भारत नया हो सकता है लेकिन पाकिस्तान नहीं

10 मई शाम पांच बजे हमले रोकने पर भारत-पाकिस्तान में समझौता हुआ, तीन घंटे बाद आठ बजे पाकिस्तान ने फिर ड्रोन दागे। इस खबर से बहुत से लोग विचलित हुए, लेकिन जो लोग पाकिस्तान की सैनिक फितरत (पाकिस्तान के अवाम की नहीं) को जानते-समझते हैं वे हैरान नहीं हुए क्योंकि उनको पता है कि पाकिस्तान अपनी नापाक हरकतों से बाज आने वाला नहीं है। वहां की सेना का रवैया हमेशा दुश्मनी का रहा है। बार-बार युद्ध में पराजय का मुंह देख कर भी वे युद्ध या अघोषित युद्ध की तैयारी में रहते हैं।
ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पी.ओ.के. के आतंकी अड्डों पर भारत ने हमला किया था। इसके बाद भारत लड़ाई को आगे बढ़ाने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखा रहा था। घोषित रूप से कहा भी कि हमारी प्रतिक्रिया केन्द्रित, नपी-तुली और नॉन-एस्केलटरी थी, लेकिन 7-8 मई की रात पाकिस्तान ने ड्रोन और मिसाइलों का इस्तेमाल करते हुए अमृतसर, श्रीनगर, चंडीगढ़ और भुज सहित भारत के 16 शहरों में सैन्य प्रतिष्ठानों को निशाना बनाने की कोशिश की। 8 मई को जवाबी कार्यवाही के तहत लाहौर सहित पाकिस्तान के कई शहरों में एयर डिफेंस वायु रक्षा राडारों और प्रणालियों को निशाना बनाया। 
भारत का व्यवहार बिल्कुल स्पष्ट है। भारत की कार्रवाई पहले से कहीं ज्यादा आक्रामक है। अब नज़र आ रहा है कि हमारा 2025 का सिद्धांत यही है कि अगर पाकिस्तान भारत की धरती पर आतंकवाद फैलाता है तो उसे इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी। भारत सीमा लांघने से भी नहीं हिचकिचाएगा। युद्ध-विराम की घोषणा से ठीक पहले भारत सरकार ने कहा कि भविष्य में होने वाले किसी भी आतंकी हमले को देश के खिलाफ युद्ध की कार्रवाई माना जाएगा। आतंकियों और उन्हें पनाह देने वालों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई का दृढ़ इरादा भी स्पष्ट कर दिया है। उधर, पाकिस्तान से अधिकारिक स्तर पर कहा गया है कि पाकिस्तान तीस साल से यह गंदा खेल खेल रहा है। अपना बचाव करते हुए उन्होंने पूरा आरोप अमरीका और सोवियत संघ के शत्रुता व्यवहार और उसमें पाकिस्तान का लिप्त होना बताया, लेकिन आने वाली पीढ़ियां यह सवाल ज़रूर पूछेगी कि आपके पास इन्कार करने का विकल्प तो था ही।
भारत सदा अपनी सीमा में रहा है लेकिन पाकिस्तान ने अपनी सीमा का ध्यान नहीं रखा। भले ही वह पहलगाम हो या अन्य घुसपैठ की कोशिशें। पहले भी भारत ने करारा जवाब दिया है, जिसमें 2016 की सर्जिकल स्ट्राइक शामिल है, लेकिन इस बार भारत ने सीमा के 700 कि.मी. पर बड़ी कार्रवाई की। साथ ही पाकिस्तान के मुख्य इलाके पंजाब पर बड़ी कार्रवाई की। उनकी भौगोलिक स्थिति के कारण पंजाब पाकिस्तान के लिए खास मुकाम रखता है। यहां हमला करना पाकिस्तान को दबाव में लाना था।
हमें हमेशा इस बात पर सजग रहना होगा कि हम विदेशी ताकतों के हाथ का खिलौना नहीं बने। इसके लिए भारत और पाकिस्तान दोनों का सचेत होना ज़रूरी है। हमें हमेशा युद्ध की तैयारी में रहना होता है। इसके लिए आधुनिकतम टैक्नोलॉजी और हथियार खरीदना ज़रूरी होता है।
 

#भारत नया हो सकता है लेकिन पाकिस्तान नहीं