सैफ अली खान पर हमला सुरक्षा के उठते गम्भीर सवाल

एक हमले ने बॉलीवुड में दु:ख व खौफ की लहर दौड़ा दी है और हाई-प्रोफाइल सोसाइटीज़ में भी सुरक्षा के संदर्भ में गहरी चिंताएं व्याप्त कर दी हैं। मुंबई के बांद्रा क्षेत्र में एक 13 मंजिला सतगुरु शरण बिल्डिंग है, जिसके ऊपर के चार फ्लोर्स यानी 10 से 13 पर एक्टर्स सैफ अली खान व करीना कपूर का पेंटहाउस है, जिसमें वह अपने दोनों बच्चों तैमूर व जहांगीर और स्टाफ के साथ रहते हैं। एफआईआर के मुताबिक, हुआ यह कि 16 जनवरी, 2025 की सुबह लगभग 2:30 बजे एक 35-40 साल का, इकहरे बदन व सांवले रंग का व्यक्ति, चोरी के इरादे से, ग्राउंड फ्लोर की डक्ट का इस्तेमाल करते हुए 11वें फ्लोर पर पहुंचा और फिर टॉयलेट की खिड़की से होता हुआ सैफ के फ्लैट में दाखिल हो गया। वह सैफ के बेटे जहांगीर के कमरे में प्रवेश कर रहा था कि उसे हाउस मेड एलियम्मा फिलिप्स ने देख लिया। चोर, जिसकी अभी तक पहचान नहीं हो पायी है, जहांगीर की जान बख्शने के लिए 1 करोड़ रूपये फिरौती की मांग कर रहा था, उसके हाथ में चाकू था। एलियम्मा ने शोर मचाया तो अपने बेटे को बचाने के लिए सैफ दौड़े हुए आये। अज्ञात व्यक्ति ने सैफ पर चाकू से हमला कर दिया। 
सैफ के शरीर पर चाकू से छह घाव हुए, जिनमें से दो अधिक गहरे थे, एक कलाई पर और दूसरा रीढ़ की हड्डी के पास। चाकू सैफ की रीढ़ की हड्डी में फंस गया। चोर को काबू कर लिया गया, उसे एक कमरे में बंद करने का प्रयास भी किया गया, लेकिन वह सीढ़ियों के रास्ते फरार होने में सफल हो गया। उसे छठे फ्लोर की सीढ़ियों पर सीसीटीवी फुटेज में देखा गया। सैफ का बेटा उनको आटो में लीलावती अस्पताल लेकर गये क्योंकि उस समय किसी कार चालक की व्यवस्था नहीं थी। अस्पताल ले जाते समय भी सैफ की कमर में चाकू फंसा हुआ था। अस्पताल में सुबह लगभग 3:30 बजे सैफ का ऑपरेशन शुरू हुआ। चाकू बाहर निकाला गया और लीक हो रहे स्पाइनल फ्लूइड को रिपेयर किया गया। दो अन्य गहरे घावों, एक बायें हाथ पर और दूसरा गर्दन, को भी रिपेयर किया गया, प्लास्टिक सर्जरी टीम द्वारा। डॉक्टरों के अनुसार सैफ अब पूर्णत: स्थिर हैं। वह अच्छी तरह से रिकवर कर रहे हैं और खतरे से बाहर हैं। 
बहरहाल, आधी रात के बाद एक सेलिब्रिटी के घर में उस पर हुए घातक हमले से अनेक महत्वपूर्ण प्रश्न खड़े होते हैं। सेलिब्रिटीज हमेशा समाज से ‘ऊपर’ व परफेक्ट प्रतीत होते हैं, सुरक्षित जीवन व्यतीत करते हुए, लेकिन एक्टर सैफ पर रात के अंधेरे में हुए जानलेवा हमला तकरीबन व्यक्तिगत महसूस होता है। घर हर किसी का अंतिम शरण होता है, जहां हम आराम व रिकवर और जीने के लिए जाते हैं। यह वह जगह है, जहां हम अपना मास्क उतार देते हैं और हम जैसे हैं, वैसे हो जाते हैं, उन लोगों के साथ जो हमारी बहुत अधिक केयर करते हैं। घर हमारा अभयारण्य है और वहीं पर सैफ पर जानलेवा हमला हुआ। उन पर छह इतने तेज़ प्रहार किये गये कि हमलावर का 2.5 इंच चाकू उनकी रीढ़ की हड्डी में फंस गया। उनका बेटा उन्हें ऑटोरिक्शा में अस्पताल लेकर गया क्योंकि वह कार ड्राइव नहीं कर सकता था और सैफ के परिवार में जितने भी सदस्य थे, उनमें से किसी को भी कार ड्राइव करने नहीं आती थी, इससे समझा जा सकता है कि ऐसी स्थिति में एक आम आदमी की तरह सेलिब्रिटीज के पास की सीमित विकल्प होते हैं यानी कठिन समय में हम सब एक जैसे होते हैं।
