बहुत दूर तक जाएगी ममता के विरोध की यह आंच

कोलकाता के आर.जी. कर अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर से रेप और फिर उनकी हत्या के बाद देशभर में विरोध की जो चिंगारी सुलगी है, कोलकाता उसका एपिसेंटर है। 9 अगस्त को सामने आई घटना के बाद से जारी विरोध प्रदर्शन अब तक थमा नहीं है बल्कि इसका दायरा और लोगों के बीच आक्रोश लगातार बढ़ता ही जा रहा है। पहले कोलकाता सहित देशभर में डॉक्टरों का प्रदर्शन, फिर इस मामले में छात्र संगठनों के विरोध प्रदर्शन ने लोगों के गुस्से को आंदोलन की शक्ल दे दी है। उसके बाद बुधवार को भाजपा बंद के बाद यह आंदोलन लाठी और गोली व बड़े तकरार तक पहुंच गया। ममता व भाजपा के बीच ‘वाक् -युद्ध’ की जंग छिड़ गई।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि आर.जी. कर की घटना के खिलाफ उमड़ा आक्रोश अब ममता बनर्जी सरकार के लिए सबसे बड़ा सिरदर्द बनता जा रहा है। एक विश्लेषक विश्वनाथ घोष कहते हैं, ‘दरअसल, शुरुआती गलतियों के कारण आम लोगों में यह संदेश गया है कि ममता बनर्जी सरकार इस मामले की लीपापोती का प्रयास करना चाहती है। इस विरोध प्रदर्शन में सियासत का रंग भी गाढ़ा होने लगा है। सीपीएम व कांग्रेस के अलावा भाजपा और आरएसएस के लोग भी इसमें शामिल हो गए हैं। ऐसे में इस मामले के लंबा खिंचने के आसार हैं। सीबीआई को इस घटना की जांच सौंपने के बावजूद सरकार के खिलाफ लोगों की नाराज़गी कम होने का नाम नहीं ले रही है।’ कोलकाता से आए कुछ जानकार लोग बताते है कि कोलकाता में ममता बनर्जी के खिलाप लोगों का ऐसा गुस्सा उन्होंने पहले कभी नहीं देखा। लोग ममता से बेहद नाराज़ हैं। नाराज़गी की सबसे बड़ी वजह लेडी डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या के बाद प्रिंसीपल को बचाने की कोशिश, आधी रात में सबूतों को मिटाने की कोशिश और फिर पुलिस कमिश्नर की दादागिरी। एक के बाद एक ऐसी घटनाएं होती गईं कि लोगों का गुस्सा बढ़ता गया और अब ये नाराज़गी सड़कों पर दिखाई दी। इस प्रोटेस्ट को संयम के साथ कंट्रोल करने की बजाय कोलकाता पुलिस ने बर्बरता का रास्ता चुना जिससे लोगों में आक्रोश और बढ़ गया। आज भी इस बात के संकेत मिले कि ममता बनर्जी नरम होने को तैयार नहीं हैं। उनकी पार्टी के लोगों ने पुलिस के साथ मिलकर छात्रों के मार्च व भाजपा के बंद को फेल करवाने में पूरा जोर लगा दिया था।
कोलकाता रेप-मर्डर केस को लेकर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का भी बयान आया है। उन्होंने कहा कि मैं घटना को लेकर निराश और डरी हुई हूं। ऐसी घटनाओं को भूल जाना समाज की खराब आदत है। उन्होंने आगे कहा कि जब स्टूडेंट्स, डॉक्टर्स और नागरिक कोलकाता में प्रोटेस्ट कर रहे थे, तो अपराधी दूसरी जगहों पर शिकार खोज रहे थे। कोई भी सभ्य समाज अपनी बेटियों और बहनों पर इस तरह के अत्याचारों की इजाजत नहीं दे सकता। देश के लोगों का गुस्सा जायज है, मैं भी गुस्से में हूं।
