पाकिस्तान का जासूसी ताना-बाना

विगत दिवस देश में ऑपरेशन सिंदूर और उसके बाद भारत और पाकिस्तान के बीच हुए सैन्य टकराव के समाचार विशेष रूप से चर्चा में रहे। भारत के ज्यादातर लोग सीमा पार भारतीय सेना द्वारा सफलता  के साथ आतंकवादियों के ठिकानों पर किए गए हमले के लिए सेना की प्रशंसा कर रहे थे। उस समय भारत में पाकिस्तान के जासूसी ताने-बाने के कुछ ऐसे समाचार मीडिया द्वारा सामने आने लगे, जिन्होंने विशेष रूप से राजनीतिक और पत्रकारिता गलियारों में चिन्ता पैदा की है। 
पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में लगभग 12 ऐसे व्यक्ति पकड़े गए हैं, जिन पर किसी न किसी रूप में पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप हैं। उनके बारे में बताया गया है कि वे खुफिया एजेंटों को सैन्य छावनियां, हवाई अड्डे या सेना की गतिविधियों संबंधी सोशल मीडिया और व्हाटसएप द्वारा जानकारी और तस्वीरें भेजते थे। उनमें से कइयों के नई दिल्ली स्थित पाकिस्तान दूतावास में दानिश नामक अधिकारी के साथ संबंध थे, जिसे अब वापिस पाकिस्तान भेजा जा चुका है। ये व्यक्ति जिनमें दो महिलाएं भी शामिल हैं, भिन्न-भिन्न समय पर पाकिस्तान की यात्रा पर जाने के लिए वीज़ा प्राप्त करने के लिए पाकिस्तानी दूतावास में गए थे और वहां दानिश नामक अधिकारी ने उन्हें भ्रमित करके पाकिस्तान के लिए जासूसी करने की कार्रवाइयों में लगा लिया और उन्हें पैसों सहित अन्य कई तरह के लालच दिए गए। दानिश ने ही आगे इन व्यक्तियों के अन्य पाकिस्तानी एजेंटों के साथ सम्पर्क करवाए थे। पकड़े गए इन व्यक्तियों में अधिकतर चर्चा यू-ट्यूबर ज्योति मल्होत्रा की हुई है, जोकि हिसार की रहने वाली है। उसके यू-ट्यूब चैनल के 3.77 लाख सबसक्राइबर हैं और 1.33 लाख फालोअर्स हैं। 31 वर्षीय ज्योति मल्होत्रा आकर्षक शख्सियत की मालिक है और वह अनेक बार पाकिस्तान के दौरे पर जा चुकी है। इसके अतिरिक्त वह चीन, बांग्लादेश, दुबई, इंडोनेशिया आदि देशों का दौरा भी कर चुकी है। भारतीय एजेंसियों को सन्देह है कि उसके ऐसे दौरे भी पाकिस्तानी एजेंटों द्वारा स्पांसर किए गए थे, क्योंकि वे चाहते थे कि वह मीडिया हस्ती के तौर पर पाकिस्तान के संबंध में सकारात्मक प्रचार करे। 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए हमले से पहले उसने पहलगाम का दौरा भी किया था। इसी कारण उस पर भारत की खुफिया एजेंसियों को अधिक सन्देह है, कि हो सकता है कि पहलगाम में पर्यटकों पर आतंकवादियों द्वारा हमला करने से पहले उसकी ओर से पाकिस्तानी एजेंटों को ‘रेकी’ करके महत्त्वपूर्ण जानकारी उपलब्ध करवाई गई हो, परन्तु हरियाणा पुलिस द्वारा जो अब ताज़ा जानकारी दी गई है, उसके अनुसार वह पाकिस्तानी एजेंटों के सम्पर्क में तो थी, परन्तु ऐसा कोई प्रमाण सामने नहीं आया कि उसकी ओर से सेना संबंधी कोई महत्त्वपूर्ण जानकारी पाकिस्तानी एजेंटों को उपलब्ध करवाई गई हो। इस संबंध में जांच अभी जारी है। ज्योति मल्होत्रा के अतिरिक्त जो अन्य व्यक्ति पाकिस्तान के लिए जासूसी करने और उन्हें महत्त्वपूर्ण जानकारी उपलब्ध करवाने के आरोप में गिरफ्तार किए गए हैं, उनमें नोमान इलाही (उत्तर प्रदेश), अरमान (हरियाणा), दविन्दर सिंह (हरियाणा), मोहम्मद मुर्तज़ा अली (पंजाब), फलक शेर मसीह (पंजाब), सूरज मसीह (पंजाब), गज़ाला और यामीन मोहम्मद (पंजाब), सुखप्रीत सिंह और करणवीर सिंह (पंजाब) आदि शामिल हैं।
