बंटवारे का संताप झेल रहे दोनों देशों के परिवारों के हाथ लगी निराशा 

फाजिल्का, 14 अगस्त (दविन्द्रपाल सिंह, प्रदीप कुमार): भारत-पाक विभाजन के बाद जब से दोनों देशों के ए दोनों देशो की सरकारों ने हिन्द पाक सरहदों पर मेल मिलाप का अभियान शुरू किया। हर साल 14 व 15 अगस्त को बिछुड़ों को उम्मीद होती है कि शायद मुद्दत से जुदा हुए अपनों के उन्हे दर्शन हो जाएं। समय समय पर बदले हालातों से कई उतार चढ़ाव आए, देशों के बीच बढ़े तनाव के बाद कई बार मेल मिलाप शुरू हुआ और कई बार बंद हुआ। इस साल भी केन्द्र की मोदी सरकार द्वारा जम्मू कशमीर में धारा 370 तोड़ देने के बाद दोनों देशों में बढ़े तनाव के बाद तलवार लटक गई। इसी तनाव का असर इस साल 14 अगस्त को पाक की आजादी दिवस मौके करवाई जाने वाली मुलाकात पर भी पड़ा। पड़ोसी देश अपनी आज़ादी के जश्न तो मना रहा था, मगर भारत-पाक के विभिन्न प्रदेशों से आए परिवारों को निराशा मिली। भारत पाक सरहद की सादकी चौकी पर पाकिस्तान में रह गए अपने रिश्तेदारों को मिलने के लिए राजस्थान प्रदेश के गंगानगर जिले से  अपने रिश्तेदारों को मिलने की उम्मीद लेकर आए थे। मगर दोनों देशों के बीच धारा 370 को लेकर बढ़े तनाव के कारण उन्हें आगे नहीं आने दिया गया और न ही मुलाकात करने के आदेश दिए गए। 
पाक ने नहीं दी मिठाई
जम्मू कश्मीर में धारा 370 हटाए जाने के बाद भारत पाक के बीच बिगड़े सबंधों के बाद समाजिक तौर पर भी सांझ खत्म करते हुए पाकिस्तान ने अपनी आजादी दिवस के मौके पर पाकिस्तान अंतर्राष्ट्रीय सरहद की सादकी चौकी पर भारतीय सैनिकों को मिठाई का आदान प्रदान नहीं किया गया।