योरुपीय फुटबाल में हुई बड़ी उथल-पुथल

खेल जगत के टूर्नामैंटों में यूरोपीय फुटबाल की चैम्पियन्स लीग का स्थान बहुत बड़ा है। इस लीग को विश्व कप के बाद फुटबाल का सबसे बड़ा प्रतिष्ठित और बड़ा टूर्नामैंट कहना कोई गलत नहीं है। इस लीग के संचालकों के समक्ष एक बड़ी चुनौती आ खड़ी हुई है। इस लीग की शान मानी जातीं दर्जन के करीब भिन्न-भिन्न देशों के शीर्ष क्लबों की टीमों ने चैम्पियन्स लीग से हटने और नई लीग करवाने की घोषणा की है। इन बागी हुए क्लबों में कुछ को वापस लाने के लिए कानूनी चुनौतियों देने की कोशिशें की जा रही हैं। 
नई लीग : कुछ दिन पहले इटली, इंग्लैंड और स्पेन के दर्जन फुटबाल क्लबों ने चैम्पियन्स लीग के स्थान पर यूरोपियन सुपर लीग करवाने की घोषणा की, जिनमें आर्सनल, चैल्सी, मानचेस्टर सिटी, लिवरपूल, टौटनम, मानचेस्टर यूनाइटिड, रियल मैड्रिड, बार्सिलोना, ए.सी. मिलान, इंटर मिलान, एटलैटिक और ज्वैंट्स जैसी प्रसिद्ध क्लबें शामिल हैं। इन क्लबों के बागी होने का कारण यूएफा (यूरोपीय फुटबाल की संचालक) द्वारा 2024 की चैम्पियन्स लीग में टीमों की संख्या न बढ़ाने का फैसला गत जनवरी में चुपचाप ले लिया गया था परन्तु इसकी घोषणा गत दिनों हुई है। यूएफा द्वारा जनवरी में लिए गए फैसले का पता लगने पर उक्त क्लबों ने 20 टीमों पर आधारित यूरोपियन सुपर लीग करवाने हेतु अंदरखाते चाराजोई आरंभ कर दी थी। गत दिनों यूएफा द्वारा चैम्पियन्स लीग में टीमों की संख्या न बढ़ाने की घोषणा करते हुए ही उक्त 12 क्लबों ने यूरोपियन सुपर लीग करवाने की घोषणा कर दी जिससे फुटबाल जगत में भूकम्प आ गया। स्पेन के क्लब रियल मैड्रिड के प्रमुख फ्लोरैटिनो पेरेज़ को लीग का चेयरमैन नियुक्त किया गया है। उनका कहना  है कि नई लीग यूरोपीय फुटबाल को बचाने के लिए करवाई जा रही है और इसमें भाग लेने वाले खिलाड़ियों को अपने-अपने देशों के लिए खेलने की छूट होगी। इस लीग में 20 टीमें होंगी, जिसके लिए 12 टीमों ने ही हां की है और शेष 8 टीमों के साथ बातचीत चल रही है। प्रबंधकों द्वारा इस लीग को चैम्पियन्स लीग की तरह ही करवाने की दावा किया गया है।  सुपर लीग की रूप-रेखा : यूरोपियन सुपर लीग में 20 टीमें शामिल होंगी। 15 टीमें  स्थायी तौर पर और शेष 5 टीमें अपनी घरेलू कारगुज़ारी के आधार पर लीग स्थान बनाएंगी। चैम्पियन्स लीग की तरह ही सुपर लीग में 20 टीमों को 10-10 के दो पूलों में बांटा जाएगा। अपने और विरोधी टीम के मैदान में सभी टीमें आपस में 1-1 मैच खेलेंगी। दोनों पूलों की शीर्ष 3-3 टीमें क्वार्टर फाइनल में प्रवेश करेंगी और दोनों पूलों में चौथे और पांचवें स्थान पर रहने वाली टीमों में से 2 टीमें प्ले आफ के माध्मय से क्वार्टर फाइनल में खेलने की अधिकारी बनेंगी। 
नई लीग के लिए चुनौती : यूरोपियन सुपर लीग को प्राथमिक चरण में ही मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। बागी हुए क्लबों को उनकी घरेलू फुटबाल संस्थाओं द्वारा कानूनी कार्रवाई का सामना करने की धमकियां मिलनी शुरू हो गई हैं। जिस तहत सबसे बड़ी घटना इंग्लैंड के प्रधानमंत्री बौरिस जॉनसन द्वारा यह कहना कि नई लीग फुटबाल के लिए घातक सिद्ध होगी और वह इस लीग में शामिल क्लबों के खिलाफ होने वाली हर कार्रवाई का समर्थन करेंगे। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनूयल मौक्रो का कहना है कि वह अपने देश के क्लबों की प्रशंसा करते हैं, जो नई लीग का भाग नहीं बने। 
फीफा के अध्यक्ष जियानी इफैटीनो का कहना है कि वह नई लीग को अस्वीकार करते हैं। जो इस लीग को आगे बढ़ाएंगे, उनको परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहना होगा। यूएफा के अध्यक्ष एलैग्ज़ैंडर सैफरिन का कहना है कि नई लीग में शामिल होने वाले क्लब बड़ी गलती कर रहे हैं। वे अपना फैसला वापस ले सकते हैं। इसके अतिक्ति दर्शकों द्वारा भी नई लीग का विरोध करना शुरू कर दिया गया है। सोशल मीडिया में बागी 12 क्लबों की टीमों को डर्टी डज़न (बुरी दर्जन) का नाम भी दिया गया है। इस विरोध के माहौल में इंग्लैंड के क्लबों मानचैस्टर यूनाइटिड, चैल्सी, मानचैस्टर सिटी, लिवरपूल, टाटहनम और आरसनल द्वारा यूरोपियन सुपर लीग से अपना नाम वापस लेने की घोषणा करने के भी समाचार आ रहे हैं। 

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