कौशल विकास और रोज़गार के मौके बढ़ाना मोदी सरकार की विशेष प्राथमिकता

युवा किसी भी राष्ट्र की प्रगति, विकास, समृद्धि तथा गतिशीलता की नींव होते हैं। कुछ नया सीखने की ललक, कार्य करने की क्षमता तथा नई उपलब्धियां हासिल करने की ऊर्जा युवाओं को एक ज़िम्मेदार नागरिक बनाती है। भारत में दुनिया की सबसे बड़ी युवा आबादी है, जहां 66 प्रतिशत लोग 35 साल से कम उम्र के हैं। भारत के युवाओं की देश के भविष्य को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका होगी क्योंकि इसका लक्ष्य 2047 तक एक विकसित भारत बनना है। भारत की अद्वितीय क्षमता का अंदाजा इसी तथ्य से लगाया जा सकता है कि देश में 54.7 करोड़ व्यक्तियों का कार्यबल है, जो 140 करोड़ भारतीय आबादी का 41 प्रतिशत है। इतना ही नहीं,  2047 तक वैश्विक कार्यबल का अनुमानित 21 प्रतिशत भारत को अपना घर कहेगा।
कोई आश्चर्य नहीं, दूरदर्शी प्रधानमंत्री मोदी ने युवाओं को विकसित भारत का आधार बनाने वाले चार महत्वपूर्ण स्तंभों में से एक के रूप में मान्यता दी है। चार ‘ई’ — एजुकेशन, एम्प्लॉयमेंट, एन्त्रप्रेन्योरशिप तथा एक्सीलेंस (शिक्षा, रोज़गार, उद्यमिता और उत्कृष्टता) — पर ध्यान केंद्रित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने युवाओं के मार्ग में आने वाली बाधाओं को दूर करने, उनकी आकांक्षाओं को पूरा करने और उनके लिए अनगिनत अवसर उत्पन्न करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है।
शिक्षा और कौशल विकास 
भारत में शिक्षा और कौशल में अद्वितीय विकास हुआ है। देश में प्रमुख उच्च शिक्षा संस्थानों में सीटों की संख्या में बढ़ौतरी की गई है। आईआईटी की संख्या 2014 में 16 से बढ़कर 2022 में 23 हो गई। इसके साथ ही देश में आईआईएम 13 से बढ़कर 20 तथा आईआईआईटी की संख्या 9 से बढ़कर 25 हो गई है। वर्तमान में 1,07,948 एमबीबीएस सीटें उपलब्ध हैं, जो 2013-14 में 51,000 से अधिक हैं। स्नातकोत्तर सीटों की संख्या में भी बढ़ौतरी हुई है, जो 2014 में 31,185 से बढ़कर वर्तमान में 67,802 हो गई है। 
साल 2014 तक देश में 7 एम्स और 390 से भी कम मैडीकल कॉलेज थे जबकि, प्रधानमंत्री मोदी सरकार ने 2014 से 2022 तक 16 एम्स, 315 मैडीकल कॉलेज और 157 नर्सिंग कॉलेज स्थापित किए हैं। साल 2023 तक विश्वविद्यालयों की संख्या 1,168,  कॉलेजों की संख्या 45,473 और स्टैंड अलोन संस्थानों की संख्या 12,002 तक पहुंच गई है। तीन भारतीय संस्थानों को क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग के शीर्ष 200 में स्थान मिला है, और रिकॉर्ड 71 भारतीय विश्वविद्यालय ‘द वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग’ में शामिल हुए हैं।
 प्रधानमंत्री मोदी सरकार के प्रयासों के परिणामस्वरूप देश में स्कूल ड्रॉपआउट दर 2014 के 20.2 प्रतिशत से घटकर वर्तमान में 12.6 प्रतिशत हो गई है। अटल इनोवेशन मिशन के तहत नवाचार को बढ़ावा देने के लिए 10,000 अटल टिंकरिंग लैब स्थापित की गई हैं। इसमें 1 करोड़ से अधिक छात्र लाभान्वित हुए हैं। 
रोज़गार एवं उद्यमिता
पिछले दशक में प्रधानमंत्री मोदी सरकार ने पिछली सरकार की तुलना में लगभग 1.5 गुना अधिक सरकारी नौकरियां प्रदान की हैं। इसके अलावा, 2014 से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शासनकाल के दौरान आईटीए विनिर्माण, व्यापार और परिवहन सहित नौ संगठित क्षेत्रों में 1.5 करोड़ से अधिक नौकरियां उत्पन्न हुई हैं।