गौरतलब है कि रेप और हत्या की घटना की आंच अब पश्चिम बंगाल के सबसे बड़े त्योहार दुर्गा पूजा तक भी पहुंचने लगी है। कोलकाता में यौनकर्मियों के सबसे प्रमुख संगठन दुर्बार महिला समन्वय समिति ने जहां दुर्गा प्रतिमा के लिए सोनागाची इलाके की मिट्टी देने से मना कर दिया है, वहीं कई पूजा आयोजन समितियों ने इस घटना के विरोध में सरकार की ओर से मिलने वाली अनुदान की रकम ठुकरा दी है। ज्ञात हो कि कोलकाता में यौनकर्मियों के सबसे बड़े मोहल्ले सोनागाछी की मिट्टी के बिना दुर्गा प्रतिमा का निर्माण नहीं किया जा सकता। आखिर इतने पवित्र आयोजन के लिए समाज में उपेक्षित समझे जाने वाले रेड लाइट इलाके की मिट्टी क्यों ली जाती है? एक बेहद पौराणिक मान्यता के मुताबिक बहुत पहले एक यौनकर्मी देवी दुर्गा की बहुत बड़ी उपासक थी लेकिन समाज से बहिष्कृत उस यौनकर्मी को तरह-तरह की यातनाओं का सामना करना पड़ता था। माना जाता है कि अपनी भक्त को इसी तिरस्कार से बचाने के लिए दुर्गा ने स्वयं आदेश देकर उसके आंगन की मिट्टी से अपनी मूर्ति स्थापित करवाने की परंपरा शुरू करवाई थी। साथ ही देवी ने उसे वरदान भी दिया था कि उसके यहां की मिट्टी के उपयोग के बिना प्रतिमाएं पूरी नहीं होंगी।
लेकिन यौनकर्मियों के सबसे प्रमुख संगठन दुर्बार महिला समन्वय समिति ने इस बार अपने इलाके की मिट्टी देने से इंकार कर दिया है। संगठन ने कहा है कि आर.जी. कर की घटना में न्याय नहीं मिलने तक वो अपने इलाके की मिट्टी किसी भी मूर्तिकार को नहीं देगा। संगठन की अध्यक्ष बिशाखा लस्कर ने डीडब्ल्यू से कहा, ‘दुर्गा शक्ति का प्रतीक हैं लेकिन राज्य में जब महिला के साथ लगातार अत्याचार हो रहा है तो हम आखिर दुर्गा प्रतिमा के निर्माण के लिए मिट्टी क्यों दें?’
वह कहती हैं कि बंगाल में पूरे साल महिलाओं के साथ अत्याचार और यौन उत्पीड़न की घटनाएं हो रही हैं। आर.जी. कर की घटना हमारे सामने है। ऐसे में चार दिनों तक मां दुर्गा की आराधना करना बेमतलब है। वह भी महिला शक्ति का ही स्वरूप हैं। बिशाखा कहती हैं कि मूर्ति के लिए मिट्टी देने से मना करने का आर.जी. कर की घटना में त्वरित न्याय के साथ ही हम रेड लाइट इलाके में रहने वाली यौनकर्मियों को सम्मान की निगाह से देखने की भी मांग कर रहे हैं। अमूमन सिर्फ मिट्टी लेने के दौरान ही हमें सम्मान की निगाह से देखा जाता है। बाकी पूरे साल हम उपेक्षा झेलने पर मजबूर हैं। मांग पूरी नहीं होने तक किसी को मिट्टी नहीं दी जाएगी। दरअसल इस समय जब सभी दलों को शांति बनाए रखने की ज़रूरत है लेकिन कोलकाता में बुधवार मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम लेते हुए धमकी दे दी कि अगर बंगाल में आग लगाई गई, तो दिल्ली, यूपी, बिहार, ओडिशा, नॉर्थ-ईस्ट सब जलेंगे। इस पर दिल्ली, यूपी, बिहार, ओडिशा, नॉर्थ-ईस्ट के लोग ममता पर और भड़क गए है। अब पता नहीं यह आग कब बुझेगी।

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