यैलो, रैड और ओरेंज अलर्ट क्या होता है ?

प्यारे बच्चो, आप अकसर ही खबरों में या समाचार पत्रों में मौसम के साथ जुड़ी खबरें सुनते हो या पढ़ते हो तो मौसम विभाग द्वारा जारी किए अलर्ट का पता लगता है। मौसम विभाग द्वारा तीन प्रकार के अलर्ट जारी किए जाते है, यह है यैलो यानी पीला, रैड यानी लाल और ओरेंज यानी संतरी। ये तीनों अलग-अलग स्थिति में जारी किए जाते हैं। तीनों के मतलब भी अलग-अलग होते हैं। इनके ऐलान का कई तरह के मापदंडों से पता लगता है। बारिश, बर्फ, गरज़, तूफान, ओलावृष्टि, आंधी, गर्म या ठंडी हवाएं, हवा की चाल, धुंध आदि मौसमी हालातों को देखकर अलर्ट जारी होते है।
यैलो अलर्ट
मौसम विभाग द्वारा यैलो अलर्ट चेतावनी के रूप में किया जाता है। इसका मकसद लोगों को आने वाले समय में चौकन्ना करना होता है। होने वाले खराब मौसम के लिए तैयार रहने के लिए कहा जाता है। इसके साथ रोज़ाना ज़िंदगी में विघ्न पड़ सकता है। यैलो अलर्ट के दौरान 24 घंटों में बारिश 64.5 मिलीमीटर से 115.5 मिलीमीटर के बीच हो सकती है।
ओरेंज अलर्ट
औरंज अलर्ट बहुत ही खराब मौसम के समय जारी किया जाता है और लोगों को तैयार रहने के लिए कहा जाता है। इस दौरान बारिश, आंधी ओलावृष्टि, बिजली सप्लाई में विघन, वृक्ष गिरने, सड़क, रेल और हवाई यातायात पर प्रभाव पड़ता है। औरंज अलर्ट दौरान भारी से बहुत भारी वर्षा हो सकती है। इस दौरान 115.6 मिलीमीटर से 204.4 मिलीमीटर के बीच वर्षा हो सकती है।
रैड अलर्ट
रैड अलर्ट अत्यन्त खराब मौसम हालातों के समय जारी किया जाता है। यातायात और बिजली सप्लाई को प्रभावित करता है। जान को भी खतरा हो सकता है। इसके दौरान 204.5 मिलीमीटर से भी अधिक वर्षा हो सकती है।
भारत में भारतीय मौसम विभाग (आई.एम.डी.) द्वारा मौसम की जानकारी दी जाती है। इसकी स्थापना सन् 1875 में हुई थी।
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