बिगड़ा माहौल-सरकार के लिए बड़ी चुनौती

अबोहर के प्रसिद्ध व्यापारी संजय वर्मा की दिन-दहाड़े हत्या के बाद पंजाब भर में और भी डर पैदा हो गया है। हत्यारों की कैमरों में आईं तस्वीरें भी उजागर हो गई थीं, उनकी हिम्मत इतनी थी कि सरेआम हत्या के बाद उन्होंने ज़िम्मेदारी भी ली और यह भी कहा कि हमारे फोन का जवाब न देने वालों का ऐसा ही हश्र होगा और उन्हें मिट्टी में मिला दिया जाएगा। इससे कुछ दिन पहले 4 जुलाई को मोगा के डाक्टर अनिलजीत कम्बोज पर उनके क्लीनिक में दिन-दहाड़े गोलियां चलाई गईं, जिससे वह गम्भीर रूप से घायल हो गए थे। उसी ही दिन बठिंडा में एक भीड़भाड़ वाली सड़क पर एक्टिवा स्कूटर पर जा रहे 2 व्यक्तियों से कार सवार तीन बदमाश 20 लाख रुपए छीन कर फरार हो गए थे। सरेआम ऐसी लूटपाट का चलन शहरों और गांवों के रास्तों में आम हो गया है। जिसकी दुकान या काम कुछ चल पड़ता है तो उसे अक्सर फिरौती की धमकियां मिलनी शुरू हो जाती हैं। ऐसे डर के साये में जीवन जी रहे लोग इन बदमाशों और लुटेरों द्वारा लगातार लूटपाट का शिकार होते जा रहे हैं। जो भी उनकी मांग को पूरा नहीं करता, उस पर हमला होने का डर हमेशा बना रहता है।
ऐसे दहशत के माहौल में आज पंजाब जी रहा है। इस प्रदेश को नशों की मार ने पहले ही झकझोर दिया है। लुटेरों के भय से यह पूरी तरह सहम गया है। सरकार ने नशों के विरुद्ध सख्त अभियान चलाया, बहुत-सी गिरफ्तारियां भी की गईं, परन्तु अभी भी प्रदेश में इस लाहनत से छुटकारा पाया जाना आसान नहीं है। इसकी आर्थिकता पहले ही पूरी तरह कमज़ोर हो चुकी है। अब दिन-रात लूटपाट और फिरौतियों ने प्रदेश की शांति को पूरी तरह भंग करके रख दिया है। इससे आर्थिकता पर और भी विपरीत प्रभाव पड़ेगा। गायक सिद्धू मूसेवाला की जिस तरह गैंगस्टरों ने सरेआम दिन में ही गोलियां मारकर हत्या कर दी थी और उसके बाद संदीप नंगल अम्बियां को मार दिया गया, उसके बाद पुलिस और प्रशासन की ओर से पूरी सख्ती अपनाये जाने के बाद भी हालात सुधरते दिखाई नहीं देते। गैंगस्टरों के अलग-अलग ग्रुप समर्थ लोगों के साथ-साथ आपस में भी एक-दूसरे को धमकियां देते और गोलियां बरसाते दिखाई देते हैं। अबोहर की घटना के बाद एक बार फिर सरकार विपक्षी पार्टियों के निशाने पर आ गई है। सुखबीर ने होती इन हत्याओं की जंगल राज से तुलना की है और कहा है कि आज डाक्टर, कलाकार, खिलाड़ी और कारोबारी बदमाशों द्वारा मिल रही धमकियों से डरे हुए हैं। केन्द्रीय राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने ऐसा माहौल पैदा होने को इस सरकार की विफलता कहा है और स्वयं लोगों को सुचेत रूप में इन हमलों के लिए तैयार रहने का आह्वान किया है। वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं प्रताप सिंह बाजवा, सुखजिन्दर सिंह रंधावा और शमशेर सिंह दूलो ने भी पंजाब में बिगड़ रही अमन-कानून की व्यवस्था पर सरकार की कड़े शब्दों में आलोचना की है और सरकार से विधानसभा में कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर विशेष बहस करवाने की मांग की है। दूलो ने कहा कि प्रतिदिन घटित हो रही घटनाओं ने लोगों में डर और सहम का माहौल पैदा कर दिया है।
प्रदेश में अनेक गैंगस्टरों के ग्रुप इस तरह दनदनाते दिखाई दे रहे हैं, जैसे वे खुले रूप में प्रशासन को चुनौती दे रहे हों। इस तरह प्रतीत होता है कि पंजाब इन गैंगस्टरों की जकड़ में फंस चुका है और विदेशों तक भी इनका नैटवर्क पूरी तरह फैल चुका है। नि:संदेह आज इस तरह के माहौल में से लोगों को निकाल पाना सरकार के लिए एक बहुत ही प्रतिष्ठा का सवाल बन चुका है, जिसका शीघ्र हल निकाला जाना मुश्किल प्रतीत होता है। गैंगस्टरों से निपटने के लिए कितनी बार पंजाब पुलिस विशेष एक्शन प्लान भी तैयार करती रही है परन्तु अभी तक सफलता नहीं मिल सकी। इस बिगड़े माहौल को सुधारने के लिए हर स्थिति में ठोस कदम उठाने बेहद ज़रूरी हो गए हैं।

—बरजिन्दर सिंह हमदर्द

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