पंजाब विधानसभा का बजट सत्र- अंतिम दिन भी विधायकों के निशाने पर रही सरकार

चंडीगढ़, 4 मार्च (हरकवलजीत सिंह): पंजाब विधानसभा में आज बजट सत्र के अंतिम दिन भी सत्ताधारी पार्टी के विधायकों द्वारा अपनी ही सरकार की कार्यशैली का विरोध जारी रहा। पार्टी के वरिष्ठ विधायक परगट सिंह ने आज सदन में शून्यकाल के दौरान सम्बोधित करते हुए कहा कि बिजली समझौतों का मुद्दा प्रदेश के लिए बेहद महत्त्वपूर्ण है जिससे प्रदेश के समूचे बिजली उपभोक्ता असरदार होते हैं। उन्होंने कहा कि इस संबंधी श्वेत पत्र, कमेटियां, सब कमेटियों से कुछ बनने वाला नहीं क्योंकि लोग समझते हैं कि ऐसी कमेटियां मसले लटकाने के लिए ही बनती हैं। उन्होंने स्पीकर राणा के.पी. सिंह को कहा कि मुख्य मुद्दा तो यह है कि यह बिजली समझौते रद्द किए जाएं जिनके कारण पंजाब के खज़ाने की लूट हो रही है और बिजली उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त बोझ पड़ रहा है। उन्होंने स्पीकर से कहा कि वह नहीं समझते कि सरकार इस मुद्दे पर कुछ कर सकेगी, इसलिए स्पीकर खुद ही इस संबंधी सदन की कमेटी गठित करें और सदन की कमेटी इस पूरे मामले में दूध का दूध और पानी का पानी एक माह में सामने ले आएगी। उन्होंने कहा कि यह भी कितने अफसोस की बात है कि श्री गुरु ग्रंथ साहिब के सरूपों की बेअदबी के मामलों में पिछले 5 वर्षों से चालान पेश नहीं किए गए और न ही सरकारी स्तर पर इन मामलों के लिए कोई दिलचस्पी ही दिखाई जा रही है। परगट सिंह द्वारा उठाए गए इन मुद्दों का सत्ताधारी पार्टी के कई विधायकों ने उन्हें समर्थन देते हुए और बैंच थपथपाकर समर्थन किया लेकिन मुख्यमंत्री आज भी सदन में हाज़िर नहीं थे, जिस कारण इस मुद्दे पर सरकार द्वारा कोई जवाब नहीं दिया गया। इसी तरह कांग्रेस विधायक वरिंदरमीत सिंह पाहड़ा ने शून्यकाल दौरान कहा कि मुख्यमंत्री के पास बार-बार विधायकों द्वारा दिल्ली पंजाब भवन में कमरे न मिलने का मुद्दा उठाया गया लेकिन आज तक इस संबंधी कोई जवाब नहीं मिला। स्पीकर राणा के.पी. सिंह ने सदन को बताया कि यह एक गम्भीर व विधायकों की मर्यादा वाला मामला है, जिसके लिए उन्होंने आज बाद दोपहर राज्य के मुख्य सचिव को बुलाया हुआ है, जोकि दिल्ली सुप्रीम कोर्ट किसी मामले के लिए गए हुए हैं और वह मुख्य सचिव के साथ यह मामला जल्द उठाएंगे। 
पवन टीनू विरुद्ध मामला मर्यादा कमेटी को सौंपा गया : अकाली दल के विधायक पवन टीनू द्वारा आज सदन में स्पीकर विरुद्ध नारेबाज़ी की गई और स्पीकर द्वारा उन्हें सदन की कार्यवाही में बार-बार बाधा डालने के विरुद्ध चेतावनी के बाद वह बाकी अकाली विधायकों द्वारा साथ न मिलने के बावजूद भी अकेले स्पीकर की कुर्सी के सामने जाकर नारेबाज़ी करते रहे। राज्य के संसदीय मामलों के मंत्री ब्रह्म महिन्द्रा ने उठकर स्पीकर को कहा कि विधायक टीनू स्पीकर की शान के खिलाफ अपशब्द उपयोग कर रहे हैं और उनके विरुद्ध बनती कार्रवाई की जाए, लेकिन स्पीकर ने यह कहकर उन्हें टाल दिया कि वह जो कहते हैं कहने दें।  