रेल मार्ग से श्री ननकाना साहिब के दर्शनों की उम्मीद होगी पूरी!

करतारपुर गलियारा (डेरा बाबा नानक), 15 नवम्बर (डा. कमल काहलों, गुरशरणजीत सिंह पुरेवाल) : जिला गुरदासपुर के ऐतिहासिक कस्बा डेरा बाबा नानक से पड़ोसी देश पाकिस्तान के ज़िला नारोवाल तक चलने वाली रेलगाड़ी बंटवारे के बाद पटरी परे नहीं चढ़ सकी, के दोबारा पटरी पर चढ़ने का अंदेशा जताया जा रहा है, क्योंकि आज डेरा बाबा नानक में उत्तर रेलवे के उच्चाधिकारियों का एक शिष्टमंडल डेरा बाबा नानक रेलवे स्टेशन से लाइन का दौरा करने के लिए पहुंचा था। बंटवारे से पहले रेलगाड़ी पर हजारों लोग सफर करके अपने अपने मुकाम पर पहुंचते थे और यह रेलगाड़ी लोगों को मिलाने के लिए एक कड़ी का काम करती थी। इसके अलावा रेलगाड़ी से ही माल की ढुलाई व व्यापार का काम बड़े स्तर पर चलता था, परंतु बदकिस्मती यह कि बंटवारे के बाद कुछ हालात इस तरह के बने की सरकारों द्वारा इस रेलगाड़ी को बंद करना पड़ा। स्थानीय लोगों मुताबिक डेरा बाबा नानक निकट रावी दरिया पर एक बहुत ही सुंदर पुल बना हुआ था, जिसके नीचे रेलगाड़ी व ऊपर की बसें चलती थीं। 65 के युद्ध दौरान बम गिरने से इस पुल का बड़ा हिस्सा उड़ गया और धीरे धीरे इसपुल का अस्तित्व खत्म हो गया, जिस कारण अमृतसर से चलने वाली इस रेलगाड़ी को डेरा बाबा नानक से ही वापिस मुड़ना पड़ा। श्री करतारपुर साहिब का 72 वर्षाें बाद गलियारा खुलने के बाद केंद्र सरकार द्वारा रेलवे विभाग से इस रेलगाड़ी के दोबारा चलने की उम्मीद बंधती दिखाई दे रही है। जब आज ‘अजीत समाचार’ की टीम रेलवे स्टेशन डेरा बाबा नानक में पहुंची तो उत्तरी रेलवे के फिरोजपुर के अधिकारी जायजा लेने पहुंचे हुए थे। चाहे उन्होंने बातचीत करने से इन्कार कर दिया, परंतु दबी जुबां में वो यह कह गए कि चल सकती है नारोवाल तक यह रेलगाड़ी। यह भी बता दें कि वो उच्चाधिकारी धुस्सी बांध पर बी.एस.एफ. की चैक पोस्ट तक पहुंचे और उन्होंने ट्रैक की जांच की। अधिकारियों के पहुंचने पर वहां कुछ जमीन के मालिक किसान भी पहुंच गए। अधिकारियों ने उनसे बातचीत नहीं की, परंतु किसानों ने बताया कि काफी समय पहले से किसानों और रेलवे विभाग का एक कोर्ट केस चल रहा है, जो रेलवे ने जीत लिया है और यह वो जमीन है, जिससे रेल नारोवाल तक जाती थी। इससे यह परिणाम निकलता है कि भारत सरकार यह ट्रैक दोबारा शुरु कर सकती है। यह तो आने वाला समय ही बताएगा कि श्री ननकाना साहिब जाने के लिए संगत की उम्मीदें पूरी होंगी या नहीं?