पाकिस्तान को बड़ा झटका, एफएटीएफ ने किया ब्लैकलिस्ट

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नई दिल्ली, 23 अगस्त : (उपमा डागा पारथ, एजेंसी )  आतंकी गतिविधियों के लिए धन मुहैया कराने और धन शोधन पर निगरानी रखने वाली वैश्विक निगरानी संस्था ‘फिनांशियल एक्शन टास्क फोर्स’ (एफएटीएफ) के एशिया-प्रशांत समूह ने पाकिस्तान को ईईएफयूपीएल (कालीसूची) में डाल दिया है। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। पाकिस्तान को ‘इन्हांस्ड एक्सपेडाइट फॉलो अप लिस्ट’ (ईईएफयूपीएल) में डालते हुए एशिया प्रशांत समूह (एपीजे) ने यह भी पाया कि पाकिस्तान ने धन शोधन और आतंकवाद के वित्त पोषण संबंधी 40 अनुपालन मानकों में से 32 का पालन नहीं किया। एफएटीएफ एपीजी की बैठक ऑस्ट्रेलिया की राजधानी कैनबरा में आयोजित की गई और शुक्रवार को समाप्त हुई बैठक में दो दिन में करीब सात घंटे से ज्यादा समय तक चर्चा चली। भारत एपीजी और एफएटीएफ दोनों का सदस्य है। इस बैठक में गृह, विदेश मंत्रालय और वित्त मंत्रालय के अधिकारियों की टीम ने प्रतिनिधित्व किया। एपीजी में पाकिस्तान के कई मंत्रालयों की टीम का नेतृत्व स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान के गवर्नर ने किया। घटनाक्रम की जानकारी रखने वाले एक भारतीय अधिकारी ने बताया कि एपीजे ने पाकिस्तान को मानकों पर खरा नहीं उतरने की वजह से ईईएफयू लिस्ट (काली सूची) में डाल दिया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे समूहों के वित्त पोषण को रोकने में विफल रहा है। पाकिस्तान के अनुपालन रिकॉर्ड की समीक्षा वाली कार्रवाई अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी और फ्रांस ने पेश की। आतंकवादी गतिविधियों के लिए धन मुहैया कराना और धन शोधन के 11 प्रभावी मानकों में से पाकिस्तान 10 में खरा नहीं उतर पाया। वहीं एक अन्य अधिकारी ने बताया कि अब पाकिस्तान को अक्तूबर में काली सूची में जाने से बचने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। अक्तूबर में एफएटीएफ की 27 बिंदू कार्ययोजना की समय-सीमा समाप्त हो जाएगी। यह लगभग निश्चित है कि पाकिस्तान एफएटीएफ की ‘काली सूची’ में बना रहेगा और यह भी पूरी संभावना है कि एफएटीएफ की ‘काली सूची’ में देश का दर्जा और घटेगा क्योंकि इसका अगला पूर्ण अधिवेशन अक्टूबर में पेरिस में होगा।
1. पाकिस्तानी रुपए में गिरावट संभव
एफएटीएफ के ताज़ा कदम के बाद पाकिस्तानी रुपए में और गिरावट आ सकती है। जानकारी का मानना है कि इस वर्ष के अंत तक पाकिस्तानी का रुपया यूएस डालर के मुकाबले गिरकर 180 से 190 रुपए तक पहुंच सकता है, वास्तव में पाकिस्तान कज़र् के बोझ तले दबा हुआ है, ऐसे में पड़ोसी मुल्क में डॉलर की मांग बढ़ रही है। 
2.कर्ज़  मिलने में होगी मुश्किल
पाकिस्तान पहले ही कर्ज़  के बोझ से दबा हुआ है। इस कारण उसे अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं से कर्ज़ मिलने मे काफी संघर्ष का सामना करना पड़ रहा है।  ताज़ा घटनाक्रम के बाद पाकिस्तान को वर्ल्ड बैंक, आईएमएफ, एडीबी, यूरोपियन यूनियन जैसी संस्थाओं से कर्ज़  मिलना मुश्किल हो जाएगा।
3.आर्थिक स्थिति कमज़ोर होगी
पाकिस्तान में पहले ही महंगाई अपने चरम पर है। अब जब एफएटीएफ ने पाकिस्तान को ब्लैक लिस्ट कर दिया है तो ऐसे में पड़ोसी मुल्क की आर्थिक हालात और कमज़ोर होना तय माना जा रहा है। महंगाई की मार झेल रहे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान और बेबस हो सकते हैं। 
4.निवेश करने से कतराएंगे देश
महंगाई और आतंकवाद की मार झेल रहे पाकिस्तान में कोई भी यूरोपियन देश पहले ही निवेश मुश्किल से कर रहे हैं। अब एफएटीएफ की तरफ से ब्लैक लिस्ट किए जाने के बाद यूरोपीय देश पाकिस्तान में निवेश से अपने हाथ खींच लेंगे।