सुप्रीम कोर्ट की भारत के स्टार बैडमिंटन खिलाड़ी लक्ष्य सेन को बड़ी राहत 


नई दिल्ली, 28 जुलाई - सुप्रीम कोर्ट ने जन्म प्रमाण में जालसाजी मामले में भारत के स्टार बैडमिंटन खिलाड़ी लक्ष्य सेन को बड़ी राहत दी है। सुप्रीम कोर्ट ने लक्ष्य के खिलाफ एफआईआर रद्द कर दी है। सर्वोच्च न्यायालय ने कहा है कि लक्ष्य सेन के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही जारी रखना अनुचित है और यह अदालती प्रक्रिया का दुरुपयोग है।

अर्जुन अवॉर्ड से सम्मानित और बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों के स्वर्ण पदक विजेता शटलर लक्ष्य सेन पर साल 2022 में उम्र का गलत विवरण देने का आरोप लगा था। बेंगलुरु पुलिस ने नागराजा एमजी नाम के शख्स की शिकायत के बाद लक्ष्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी। लक्ष्य सेन पर जूनियर स्तर पर प्रतिस्पर्धा करते हुए आयु-प्रतिबंधित टूर्नामेंटों में प्रवेश पाने के लिए अपनी उम्र में हेरफेर करने का आरोप लगा था। इसके बाद एक स्थानीय अदालत ने पुलिस को लक्ष्य के खिलाफ आरोपों की जांच करने का निर्देश दिया था। लक्ष्य बेंगलुरु में प्रकाश पादुकोण बैडमिंटन एकेडमी में प्रशिक्षण लेते हैं। एफआईआर में नामित लोगों में लक्ष्य, उनके कोच विमल कुमार, उनके पिता धीरेंद्र सेन, उनके भाई चिराग और मां निर्मला सेन के नाम शामिल थे। लक्ष्य और बाकी लोगों पर धारा 420 (धोखाधड़ी), 468 (धोखाधड़ी के उद्देश्य से जालसाजी) और 471 (जाली रिकॉर्ड को वास्तविक के रूप में उपयोग करना) समेत विभिन्न आईपीसी धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था।

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