हरिके झील की विदेशी मेहमानों ने बढ़ाई रौणक

हरिके पत्तन, 23 दिसम्बर (रितू कुन्द्रा) : ब्यास-सतलुज दरिया के संगम विश्व प्रसिद्व हरिके झील जो प्रवासी पक्षियों के स्वर्ग के तौर पर जानी जाती है। वैसे तो सारा वर्ष ही हरिके झील पर पक्षी देखे जाते हैं लेकिन सर्दी में मेहमान बन कर आते यह प्रवासी पक्षी झील की सुन्दरता को निखारते हैं, जिनका नजारा नजदीक से देखने लिए देश ही नहीं बल्कि विदेश से भी सैलानी हरिके झील पहुंचते हैं। रंग-बिरंगे पक्षियों की डार जब पानी में कलोल करती है तो यह अद्भुत नजारा देखनेयोग होता है। जंगली जीव व वन विभाग के अनुसार इस समय झील में लगभग 1 लाख प्रवासी पक्षी पहुंच चुके हैं, जिनमें कूट, बार हैडिड गीज, रके-लैग गीज, रूडी शैलडक, साईबेरियन गलज, रैड कर्सटड पोचड, टफ-टफ पोचड, कोमन पोचड, पिनटेल आदि किस्मों के मेहमान पक्षी झील के विभिन्न क्षेत्रों में अठखेलियां करते दिखाई दे रहे हैं, जबकि हरिके झील का निरीक्षण किया गया तो झील के खैतान क्षेत्र में कूट व गीज हजारों की संख्या में ठंडे मौसम में आनंद ले रहे थे। इसके इलावा सतलुज दरिया में लारज कार्पोरैट व बार हैडिड गीज भारी संख्यां में दिखाई दिए। गत वर्ष विभाग द्वारा की गई गिनती के मुताबिक 1 लाख 23 हजार के लगभग प्रवाशी पक्षी हरिके झील में पहुंचे थे।  इस संबंधी जब डब्ल्यू.डब्ल्यू.एफ की सीनियर प्रोजैक्ट अधिकारी मैडम गीतांजली कंवर से बात की गई तो उन्होंने कहा कि 17-18 जनवरी को 2 दिन में प्रवासी पक्षियों की गिनती का काम पूरा किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस वर्ष यहां अन्य विभिन्न प्रकार की प्रजाति के पक्षी झील पर देखे गए हैं, वहीं यूरोप का पक्षी कोमन मारगेंजर भी देखा गया है जो कभी पहले पंजाब में देखा नहीं गया।