पादरी बहुकरोड़ी मामला : पटियाला के ‘बुकी’ से शुरू हुई पादरी के घर छापे की कार्रवाई

जालन्धर, 21 अप्रैल (मेजर सिंह): जालन्धर के साथ लगते गांव प्रतापपुरा में पादरी के घर से खन्ना पुलिस द्वारा छापा मारकर उठाए साढ़े 16 करोड़ रुपए के करीब नकदी व इसमें से 6.65 करोड़ रुपए खुर्द बुर्द होने की कहानी की परतें खुलने से पंजाब भर में से ‘हवाला व बुकियों’ के धंधे में पुलिस के मिले होने व पुलिस अधिकारियों द्वारा ऐसे गैर कानूनी धंधों को चलाने के लिए निजी मिलीशियां चलाए जाने के मामले भी सामने आने लगे हैं। डीजीपी द्वारा गठित जांच टीम व अन्य विभिन्न सूत्रों से हासिल की जानकारी के अनुसार पादरी के घर छापे की कार्रवाई पटियाला के एक हवाला व बुकी का काम करने वाले व्यक्ति के पुलिस के हाथ लगने के बाद शुरू हुई है। पुलिस के आंतरिक सूत्रों के अनुसार पटियाला का यह हवाला व बुकी कारोबारी 25 मार्च को अपनी हुंडई वरना कार में आता पुलिस ने राजपुरा नाके पर रोका था और उससे नकदी भी बरामद की गई परंतु उसके विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं हुई। पता चला है कि खन्ना में संबंधित पुलिस वालों को उसने पादरी के घर पड़ी बड़ी राशि की सूचना दी और यह पुलिस वाले अगले ही दिन पटियाला के इस शख्स को लेकर जालन्धर गए और पादरी के घर व आसपास की जानकारी हासिल की। घटनाचक्र देखें कि उक्त हवाला कारोबारी से पूरी जानकारी हासिल होने के बाद ही पंजाब के डीजीपी कार्यालय ने चुनाव आचार संहिता के बावजूद 27 मार्च को चार पुलिस कर्मचारियों (2 पटियाला ज़िले के एएसआई राजप्रीत सिंह व जोगिंदर सिंह जोकि इस समय भगौड़े हैं, एक इंस्पैक्टर बरनाला ज़िले से और एक हवलदार फिल्लौर किले से) को विशेषतौर पर खन्ना पुलिस में तैनात करने का आदेश जारी किया। 29 मार्च को बाद दोपहर बगैर वर्दी खन्ना पुलिस ने पादरी के घर छापा मारा। कमाल की बात यह है कि अगले ही दिन पादरी के पैसे गुम होने का मामला भी सामने आ गया और एक वरना कार छापे में उपयोग किए जाने की भी चर्चा चल रही थी परंतु खन्ना पुलिस ने यह कार बिना किसी कार्रवाई के 1 अप्रैल को मालिक को वापिस दे दी। उल्लेखनीय है कि अब जांच टीम के सामने यह बात प्रत्यक्ष रूप से साबित हो गई है कि पटियाला से विशेष तैनात ए.एस.आई. राजप्रीत सिंह व जोगिंदर सिंह वरना कार लेकर छापे वाली जगह पर गए थे और फिर वहां से 6 करोड़ से अधिक राशि लेकर इसी कार के ज़रिये मोगा के रास्ते होते हुए सायं को सीआईए खन्ना पहुंचे थे। सवाल यहां यह पैदा होता है कि उक्त दोनों थानेदारों को पटियाला के हवाला कारोबारी की पकड़ी कार उपयोग करने की किसने छूट दी? हवाला कारोबारी को लेकर जालन्धर पादरी के घर तक लेकर आने वाले पुलिस कर्मचारी कौन थे? यही कारण है कि 23 दिन बीत जाने के बाद भी जांच टीम ने इस कारोबारी को बुलाने का प्रयास भी नहीं किया।