उपरोक्त व्यक्तियों में अधिकतर 30 से 35 वर्ष की उम्र के हैं और कई अविवाहित भी हैं। ऐसी उम्र में पैसों के लालच देकर या लड़कियों द्वारा युवाओं को गलत कामों के लिए आकर्षित करना पाकिस्तान की खुफिया एजेंसियों के लिए आसान हो जाता है। पहले भी ऐसे अनेक उदाहरण सामने आए हैं, जब भारत के कई सैनिक जवानों को भी पाकिस्तान की खुफिया एजेंसियों ने इस तरह के लालच देकर अपने जाल में फंसाया था। पंजाब, हरियाणा और देश के कई अन्य प्रदेशों में युवाओं में व्याप्त बेरोज़गारी और शीघ्र पैसा कमाने की चाहत भी युवाओं को ऐसे कुख्यात तत्वों के जाल में फंसने के लिए प्रेरित कर सकती है। पंजाब में ड्रोनों द्वारा भेजे जा रहे नशीले पदार्थों और हथियारों को भी इसी सन्दर्भ में देखा जा सकता है। विदेशों से भी कुछ देश-विरोधी संगठन युवाओं को पैसे का लालच देकर देश-विरोधी गतिविधियों में भी शामिल करते आ रहे हैं। ऐसे युवक जब पकड़े जाते हैं तो ये तथ्य सामने आते हैं, कि कुछ पैसों के लालच में आकर ही युवक ऐसे गलत कामों में पड़ गए थे, जिस कारण उनका जीवन बर्बाद हो गया।
इस संबंध में हमारा यह विचार है कि युवाओं को सोशल मीडिया के आधुनिक चमक-दमक वाले युग में बेहद सतर्कता से विचरण करना चाहिए। अपने देश और अपने समाज के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को किसी भी स्तर पर और किसी भी तरह के लालच से कमज़ोर नहीं होने देना चाहिए। मेहनत और ईमानदारी से अपना करियर आगे बढ़ाना चाहिए। इस मार्ग पर चलते हुए कुछ कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। सफलता के शिखर पर पहुंचने के लिए समय भी अधिक लग सकता है, परन्तु इस तरह प्राप्त हुई सफलता देश और समाज में व्यक्ति को बड़ा मान-सम्मान दिलाती है, जिससे उसके परिवार का भी नाम रौशन होता है। युवकों के अभिभावकों को भी इस बात के प्रति सचेत रहना चाहिए कि उनके बच्चे पैसा कमाने या तेज़ी से आगे बढ़ने के लिए ऐसे रास्ते न अपनाएं, जिनसे उनके बच्चों के साथ-साथ उन्हें भी मुश्किलों का सामना करना पड़े। इस सन्दर्भ में भारत की ़खुफिया एजेंसियों को भी सतर्क रहना चाहिए, ताकि देश की सुरक्षा के ताने-बाने को किसी भी ढंग से पाकिस्तान की ़खुफिया एजेंसियां सेंध न लगा सकें, परन्तु इसके साथ ही सुरक्षा एजेंसियों को जासूसी के मामलों की जांच करते समय इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि कोई निर्दोष व्यक्ति केवल सन्देह के आधार पर ही उनकी कार्रवाई का शिकार न बन जाए।

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