मोहम्मद शमी की वापसी क्या रंग दिखायेगी ?
भारत के स्थापित तेज़ गेंदबाज़ मोहम्मद शमी ने 2023 के ओडीआई विश्व कप में उल्लेखनीय गेंदबाज़ी करते हुए टूर्नामेंट में सर्वाधिक 24 विकेट लिए थे। लेकिन उसके बाद उन्हें अपनी एशिल्स टेंडन का ऑपरेशन कराना पड़ा, जिसकी वजह से वह अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से दूर रहे। निश्चितरूप से भारतीय टीम में उनकी कमी को महसूस किया गया, विशेषकर हाल ही में ऑस्ट्रेलिया में सम्पन्न हुई बॉर्डर गावस्कर ट्राफी (बीजीटी) में, जिसे ऑस्ट्रेलिया ने 3-1 से जीतकर दस साल बाद भारत से वापस ली। अब शमी की लगभग 14 माह बाद अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में फिर से वापसी हो रही है। उन्हें 22 जनवरी 2025 से कोलकाता में इंग्लैंड के विरुद्ध आरंभ होने जा रही टी-20 सीरीज, जिसमें पांच मैच खेल जायेंगे, के लिए भारतीय टीम में शामिल किया गया है। अब देखना यह होगा कि चोट से उबरने के बाद वह बड़े मंच पर कैसा प्रदर्शन करते हैं?
शमी बहुत शानदार तेज़ गेंदबाज़ हैं, भारत की सफलता में उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा है, इन बातों से किसी को इंकार नहीं है, लेकिन क्रिकेट के सबसे छोटे फॉर्मेट यानी टी-20 में चयनकर्ताओं ने उन पर कभी अधिक भरोसा नहीं दिखाया है, कम से कम वैसा तो नहीं दिखाया है जैसा टेस्ट व एकदिवसीय में दिखाया जाता है। पिछले 26 महीनों के दौरान शमी ने भारत के लिए एक भी टी-20 नहीं खेला है। इसलिए यह आश्चर्यजनक है कि उन्हें टी-20 सीरीज के लिए चुना गया। ध्यान रहे कि शमी ने अपने एक दशक से भी अधिक के अंतर्राष्ट्रीय करियर में भारत के लिए मात्र 23 टी-20 मैच खेले हैं, जिनमें उन्होंने 8.94 की इकोनॉमी से सिर्फ 24 विकेट लिए हैं, जबकि उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 15 रन देकर 3 विकेट लेना रहा है। दरअसल, शमी को इंग्लैंड के विरुद्ध टी-20 सीरीज में खिलाने का एक महत्वपूर्ण कारण है। चयनकर्ता यह देखना चाहते हैं कि चोट से उबरने के बाद शमी की फिटनेस अब कैसी है ताकि उन पर चैंपियंस ट्राफी के लिए विचार किया जा सके, जो 19 फरवरी 2025 से हाइब्रिड फॉर्म में पाकिस्तान व यूएई में खेली जायेगी।
चूंकि जसप्रीत बुमराह की फिटनेस पर अभी काले बादल छाये हुए हैं, इसलिए टीम को अनुभवी शमी की अधिक ज़रूरत है। वैसे भी एकदिवसीय में शमी का प्रदर्शन हमेशा ही प्रभावी रहा है। उन्होंने अभी तक भारत के लिए 101 एकदिवसीय मैच खेले हैं, जिनमें उन्होंने 5.55 की इकॉनमी से 195 विकेट लिए हैं, जबकि उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 57 रन देकर 7 विकेट लेना रहा है, जो उन्होंने 2023 विश्व कप के सेमीफाइनल में न्यूज़ीलैंड के खिलाफ लिए थे। डाटा बताता है कि आईसीसी की प्रमुख प्रतियोगिताओं में शमी शानदार प्रदर्शन करते हैं। विश्व कप 2019 में अफगानिस्तान को जीत के लिए सिर्फ 16 रन की आवश्यकता थी कि शमी ने कहर बरपा करती गेंदबाज़ी की, हैट्रिक लिया और भारत को 11 रन से जीत दिला दी। शमी ने 2023 की तरह 2015 विश्व कप में भी भारत के लिए सबसे ज्यादा विकेट लिए थे। शमी ने विश्व कप के 48 वर्ष के इतिहास में, जिसमें 13 सत्र खेल गये हैं, सबसे तेज़ 50 विकेट लिए हैं। विश्व कप के एक सत्र में भारत के लिए सर्वाधिक विकेट (24) लेने का रिकॉर्ड भी उन्हीं के नाम है, जबकि इससे पहले यह रिकॉर्ड ज़हीर खान के नाम था जिन्होंने 2011 के सत्र में 21 विकेट लिए थे और भारत को 1983 के बाद दूसरा विश्व कप जिताने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की थी। इसलिए भी चैंपियंस ट्राफी में शमी की ज़रूरत पड़ेगी।
शमी ने अपना अंतर्राष्ट्रीय डेब्यू नवम्बर 2013 में कोलकाता के अपने गृह मैदान ईडन गार्डेन में किया था जब वह वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट खेलने के लिए उतरे थे, अब वह अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में वापसी भी एक बार फिर कोलकाता में ही करेंगे। शमी ने अपने डेब्यू टेस्ट में 118 रन देकर 9 विकेट लिए थे, जो भारतीय तेज़ गेंदबाज़ों के लिए डेब्यू रिकॉर्ड है। उनसे पहले यह रिकॉर्ड मुनाफ पटेल के नाम था, जिन्होंने अपने डेब्यू टेस्ट में मोहाली 2006 में इंग्लैंड के विरुद्ध 97 रन देकर 7 विकेट लिए थे। शमी का जन्म 3 सितम्बर 1990 को ज़िला अमरोहा के सहसपुर गांव में एक किसान परिवार में हुआ था। उनके पिता तौसीफ अली अपनी जवानी में तेज़ गेंदबाज़ थे। शमी जब 15 साल के हुए तो उन्हें मुरादाबाद में क्रिकेट कोच बदरुद्दीन सिद्दीकी के पास ले जाया गया, जो बताते हैं, ‘जब मैंने 15 वर्षीय शमी को नेट्स में पहली बार गेंद करते हुए देखा तो मैं समझ गया कि यह लड़का साधारण नहीं है। मैंने उसे ट्रेनिंग देना तय किया। एक साल तक मैंने उसे उत्तर प्रदेश ट्रायल्स के लिए तैयार किया, क्योंकि हमारे यहां क्लब क्रिकेट नहीं थी। अंडर-19 ट्रायल्स में उसने बहुत अच्छी गेंद की, लेकिन राजनीति की वजह से उसका चयन नहीं हुआ। मुझसे कहा गया कि उसे अगले साल लेकर आयें। मैं उसका एक साल खराब नहीं करना चाहता था। इसलिए मैंने उसके पैरेंट्स को सुझाव दिया कि उसे कोलकाता भेज दो।’ शमी समकालीन क्रिकेट में सबसे अधिक निरंतरता से विकेट लेने वाले गेंदबाज़ हैं। वह ऑ़फ द सीम गेंदबाज़ी करते हैं और रिवर्स स्विंग सहित स्विंग का इस्तेमाल करते हैं, गेंद को दोनों दिशाओं में मूव करने के लिए। कई बार तो वह ऐसी गेंदें करते हैं कि उन्हें खेलना लगभग असंभव हो जाता है। इसलिए यह देखना आवश्यक हो गया है कि चोट से उबरने के बाद उनकी फिटनेस चैंपियंस ट्राफी के लायक है या नहीं।-इमेज रिफ्लेक्शन सेंटर