राजस्थान में कांग्रेस उतारेगी हैवीवेट प्रत्याशी

कांग्रेस पार्टी ने आगामी लोकसभा चुनाव में राजस्थान के लिए अभी किसी प्रत्याशी के नाम की घोषणा नहीं की है जबकि भाजपा ने 25 में से 15 सीटों पर प्रत्याशियों के नाम घोषित कर दिए हैं। कांग्रेस चुनाव समिति द्वारा अभी तक देशभर में कुल 39 उम्मीदवारों के नाम की घोषणा की गई है। आने वाले एक-दो दिनों में कांग्रेस पार्टी द्वारा कई अन्य प्रत्याशियों के नाम की घोषणा की जाने वाली है। राजस्थान में प्रत्याशियों के नाम की घोषणा में देरी के पीछे कांग्रेस पार्टी द्वारा प्रदेश में दो क्षेत्रीय दलों से चुनावी गठबंधन करने की संभावना को बताया जा रहा है। राजस्थान में पिछले दो बार से लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी का खाता भी नहीं खुल पाया था। प्रदेश की सभी 25 लोकसभा सीटों पर दोनों बार भाजपा के प्रत्याशी जीते थे, मगर इस बार के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ऐसे प्रत्याशियों को मैदान में उतारना चाहती है जो भाजपा प्रत्याशियों को कड़ी टककर तो देंगे ही, साथ ही प्रदेश में जीत का खाता भी खोल सकेंगे। तीन महीने पहले विधानसभा चुनाव में हार चुकी कांग्रेस पार्टी के पास अब प्रदेश में खोने को कुछ नहीं बचा है।
ऐसे में कांग्रेस के केंद्रीय नेताओं का मानना है कि आगामी लोकसभा चुनाव में कांग्रेस करो या मरो की नीति पर चलते हुए पूरी ताकत के साथ चुनाव लड़ेगी। इसी श्रृंखला में कांग्रेस के सभी प्रदेश स्तरीय बड़े नेताओं को भी चुनाव मैदान में उतारा जायेगा। हालांकि कांग्रेस के कई बड़े नेता लोकसभा चुनाव लड़ने में आनाकानी कर रहे हैं मगर कांग्रेस आलाकमान ने जिस तरह से छत्तीसगढ़ में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को मैदान में उतारा है, उसको देखकर लगता है कि अब राजस्थान में भी कांग्रेस के बड़े नेताओं को चुनाव लड़ना ही पड़ेगा।
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत राजस्थान में कांग्रेस के सबसे बड़े नेता माने जाते हैं, लेकिन उनके गृह क्षेत्र जोधपुर में दो बार से लगातार कांग्रेस हार रही है। पिछली बार तो उनके पुत्र वैभव गहलोत भाजपा के केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से करीबन 3 लाख से अधिक मतों से चुनाव हार गए थे। इसलिए इस बार कांग्रेस आलाकमान स्वयं अशोक गहलोत को जोधपुर से चुनाव मैदान में उतारने जा रहा है। अशोक गहलोत जोधपुर से पांच बार सांसद तथा जोधपुर संसदीय क्षेत्र के ही सरदारपुर से छठी बार विधायक बने हैं। ऐसे में अशोक गहलोत के खुद के चुनाव लड़ने से चुनावी मुकाबला कांटे का होने की संभावना जताई जा रही है। अशोक गहलोत के लोकसभा चुनाव लड़ने का असर प्रदेश की अन्य लोकसभा सीटों पर भी पड़ेगा और कांग्रेस पार्टी मज़बूत होगी।
इसी तरह कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव व पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट को टोंक-सवाई माधोपुर सीट से चुनाव मैदान में उतारा जाएगा। पायलट अभी टोंक से विधायक हैं तथा पूर्व में दौसा व अजमेर से सांसद रह चुके हैं। प्रदेश कांग्रेसाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा को सीकर लोकसभा सीट से चुनाव लड़वाया जाएगा। डोटासरा सीकर लोकसभा क्षेत्र के लक्ष्मणगढ़ से चौथी बार विधायक का चुनाव जीते हैं। पिछली गहलोत सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे गोविंद राम मेघवाल को बीकानेर सुरक्षित सीट से चुनाव लड़वाया जाएगा।
पूर्व मंत्री मुरारीलाल मीणा को दौसा संसदीय सीट से चुनाव लड़वाया जाएगा। पिछली बार उनकी पत्नी सविता मीणा को टिकट दिया गया था जो भाजपा की जसकौर मीणा से 78444 वोटों से चुनाव हार गई थीं। अजमेर से पूर्व सांसद व पूर्व मंत्री रघु शर्मा को चुनाव लड़वाये जाने की चर्चा चल रही है। रघु शर्मा इस बार केकड़ी से विधानसभा चुनाव हार गये हैं। बाड़मेर से पूर्व मंत्री हरीश चौधरी को चुनाव लड़वाया जा सकता है। हरीश चौधरी अभी विधायक भी हैं तथा पूर्व में बाड़मेर से सांसद भी रह चुके हैं।

  1. पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी को राजसमंद और कोटा से पूर्व मंत्री शांति धारीवाल को चुनाव लड़वाने की चर्चा चल रही है। धारीवाल वर्तमान में कोटा उत्तर से विधायक हैं। झालावाड़ सीट से पूर्व मंत्री प्रमोद जैन भाया का नाम चर्चाओं में है। उदयपुर सीट से रघुवीर मीणा को चुनाव लड़वाने की चर्चा है। हालांकि रघुवीर मीणा पिछले कई चुनाव हार चुके हैं मगर फिर भी वह उदयपुर से कांग्रेस के सबसे मजबूत उम्मीदवार के तौर पर उभरे हैं। वह पूर्व में उदयपुर से सांसद हुए कई बार विधायक रह चुके हैं। महेंद्रजीत सिंह मालवीय के भाजपा में जाने के बाद बांसवाड़ा-डूंगरपुर सीट पर मौजूदा विधायक नानालाल निभाना की दावेदारी मजबूत हो रही है। हालांकि कांग्रेस भारतीय आदिवासी पार्टी से गठबंधन पर चर्चा कर रही है। यदि गठबंधन होता है तो बांसवाड़ा सीट कांग्रेस को छोड़नी पड़ेगी। राजस्थान में कांग्रेस हनुमान बेनीवाल की राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी तथा भारतीय आदिवासी पार्टी के साथ चुनावी गठबंधन कर प्रदेश में इंडिया गठबंधन को मजबूत कर चुनाव लड़ना चाहती है। राजस्थान में दोनो क्षेत्रीय पार्टियों से गठबंधन होने की घोषणा के साथ ही कांग्रेस अपने प्रत्याशियों के नामों की सूची भी जारी कर देगी।