के लोकसभा चुनाव हेतु रणनीति बनाने संबंधी तथा चुनावों से पहले तथा बाद के गठबंधन करने जैसे मुद्दों पर अहम रूप से चर्चा की जाएगी। इस समेलन में सभी प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पी.सी.सी.) के प्रतिनिधिमंडल मल्लिकार्जुन खड़गे की अध्यक्षता में इकट्ठे होंगे। कांग्रेस ने इस तीन दिवसीय त्त्भ्वें पूर्ण अधिवेशन के लिए आयोजन समिति भी बनाई है, जिसके तहत कोषाध्यक्ष पवन बंसल को चेयरमैन बनाया गया है, जबकि पार्टी के तीन मुयमंत्रियों को विशेष रूप से निमंत्रण दिया गया है। कांग्रेस ने छाीसगढ़ कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम के नेतृत्व में एक रिस्पैशन कमेटी का भी गठन किया है, प्रदेश के मुयमंत्री भूपेश बघेल इसके उप-चेयरमैन हैं। इसके अलावा अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (ए.आई.सी.सी.) के महासचिव तारिक अनवर को आयोजन कमेटी का कन्वीनर नियुत किया गया है। कमलनाथ पर कांग्रेस दोफाड़ मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों से पहले भोपाल शहर में कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा 'नव वर्ष नई सरकार' तथा 'भावी मुयमंत्री कमलनाथ' (भविष्य के मुयमंत्री कमलनाथ) लिखे होर्डिन्गज़ तथा पोस्टर लगाए गए थे। हालांकि ठीक एक माह के बाद मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष अरुण यादव ने कमलनाथ को मध्य प्रदेश में पार्टी के भविष्य  के मुयमंत्री उमीदवार के रूप में पेश करने के प्रस्ताव पर सवाल उठाया है। यादव ने कहा कि चुनाव जीतने के बाद ही यह तय किया जाना चाहिए कि मध्य प्रदेश का मुयमंत्री कौन होगा, वर्तमान में कमलनाथ मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष हैं। उन्होंने यह भी कहा कि वह सभी उनके नेतृत्व में काम कर रहे हैं। हालांकि पूर्व विपक्षी गुट के नेता अजय सिंह कांग्रेस की सरकार बनने की स्थिति में उच्च पद के उमीदवार के रूप में अरुण यादव के समर्थन में खुल कर बोले हैं। इससे पूर्व मध्य प्रदेश के लिए कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रभारी जे.पी. अग्रवाल ने कहा था कि पार्टी ने अभी तक प्रदेश में अपने मुयमंत्री चेहरे के चयन की प्रक्रिया को अंतिम रूप नहीं दिया है। उधर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा है कि उनकी प्रदेश के मुयमंत्री बनने में कोई दिलचस्पी नहीं है। (आई.पी.ए.)