अमीर और गरीब के बीच बढ़ता अंतर 

भारत के अमीर और ज्यादा अमीर होते जा रहे हैं, गरीब और ज्यादा गरीब। इस बढ़ती असमानता से उपजी चिंताओं के बीच देश में अरब़पतियों की तादाद तेजी से बढ़ रही है। भारत के लिये विडम्बनापूर्ण है कि यहां गरीब दो वक्त की रोटी और बच्चों की दवाओं के लिए जूझ रहे हैं, वहीं कुछ अमीरों की संपत्ति लगातार बढ़ती जा रही है। देश में दसियों नए अरबपति उभरे हैं तो कुछ पुराने अरबपतियों की लुटिया भी डूब गई है। दुनिया भर में अमीरों और गरीबों के बीच में असमानता की खाई को पाटने के बावजूद अमीरों और गरीबों के बीच का अंतर लगातार बढ़ता जा रहा है। हाल ही में जारी किए गए नए आंकड़ों के अनुसार भारत ही नहीं बल्कि दुनिया भर में अमीर और अमीर हुए हैं जबकि गरीब और गरीब हुए हैं।
हाल में प्रतिष्ठित ऑक्सफैम मैगजीन द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार दुनियाभर में अमीरों और गरीबों के बीच का अंतर लगातार बढ़ता जा रहा है। अमीर और गरीब के बीच का यह अंतर भारत में भी बहुत तेजी से बढ़ता जा रहा है।
ऑक्सफैम के अनुसार साल 2018 में भारतीय अरबपतियों की संपत्ति में प्रतिदिन करीब 2,200 करोड़ की बढ़ोतरी हुई है। 
रिपोर्ट के अनुसार एक तरफ  जहां देश के शीर्ष एक प्रतिशत अमीरों की संपत्ति में 39 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है वहीं देश के लगभग 50 प्रतिशत से अधिक गरीब लोगों की कुल संपत्ति में लगभग तीन प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। रिपोर्ट के अनुसार देश के शीर्ष नौ अमीर लोगों की कुल संपत्ति पचास प्रतिशत गरीब लोगों की कुल संपत्ति से अधिक है। गरीबों की कीमत पर बढ़ती अमीरी-गरीबी निवारण के मार्ग में बहुत बड़़ी बाधा बन गई है। 
आधुनिक आर्थिक अवधारणा विषमता को बढ़ने से रोकने में सफल नहीं हो पाई है। गरीबी नियंत्रण के लिए सरकार को कुछ त्वरित कदम उठाने होंगे जैसे ग्रामीण अर्थ-व्यस्था की मजबूती के लिए, पशुपालन और कृषि में तकनीकी सुधार के साथ सुविधाएं और प्रोत्साहन देना होगा। स्वरोजगार के अवसरों में वृद्धि की जानी चाहिए। गांवों को स्वरोजगार केंद्र के रूप में विकसित करने की आवश्यकता है। अधिक से अधिक महिलाओं को स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध करवाने होंगे।