इसलिए जो कुछ सैफ के साथ हुआ उनके अपस्केल सुरक्षित प्रतीत होने वाले घर में, उससे केवल उनके फैंस ही नहीं बल्कि हर कोई परेशान व चिंतित है। अगर ऐसा कुछ उनके साथ हो सकता है, तो हम सब अपने गार्ड्स, कैमरा व इलेक्ट्रॉनिक सिक्यूरिटी सिस्टम्स के साथ कितने सुरक्षित हैं? पुलिस का कहना है कि हमलावर घर में चोरी के इरादे से घुसा था और पहले उसने नर्सरी में प्रवेश किया (जिसे सुनकर ही कंपकंपी छूट जाती है), जहां परिवार की मेड ने उसे देखा और शोर मचा दिया। एक संदिग्ध की पहचान हो गई है और बाकी बातें बाद में सामने आयेंगी, लेकिन मुंबई की कानून व्यवस्था के बारे में सुगबुगाहट शुरू हो गई है। एक समय था जब मुंबई के प्रमुख व्यक्ति डॉनों के खौफ के साये में जिया करते थे, लेकिन अब वह अतीत की बात हो गई है। फिर धमकियां दोबारा शुरू हो गईं। विस्फोटों से भरी एक कार उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के बाहर मिली थी। एक्टर सलमान खान के बांद्रा स्थित घर पर गोलियां चलाई गयीं, जिससे उन्हें मजबूरन अपनी बालकनी को बुलेटप्रूफ कराना पड़ा, जहां से वह अपने फैन्स का अभिवादन स्वीकार करते हैं। फिर पिछले अक्तूबर में सलमान खान के दोस्त व एनसीपी के नेता बाबा सिद्दीकी की उनके बेटे के बांद्रा स्थित ऑफिस के निकट गोली मारकर हत्या कर दी गई। उम्मीद की जानी चाहिए कि सैफ पर हमले में कोई गैंग लीड लिंक न हो।
सोशल मीडिया पर यह बहस बहुत ज़ोर पकड़े हुए है कि देश में जो एक समुदाय विशेष के खिलाफ नफरत का बाज़ार गर्म किया जा रहा है, उसका भयावह नतीजा सैफ पर हमले के रूप में सामने आया है। कुछ नफरती चिंटुओं ने एक्स पर अपने ट्वीटस के ज़रिये सैफ पर हुए हमले पर प्रसन्नता व्यक्त की है, जिससे सोशल मीडिया की इस धारणा को अधिक बल मिला है। मुंबई ही नहीं बल्कि पूरे देश में अपराधियों व गैंगों का दुस्साहस निरंतर बढ़ता जा रहा है। सुबह अखबार खोलते ही दिल दहलाने वाली खबरें पढ़ने को मिलती हैं। सोशल मीडिया पर ऐसे पोस्ट्स देखने को मिलते हैं, जिनसे पूरे दिन के लिए चेहरे पर मायूसी छा जाती है। 
बीती 14 जनवरी 2025 की सुबह दिल्ली से सटे गुरुग्राम में एक व्यापारी के नये मकान के सामने दो व्यक्तियों ने लगभग 5 मिनट तक 50 गोलियां दागीं- जिससे बिगड़ती कानून व्यवस्था का स्वत: ही अंदाज़ा लगाया जा सकता है। कानून व्यवस्था को लेकर राजनीतिक दलों के आरोप प्रत्यारोप अपनी जगह, तथ्य यह है कि लगभग सभी राज्य सरकारें, जिनकी ज़िम्मेदारी कानून व्यवस्था कायम करने की है, अक्सर निष्पक्षता से काम नहीं करती हैं, जो अपराधी उनके दल का समर्थन करते हैं, उनके प्रति नरमी का रुख अपनाया जाता है। फिर उत्तरपूर्व के कुछ राज्यों को छोड़कर किसी भी राज्य में सुप्रीम कोर्ट द्वारा पुलिस सुधार दिशानिर्देश लागू नहीं किये गये हैं। पुलिस को न स्वायत्तता दी गई है और न उसमें प्रोफेशनलिज्म है, वह सत्तारूढ़ दल का ‘एजेंट’ बनकर रह जाती है। पुलिस पर भ्रष्टाचार के आरोप भी अक्सर लगते हैं। नतीजा- कानून व्यवस्था बद से बदतर होती जा रही है। सैफ सहित मुंबई की हाल की वारदातें सबके सामने हैं।
-इमेज रिफ्लेक्शन सेंटर 

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