ऑटोप्सी क्या है ?

‘दीदी, अक्सर अखबारों में पढ़ने को मिलता है कि कोई व्यक्ति किसी रोग से या अज्ञात कारणों से मरा या उसकी हत्या हुई तो उसके शव की ऑटोप्सी की गई। यह ऑटोप्सी क्या है?’
‘यूनानी शब्द ऑटोप्सिया, जिसका अर्थ है ‘स्वयं देखना’, से ऑटोप्सी बना है। मृत्यु के बाद जो शरीर की जांच की जाती है उसे ऑटोप्सी कहते हैं।’
‘लेकिन वह तो पोस्टमार्टम होता है।’
‘इंग्लैंड व जहां ग्रेट ब्रिटेन का शासन रहा, जैसे भारतीय उपमहाद्वीप, में ऑटोप्सी को पोस्टमार्टम भी कहते हैं। पोस्ट का अर्थ होता है बाद में और मार्टम का अर्थ होता है मृत्यु।’
‘तो ऑटोप्सी का मकसद क्या है?’
‘मृत्यु का कारण तय करने का प्रयास।’
‘और ऑटोप्सी किस तरह से की जाती है?’
‘शरीर के अंगों की जांच करके और शरीर से जो टिश्यू के टुकड़े लिए गये हैं, उनका माइक्रोस्कोपिक व रसायनिक अध्ययन करके।’
‘क्या ऑटोप्सी करने के लिए किसी की अनुमति भी लेनी पड़ती है?’
‘यह सर्जिकल ऑपरेशन की तरह ही है, इसलिए निकटतम रिश्तेदार की अनुमति लेना आवश्यक होता है और इसे सरकारी मैडीकल अधिकारी की निगरानी में किया जाता है। ऑटोप्सी इस तरह से की जाती है कि शरीर की कम से कम चीरफाड़ हो। जब मृत व्यक्ति का अंतिम संस्कार किया जाता है तो ऑटोप्सी का ज़ाहिरी साक्ष्य नहीं होता है।’
‘जिस व्यक्ति की हत्या हुई हो उसकी ऑटोप्सी किया जाना तो समझ में आता है, लेकिन बीमारी से मरे व्यक्ति की ऑटोप्सी क्यों की जाती है?’
‘कभी-कभार डॉक्टर को व्यक्ति की मौत का असल कारण मालूम नहीं होता है। ऑटोप्सी से इस समस्या का समाधान संभव है और इस तरह भविष्य की समान स्थिति में किसी का जीवन बचाया जा सकता है। ऑटोप्सी में रोग के बारे में कुछ ऐसी बात सामने आ सकती है जो बाकी जीवित रिश्तेदारों की जान बचाने के लिए महत्वपूर्ण हो। कभी-कभी मृतक की पहचान करने के लिए भी ऑटोप्सी की जाती है, जब अन्य तरीकों से पहचान न हो पा रही हो। ऑटोप्सी से मृत्यु का समय भी निर्धारित किया जाता है, जब व्यक्ति अज्ञात कारणों से मरा हो या हिंसा की वजह से। सैंकड़ों वर्ष पहले जो ऑटोप्सी की गईं उनसे मानव शरीर की जानकारी मिलनी शुरू हुई और साइंस ऑफ एनाटोमी की बुनियाद रखी गई।’

-इमेज रिफ्लेक्शन सेंटर