पूर्व विधायक व स्वास्थ्य मंत्री ने सरकार पर साधा निशाना, कहा...सरकार की लापरवाही ने परवाणू के विकास का गला घोंटा
परवाणू, 22 सितंबर (विमल ग्रोवर)- ज़िला सोलन के परवाणू औद्योगिक क्षेत्र में प्रस्तावित बहुप्रतीक्षित 10 करोड़ 8 लाख रुपये का क्लस्टर डेवलपमेंट प्रोजेक्ट पिछले दो वर्षों से अधर में लटका हुआ है। भारत सरकार ने इस प्रोजेक्ट को 12 जून 2023 को अंतिम मंजूरी प्रदान की थी। इसे माइक्रो एंड स्मॉल एंटरप्राइजेज क्लस्टर डेवलपमेंट प्रोग्राम (MSE-CDP) के तहत लागू किया जाना था, जिसके लिए हिमुडा को नोडल एजेंसी नियुक्त किया गया था।
सूत्रों के अनुसार बैंक खाते भी खोले जा चुके हैं और टेंडर प्रक्रिया शुरू करने की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं, लेकिन राज्य सरकार की ओर से 2 करोड़ 13 लाख रुपये की हिस्सेदारी जारी न करने के कारण यह योजना ठप पड़ी है।
इस देरी पर उद्योगपतियों और निवेशकों ने गहरी नाराजगी व्यक्त की है। उनका कहना है कि यह प्रोजेक्ट क्षेत्र के उद्योगों को आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध करवा सकता था, नए रोजगार अवसर पैदा कर सकता था और आर्थिक विकास की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकता था। लेकिन सरकार और स्थानीय जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के चलते विकास की गति थम गई है।
इस मामले पर कसौली के पूर्व विधायक एवं पूर्व स्वास्थ्य मंत्री डॉ. राजीव सहजल ने सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने समय पर धनराशि जारी कर दी थी, लेकिन कांग्रेस सरकार और मौजूदा विधायक विनोद सुल्तानपुरी की लापरवाही ने परवाणू के विकास का गला घोंट दिया है। सहजल ने दावा किया कि जब वे स्वास्थ्य मंत्री थे, तब इस प्रोजेक्ट को परवाणू लाने के लिए उन्होंने केंद्र सरकार से लगातार प्रयास किए थे, मगर सरकार बदलते ही इस योजना को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।
उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस केवल घोषणाओं और जुमलों तक सीमित है। धरातल पर न तो उनके पास नीयत है और न ही कोई ठोस नीति। वहीं विधायक विनोद सुल्तानपुरी पर भी उन्होंने जनता के मुद्दों से बेखबर रहने और केवल राजनीतिक स्वार्थ तक सीमित रहने का आरोप लगाया।
सहजल ने चेतावनी दी कि यदि राज्य सरकार ने जल्द हिस्सेदारी जारी कर इस योजना को पटरी पर नहीं लाया, तो भाजपा सड़क पर उतरकर आंदोलन करेगी और कांग्रेस सरकार को चैन से नहीं बैठने देगी।