गेहूं एवं चावल की महंगाई बढ़ी : दलहनों में उथल-पुथल

नई दिल्ली, 19 मई (एजेंसी): गत सप्ताह गेहूं की आवक उत्पादक मंडियों में 20 प्रतिशत घट जाने एवं पोल्ट्री व कैटलफीड मिलों की लिवाली से लॉरेंसरोड, नजफगढ़, नरेला मंडी में आवक घट गयी, जिसके चलते 25/30 रुपए की और तेजी आ गयी। इसके अलावा बारीक धान व चावल, निर्यातकों की चौतरफा लिवाली चलने एवं आपूर्ति घट जाने से 500/600 रुपए प्रति क्विंटल छलांग लगा गये। मक्की में भी इंडेंट वालों की चौतरफा लिवाली से 120/125 रुपए का उछाल आ गया। दलहनों में सप्ताह के पूर्वार्ध में तेजी के बाद मध्य में मंदे का करेक्शन आ गया तथा अंतिम दिन तक ऊपर-नीचे बाजार होते रहे। जिससे अनिश्चितता का माहौल बना रहा। आलोच्य सप्ताह केन्द्रीय पूल में गेहूं की खरीद 310 लाख टन को पार कर गयी। गेहूं का उत्पादन 975-980 लाख टन के करीब होने का अनुमान है, लेकिन मक्की के ऊंचे भाव होने से पोल्ट्री व कैटलफीड उद्योग में गेहूं की लोडिंग पूरे सप्ताह बनी रही, जिसके चलते लॉरेंसरोड, नजफगढ़, नरेला एवं राई मंडी में गेहूं की आवक 20 प्रतिशत घट जाने से 50/35 रुपए उछलकर मिल क्वालिटी गेहूं 2010/2015 रुपए प्रति क्विंटल भाव हो गये। यूपी, एमपी, राजस्थान एवं हरियाणा की मंडियों में भी नीचे के भाव से 40/50 रुपए की तेजी आ गयी। इसके चलते आटा, मैदा, सूजी के भाव भी 20 रुपए प्रति 50 किलो बढ़ गये। उधर धान की आवक यूपी, हरियाणा, पंजाब की मंडियों में लगभग समाप्त हो जाने से अंदर का धान 300/400 रुपए उछलकर 1121 का 4400/4500 रुपए एवं 1509 का 4200/4250 रुपए बिक गया। इधर नरेला मंडी में 3950 रुपए से छलांग लगाकर 1121 धान 4350 रुपए बिक गया। बढ़िया ढेरी 4400 रुपए भी बिकने की चर्चा थी। इसकी वजह से 1121 सेला चावल 7900 रुपए एवं स्टीम 9200 रुपए पर 500/600 रुपए प्रति क्विंटल छलांग लगा गये। इन भावों में भी अधिकतर राइस मिलें उधार में माल बेचने से पीछे हट गयी। नई फसल की रोपाई नहीं हुई, जो अभी जून के अंत एवं जुलाई में शुरू होगी। नया सीजन शुरू होने में 6 माह का समय बाकी है। इसे देखते हुए अभी 1000/1500 रुपए प्रति क्विंटल की और तेजी में कारोबारी आ गये हैं। परमल आईआर-8 सहित अन्य मोटे चावल में भी 25/50 रुपए का इजाफा हो गया।