वाहवाही अर्जित करने वाला हरियाणा का बजट

हरियाणा की मौजूदा भाजपा-जजपा नीत मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की साझा सरकार के अन्तिम बजट में, आशा के अनुरूप न तो कोई नया कर लगाया गया है, और न ही किसी पुराने कर में वृद्धि-केन्द्रित कोई छेड़-छाड़ की गई है। तथापि, बजट का सम्पूर्ण लेखा-जोखा करें, तो स्पष्ट हो जाता है, कि मुख्यमंत्री जिनके पास वित्त मंत्रालय भी है, ने सचमुच बड़ा मनोहर बजट पेश किया है। इस बजट के ज़रिये हरियाणा की मौजूदा सरकार ने एक तीर से कई निशाने लगाने की कोशिश की है। अगले महीने देश में लोकसभा चुनावों की घोषणा हो जाने की बड़ी सम्भावना है। इसी वर्ष हरियाणा में विधानसभा चुनाव भी होने वाले हैं। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर अपनी तीसरी पारी के लिए प्रबल दावेदार भी हैं। ऐसे में उन्होंने इस बजट को इस मनोहर अन्दाज़ में प्रस्तुत किया है कि जिससे सभी वर्गों और पक्षों के दोनों हाथों में लड्डू पाये गये हैं। इस बजट में समाज के सभी वर्गों को कुछ न कुछ अवश्य दिया गया है। किसानों के ज़िम्मे कृषि ऋण सोसायटी से लिये गये फसल-ऋण की अदायगी न हो पाने पर आयद हुए ब्याज और जुर्माने की माफी और आबियाना की माफी की घोषणा भी एक साथ, एकाधिक लक्ष्य भेदने में सक्षम प्रतीत होती है। नि:संदेह इस घोषणा से प्रदेश के बड़े किसान समुदाय को लाभ होने की बड़ी सम्भावना है। ब्याज माफी की यह राशि 1739 करोड़ रुपये तक बनती है, और आबियाना माफी की सीमा में प्रदेश के 4299 गांव आते हैं।
खास तौर पर ग्रामीण विकास और जन-कल्याण जैसी योजनाओं पर केन्द्रित वर्ष 2024-25 के लिए कुल 1,89,876 करोड़ रुपये से अधिक के इस बजट में 1,34,456 करोड़ रुपये राजस्व खर्च हेतु जबकि पूंजीगत खर्च के लिए 55,420 करोड़ रुपये रखे गये हैं। राज्य के कोष में रुपया आने के साधन हेतु कर-वसूली से 84,551 करोड़ रुपये जबकि ़गैर-कर-वसूली के ज़रिये 9,243 करोड़ रुपये आने का अनुमान है। बजट में कई जगह विकसित भारत की तरह विकसित हरियाणा की अवधारणा का खुलासा किया जाना भी मुख्यमंत्री के आशावाद का संकेत देता है। पिछले वर्ष की तुलना में कृषि के लिए 38.9 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 7,570.77 करोड़ रुपये और शिक्षा के धरातल पर 15.49 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 21,187.46 करोड़ रुपये की राशि रखी गई है। इसी प्रकार स्वास्थ्य के लिए आरक्षित राशि में 23.89 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 9,570.16 करोड़ रुपये रखे गये हैं।
बजट में मुख्यमंत्री द्वारा पिछले वर्ष की रबी और खरीफ की 14 फसलों की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद के लिए 29,876 करोड़ रुपये जारी किया जाना भी अनेक कृषि लक्ष्यों को साधने वाला निर्णय प्रतीत होता है। सम्भवत: इसीलिए बजट में कृषि और किसानों पर ध्यान अधिक केन्द्रित किया गया है। अगले वर्ष हेतु प्रदेश में 500 बहुद्देश्यीय और बहु-लक्षित सहकारिताओं की स्थापना की घोषणा भी कृषि और किसान से ही सम्बद्ध मानी जा सकती है। किसानों के आन्दोलन-2 के दौरान, हरियाणा के मुख्य धुरी बन जाने के दृष्टिगत प्रस्तुत बजट का कृषि-केन्द्रित होना भी मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की योजनाबंदी का ही एक हिस्सा प्रतीत होता है। कुल मिला कर, कई पक्षों से अहम हुए इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने सचमुच अपने नाम के अक्षरानुरूप बजट पेश करके सर्वपक्षीय वाहवाही अर्जित करने की कोशिश की है।