ट्रम्प ने रूस-यूक्रेन युद्ध शांति वार्ता की ज़िम्मेदारी पोप पर डाली
अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने यूक्रेन और रूस के साथ चल रहे संघर्ष को समाप्त करने के लिए अपने शांति प्रयासों को लगभग बंद कर दिया है, क्योंकि सोमवार को तथाकथित दोस्त रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ उनकी दो घंटे की बातचीत नो एंट्री ज़ोन में समाप्त हो गयी। वेटिकन अब रूसी और यूक्रेनी नेताओं के बीच शांति वार्ता की मेजबानी करने के लिए दृश्य में प्रवेश कर गया है।
कोई नहीं जानता कि राष्ट्रपति ट्रम्प ने शिकागो में जन्मे पोप लियो-14 से मदद मांगी या नहीं, ताकि वे उन्हें बचा सकें और वार्ता की मेजबानी कर सकें, ताकि दोनों नेता उनकी बात सुन सकें। लेकिन वीपी जेडी वांस ने वास्तव में शिकागो के नयेपोप लियो-14 से मुलाकात की और यूक्रेन सहित वैश्विक स्थिति के बारे में बताया। ट्रम्प ने यूक्रेन में युद्ध के ‘रक्तपात’ को रोकने के प्रयास में सोमवार को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और यूक्रेनी राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की और अन्य नेताओं से अलग-अलग कॉल पर बात की, लेकिन राष्ट्रपति की शांति पहल अनिर्णायक रही, जिससे वे निराश हो गये। ट्रम्प ने अपने सोशल नेटवर्क ट्रूथ सोशल पर एक पोस्ट में कहा कि रूस और यूक्रेन अब तुरंत युद्ध विराम पर सीधी बातचीत करेंगे।
हालांकि यह स्पष्ट नहीं था कि ये वार्ता किस रूप में होगी या कब होगी। ट्रम्प ने कहा कि वेटिकन ने वार्ता की मेजबानी करने में रुचि व्यक्त की है। उन्होंने कहा, ‘इसके लिए शर्तें दोनों पक्षों के बीच बातचीत से तय होंगी, क्योंकि ऐसा केवल इसलिए हो सकता है, क्योंकि वे वार्ता के विवरण जानते हैं, जिसके बारे में किसी और को पता नहीं होगा।’ पुतिन के साथ ट्रम्प की कॉल दो घंटे से अधिक समय तक चली और ‘बहुत जानकारीपूर्ण और बहुत खुली थी,’ पुतिन ने रूसी राज्य मीडिया को बताया।
ट्रम्प ने ज़ेलेंस्की के साथ अपनी बातचीत के बारे में बहुत कम कहा, जिनसे उन्होंने सबसे पहले बात की, सिवा इसके कि उन्होंने ज़ेलेंस्की और अन्य नाटो देशों के नेताओं को वार्ता के बारे में सूचित कर दिया था। व्हाइट हाउस के अधिकारियों ने कोई और जानकारी देने से इनकार कर दिया। ज़ेलेंस्की के अनुसार ट्रम्प ने सोमवार को ज़ेलेंस्की से दो बार बात की, एक बार आमने-सामने, पुतिन के साथ ट्रम्प की कॉल से पहले और फिर यूक्रेनी और नाटो नेताओं के साथ एक कांफ्रैंस काल के दौरान।
