हिमाचल प्रदेश का कर-मुक्त बजट

हिमाचल प्रदेश विधानसभा में पेश किये गये मौजूदा सरकार के तीसरे बजट में बेशक 7272 करोड़ रुपये का वित्तीय घाटा दर्शाया गया है, परन्तु बजट में कोई नया कर प्रस्तावित नहीं किया गया। बजट स्वयं मुख्यमंत्री ने पेश किया। वर्ष 2020-21 के इस बजट में कुल राजस्व प्राप्तियां 38,429 करोड़ रुपये दर्शायी गई हैं जबकि अनुमानित खर्च 39,123 करोड़ रुपये होगा। बजट में घोषित अनुमानित मदों में गरीब वर्ग, अनुसूचित जाति/जनतजाति, महिलाओं और युवाओं के लिए अनेक योजनाओं का खाका तैयार किया गया है। हिमाचल प्रदेश के दुर्गम पर्वतीय क्षेत्र होने के कारण सड़क-मार्ग प्रदेश की रक्त-वाहनियों जैसे होते हैं अत: प्रस्तुत बजट में सड़कों के निर्माण, पुरानी सड़कों की मुरम्मत, उनके रख-रखाव, सम्पर्क सड़कों की ओर विशेष ध्यान दिया गया है। इन सड़क मार्गों में केन्द्र सरकार और विश्व बैंक की सहायता से बनने वाली सड़कें भी शामिल हैं, जिनके लिए अलग-अलग करोड़ों रुपये की राशि निर्धारित की गई है। प्रदेश के विकास हेतु आधारभूत ढांचे, ऊर्जा क्षेत्र, परिवहन के लिए अलग घोषणाएं की गई हैं। प्रदेश में बाहरी निवेश बढ़ाने का वायदा भी बजट में किया गया है।बजट में मुख्यमंत्री ने गरीबों एवं अनुसूचित जाति के निर्धन वर्गों के लिए 10 हज़ार मकान बना कर देने की व्यवस्था भी की गई है। अनुसूचित जाति के गरीब परिवारों के लिए 5100 मकान बना कर देने की घोषणा भी की गई है। बिजली के विस्तार और उत्पादन में वृद्धि करने हेतु पुरानी परियोजनाओं में सुधार एवं विस्तार तथा नई परियोजनाओं हेतु भारी धन-राशि आरक्षित की गई है। शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार, ज्ञानोदय शिक्षा के विस्तार, उत्कृष्ट योजनाओं एवं स्वर्ण जयन्ति सुपर-100 हेतु 54 करोड़ रुपये अधिक की अतिरिक्त धन-राशि आबंटित की गई है। इसी के अन्तर्गत बाल पोषाहार योजना एवं स्वस्थ बचपन योजनाओं की आधारशिला भी तैयार की गई है। महिलाओं के कल्याण हेतु 2 लाख 76 हज़ार नये गैस कनैक्शन जारी किये गये हैं। श्रमिकों की दिहाड़ी उजरत 275 रुपये करना भी सराहनीय पग है। कृषि एवं ब़ागवानी की ओर अधिक ध्यान देने का वायदा भी बजट में किया गया है। प्रदेश की आय के स्रोतों पर्यटन के बाद कृषि और ब़ागवानी आते हैं। इसके  साथ ही मुर्गी पालन, मधु-मक्खी पालन और पशु-धन विस्तार के लिए 16 नई योजनाएं तैयार करने की घोषणा की गई है। ग्रामीण एवं सुदूरवर्ती क्षेत्रों के कल्याण एवं विकास के लिए नये प्रयासों का वायदा भी बजट में है। डेयरी मालिकों को लाभ देने हेतु दूध की कीमतों में 2 रुपये किलो की बढौतरी की गई है। उद्योग, परिवहन, सामाजिक क्षेत्र एवं स्वास्थ्य के धरातल पर भी बड़ी योजनाएं तैयार की गई हैं।हम समझते हैं कि नि:संदेह प्रदेश के मुख्यमंत्री ने अपने नेतृत्व में पेश किये गये इस बजट में समाज के सभी वर्गों का पूरा ध्यान रखने और विकास के पथ पर पड़ने वाले सभी पड़ावों की योजनाबंदी का पूरा ध्यान रखने की कोशिश की है। इस बजट की एक बड़ी विशेषता बजट प्रस्तुति को पेपर-लैस बनाये रखना है। मुख्यमंत्री पूरे प्रदेश को यथा-सम्भव और यथा-शक्ति पेपर-लैस बनाने की अपनी पूर्व-घोषणा पर निरन्तर अमल कर रहे हैं। प्रस्तुत बजट के उभरते चिन्ह नि:संदेह समाज और प्रदेश के कल्याण को दर्शाते हैं।