रोज़गार सृजन के अलावा प्रधानमंत्री मोदी सरकार ने ‘स्टार्टअप इंडिया स्टैंडअप इंडिया’ जैसी पहल के साथ उद्यमिता निर्माण के लिए अनेक प्रयास किए हैं, जिससे युवाओं के लिए रोज़गार के लाखों अवसर पैदा हुए हैं। आज भारत में हर घंटे चार स्टार्टअप जुड़ रहे हैं, जो विश्व स्तर पर उच्चतम दर है। भारत में साल 2014 में केवल 350 स्टार्टअप थे जबकि आज, भारत लगभग 1.25 लाख स्टार्टअप के साथ दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम है।
यूनिकॉर्न से डेकाकॉर्न तक
यूनिकॉर्न देश के उद्यमशीलता परिदृश्य में योगदान दे रहे हैं।  भारत अब वैश्विक स्तर पर 10 यूनिकॉर्न में से 1 का घर है, अब तक 111 यूनिकॉर्न हैं और 355 होनहार यूनिकॉर्न जल्द ही इस रैंक में शामिल होने के लिए तैयार हैं। यह प्रधानमंत्री मोदी सरकार के तहत भारतीय स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र की गतिशील और समृद्ध प्रकृति को प्रदर्शित करता है। कई भारतीय यूनिकॉर्न डेकाकॉर्न बनने की राह पर अग्रसर हैं (10 अरब डॉलर का मूल्यांकन प्राप्त कर रहे हैं)।
विनियमन में सुधार
विश्व बैंक की डूइंग बिजनेस रिपोर्ट 2020 में भारत 63वें स्थान पर है, जो 2015 में 142वें स्थान से 79 रैंक की जबरदस्त वृद्धि हासिल की है। 2016 के बाद से मोदी सरकार ने ब्रिटिश काल के 2,000 से अधिक केंद्रीय कानूनों और 40,000 से अधिक अनुपालनों को समाप्त कर दिया है। व्यापार करने में आसानी में सुधार, पूंजी जुटाने की सुविधा और अनुपालन बोझ को कम करने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।  
साल 2014-15 में पंजीकृत पेटेंट की संख्या 5978 थी जो 2023 में आठ गुना बढोतरी के साथ 47735 हो गई है। इसी प्रकार पंजीकृत डिज़ाइनों की संख्या में भी 2014-15 में 7147 से दोगुनी वृद्धि दर्ज की गई है जो साल 2023-24 में 15506 हो गई है। 
डिजिटल क्रांति
आयात के कारण 2014 तक अधिकांश मोबाइल फोन महंगे थे। लेकिन आज भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल फोन उत्पादक और निर्यातक है। इसके फलस्वरूप मोबाइल फोन अब अधिक किफायती हो गए हैं। अब प्रधानमंत्री मोदी ने विश्व स्तर पर उपलब्ध सबसे कम डेटा दरों की पेशकश करने के लिए नियम विकसित किए हैं।
खेल एवं खिलाड़ियों को प्रोत्साहन
देश के युवाओं को कौशल और रोज़गार से जोड़ने के लिए खेल अर्थव्यवस्था को मजबूत करते हुए प्रधानमंत्री मोदी सरकार ने खेल और खिलाड़ियों को अभूतपूर्व समर्थन दिया है। युवा मामले और खेल मंत्रालय का बजट 2014-15 और 2023-24 के बीच 107 प्रतिशत बढ़कर 1,643 करोड़ रुपये से 3397.32 करोड़ रुपये हो गया। इसके परिणामस्वरूप आज भारत एक प्रमुख खेल शक्ति बनने की ओर अग्रसर है।
पहली बार भारत ने न सिर्फ पहली बार एशियाई खेलों में 100 से अधिक पदक जीते। बल्कि पैरा एशियाई खेलों में भी 100 से अधिक पदकों के साथ शीर्ष पर रहा। भारत ने 7 पदकों के साथ टोक्यो 2020 ओलंपिक में रिकॉर्ड बनाया है। इसमें कोई संदेह नहीं है कि युवा 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने का  मोदी सरकार का लक्ष्य युवाओं को सबसे अधिक लाभ पहुंचाएगा। भारत के युवाओं को अपना भविष्य उज्जवल बनाने में अब कोई रोक नहीं सकता है।

-सांसद, राज्य सभा