ज़ेलेंस्की ने ट्वीट किया, ‘मैंने राष्ट्रपति ट्रम्प से फिर से कहा कि यूक्रेन पूर्ण और बिना शर्त युद्धविराम के लिए तैयार है।’ उन्होंने लिखा, ‘अगर रूसी हत्याओं को रोकने के लिए तैयार नहीं हैं, तो उन पर कड़े प्रतिबंध लगाये जाने चाहिए।’ ‘रूस पर दबाव उसे वास्तविक शांति की ओर ले जाएगा। यह दुनिया भर में सभी के लिए स्पष्ट है,’ रोम में एनबीसी न्यूज के साथ सोमवार को एक साक्षात्कार में जहां पोप लियो-14 ने उनका स्वागत किया, उपराष्ट्रपति जेडी वांस ने कहा, यह जोड़ते हुए कि ‘हमने पोप के साथ राष्ट्रपति की प्रमुख शांति पहलों के बारे में बात की। हमने इस बारे में बहुत बात की कि इज़रायल और गाज़ा में क्या चल रहा है। हमने रूस-यूक्रेन की स्थिति के बारे में बहुत बात की। भविष्य की भविष्यवाणी करना कठिन है, लेकिन मुझे लगता है कि न केवल पोप, बल्कि पूरे वेटिकन ने, आप जानते हैं, वास्तव में मददगार होने की इच्छा व्यक्त की है, और उम्मीद है कि एक शांति समझौते को सुविधाजनक बनाने के लिए मिलकर काम करना है। भविष्य की भविष्यवाणी नहीं की जा सकती, लेकिन यह बहुत सार्थक था और मुझे उम्मीद है कि देश के लिए इसका फल मिलेगा।’
इस बीच पुतिन के प्रवक्ता दिमित्रीपेसकोव ने कॉल से पहले कहा कि रूस ‘अमेरिका को बहुत महत्व देता है’ और ‘अमरीकी पक्ष का आभारी है।’ पत्रकारों के साथ एक ब्रीफिंग में उन्होंने कहा कि यदि अमरीका ‘शांतिपूर्ण तरीकों से हमारे लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद कर सकता है, तो यह वास्तव में बेहतर है।’ पेसकोव से ट्रम्प और पुतिन की व्यक्तिगत रूप से मुलाकात की संभावना के बारे में भी पूछा गया, जिसकी संभावना अमरीकी राष्ट्रपति ने शुक्रवार को जताई थी। पेसकोव ने कहा, ‘यह काफी हद तक इस बात पर निर्भर करेगा कि वे खुद क्या फैसला करते हैं।’ उन्होंने कहा कि तारीखों और अन्य विवरणों के संदर्भ में दोनों नेताओं द्वारा बैठक पर काम करने की ज़रूरत है।
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन सभी कब्जे वाली भूमि को रूसी के रूप में मान्यता देने, रूस को वे सभी क्षेत्र दिये जाने की मांग कर रहे हैं जिन पर उसका दावा है लेकिन उसका पूर्ण नियंत्रण नहीं है। फिर यह गारंटी भी कि यूक्रेन कभी भी नाटो में शामिल नहीं होगा और वह रूस के खिलाफ प्रतिबंधों को हटाना चाहते हैं। यूक्रेन के राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की रूसी सैनिकों की पूरी तरह वापसी, कैदियों और अपहृत यूक्रेनी बच्चों की वापसी, युद्ध अपराधों के लिए रूसी नेताओं पर मुकदमा चलाने और आगे रूसी आक्रमण को रोकने के लिए सुरक्षा गारंटी की मांग कर रहे हैं।
रूस और यूक्रेनी अधिकारियों के बीच पहली बैठक युद्ध शुरू होने के चार दिन बाद 28 फरवरी 2022 को बेलारूस में हुई और बिना किसी नतीजे के समाप्त हुई। बाद में वार्ता के दौर हुए, मार्च 2022 में बेलारूस-यूक्रेन सीमा पर और तुर्की के अंताल्या में। तुर्की में बातचीत से एक समझौता हुआ जिसके अनुसार यूक्रेन नाटो में शामिल होने की योजना को छोड़ देगा और अपनी सेना पर सीमाएं लगायेगा, जबकि पश्चिमी देशों से सुरक्षा गारंटी होगी और रूस द्वारा क्रीमिया पर कब्ज़ा करने को मान्यता देने की आवश्यकता नहीं होगी। मसौदा संधि पर लगभग सहमति बन गयी थी, लेकिन सुरक्षा गारंटी और बुचा नरसंहार पर असहमति ने अंतत: वार्ता की सफलता को रोक दिया।(संवाद)