धर्म प्रचार ही नहीं व्यापारिक कारोबार में भी छाए हुए हैं पादरी

जालन्धर, 5 अप्रैल : सादगी, सेवा व शिक्षा के क्षेत्र में सेवाओं के लिए प्रसिद्ध चर्च के आधुनिक पादरी केवल धर्म प्रचार व समाजसेवा तक ही सीमित नहीं हैं, बल्कि उन्होंने बड़े व्यापारिक कारोबार भी शुरू कर रखे हैं। जालन्धर डाइयोसिस अधीन आते प्रतापपुरा के फ्रांसीसियन मिशनरीज़ आफ जीसस के प्रमुख फादर एंथनी मैडासरी व उनके तीन साथी पादरी पांच व्यापारिक कम्पनियां चला रहे हैं। पता चला है कि पादरियों द्वारा व्यापारिक कम्पनियां चलाए जाने का सिलसिला बिशप फ्रैंको मुलाकल के दिल्ली में बिशप बनकर आते समय शुरू हुआ था। फ्रैंको जनवरी 2009 में दिल्ली आए थे। रजिस्ट्रार आफ कम्पनीज़ की वैबसाइट के मुताबिक दिल्ली में पहली कम्पनी वर्डज़र् वर्थ एजुकेशन ऐड प्र.लि. 10 नवम्बर 2009 में रजिस्टर हुई थी और अप्रैल 2011 में दूसरी एडुज़ोन मल्टीमीडिया प्रा.लि. दर्ज हुई और दोनों में फादर एंथनी डायरैक्टर हैं। पंजाब में फाइनांस कम्पनी नवजीवन निधि व सहोदया ट्रांसपोर्ट व सिक्योरिटी कम्पनियां मार्च 2016 में रजिस्टर हुई हैं। चर्च के आंतरिक जानकारों का मानना है कि पादरियों को निजी व्यापारिक संस्थान चलाने की छूट किसी एक नेता का निजी फैसला नहीं बल्कि सामूहिक रूप में चर्च इस धंधे के पीछे खड़ा है। जालन्धर डायोसिस के प्रबंधक बिशप एजलेनो ग्रेशियस ने स्पष्टीकरण जारी कर फादर एंथनी व साथियों की पूरी तरह पीठ थपथपाई है। पादरियों द्वारा बड़े व्यापारिक कारोबार किए जाने का पर्दा 29 मार्च को खन्ना पुलिस द्वारा प्रतापपुरा स्थित एंथनी के आवास पर मारे गए छापे के दौरान 16.65 करोड़ रुपए नकद होने का मामला सामने आने के बाद उठाया गया था, बाद में खन्ना पुलिस ने दावा किया कि यह 9 करोड़ 66 लाख रुपए उन्होंने दोराहा के नज़दीक पुलिस नाके पर तलाशी समय बरामद किए हैं। फादर एंथनी दावा कर रहे हैं कि उनकी रिहायश पर पड़े करोड़ों रुपए डायोसिस के 45 स्कूलों को बेची स्टेशनरी के हैं जबकि पुलिस द्वारा हवाला राशि कहकर छापा मारा गया था।