इसके बाद टीनू ने फिर प्रदेश के वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल के बैंच सामने आ कुछ शब्द कहे, जिस पर ठंडे स्वभाव के लिए जाने जाते बादल भी खड़े होकर टीनू को काबू करने के लिए आगे बढ़े, लेकिन सत्ताधारी पार्टी के कई मंत्री व विधायक भी टीनू के विरोध में अपने बैंच छोड़कर आ गए और स्पीकर ने सदन में हाथापाई तक नौबत पहुंचती देख सदन की कार्यवाही 15 मिनट के लिए स्थगित कर दी। सदन की बैठक दोबारा शुरू होने पर कैबिनेट मंत्री चरनजीत सिंह चन्नी ने टीनू के रवैये पर कड़ा एतराज़ जताते हुए कहा कि मैं 13 साल से सदन का सदस्य रहा हूं और इस सत्र में जो कुछ हो रहा है वह अच्छा नहीं। उन्होंने कहा कि अकाली दल के दूसरे विधायकों द्वारा टीनू के रवैये को अनुचित महसूस करते हुए उनका साथ नहीं दिया गया। स्पीकर राणा के.पी. सिंह ने भी कहा कि नियम किसी भी सदस्य को सदन में ऐसे भद्दे शब्दों का उपयोग व किसी अन्य सदस्य के टेबल पर जाकर दुर्व्यवहार करने की अनुमति नहीं देते। उन्होंने पवन टीनू द्वारा सदन की मर्यादा को भंग करने का यह मामला सदन की मर्यादा कमेटी को सौंपने का प्रस्ताव रखा जिसे सदन ने वोटों से स्वीकार कर लिया। 
बजट अनुमानों संबंधी खज़ाना बिल सदन द्वारा पारित : पंजाब विधानसभा द्वारा आज बजट प्रस्तावों संबंधी पंजाब नमित्त बिल को पारित किए जाने से आगामी वित्तीय वर्ष के लिए वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल द्वारा पेश किए गए बजट प्रस्तावों को स्वीकृति मिल गई है।
सदन द्वारा 5 प्रस्तावों को स्वीकृति : पंजाब विधानसभा द्वारा आज विधायक कामकाज दौरान 5 प्रस्तावों को स्वीकृति दी गई जिसमें दी पंजाब प्राइवेट हैल्थ साईंसिज एजुकेशनल इंस्टीच्यूशन रैगुलेशन आफ एडमिशन एंड फिक्सेशन आफ रिज़र्वेशन बिल 2020 को स्वीकृति दे दी गई जिसका उद्देश्य प्रदेश के सभी मैडीकल कालेजों में फीस संबंधी एकसारता लाने और आरक्षण आदि संबंधी नियमों को स्पष्ट करना है। सदन द्वारा आज पंजाब जेल विकास बोर्ड बिल को भी स्वीकृति दे दी जिसका उद्देश्य जेलों के विकास के लिए धनराशि जुटाना, कैदियों के लिए खाने व दूसरी सुविधाआें को बेहतर बनाना व जेलों से होती आय को जेलों के सुधार के लिए ही खर्च किया जाना शामिल है। इसी तरह प्रदेश सरकार द्वारा पंजाब मैनेजमैंट एंड ट्रांसफर आफ म्युनिसिपल प्रापर्टी बिल व पंजाब स्लम डिवैलर प्रापर्टी राइट एक्ट 2020 को भी स्वीकृति दे दी। उक्त दोनों प्रस्तावों का उद्देश्य काब्ज़कारों को जायदादों के मालिकाना हक देना है जो उन्हें कुछ राशि की अदायगी के बाद मिल सकेंगे और इससे काब्ज़कार अपनी जायदादों पर कज़र् भी ले सकेंगे। विधानसभा द्वारा आज संसदीय मामलोें बारे मंत्री रखे विधानसभा सत्र समागम को अनिश्चितकाल के लिए उठाए जाने संबंधी प्रस्ताव को स्वीकृति देते हुए बजट सत्र को आज उठा दिया गया।