जनता पर 20 से अधिक इकट्ठ की पाबंदी

चंडीगढ़, 20 मार्च (हरकवलजीत सिंह) : पंजाब सरकार द्वारा कोरोना वायरस से निपटने के लिए चाहे जनता को कोई भी इकट्ठ 20 व्यक्तियों तक सीमित रखने के आदेश दिए गए हैं परंतु मुख्यमंत्री द्वारा अपनी सरकार के 3 वर्ष पूरे होने पर किए जा रहे सम्मेलनों में सैकड़ों लोगों के इकट्ठ भोजन व पार्टियों के लिए यह पाबंदी लागू नहीं हो रही। मुख्यमंत्री की मीडिया टीम द्वारा कुछ मीडिया संस्थानों को करोड़ों रुपए देकर करवाए जा रहे यह सम्मेलन 5 सितारा होटलों में हो रहे हैं जहां विदेशी यात्रियों का काफी आवागमन होने के कारण इन्हें स्वास्थ्य विभाग द्वारा सबसे अधिक खतरनाक माना जा रहा है क्योंकि देश में कोरोना वायरस मुख्य तौर पर विदेशी यात्री ही लेकर आ रहे हैं। मुख्यमंत्री के ऐसे लगभग 2 सम्मेलन हो गए हैं तथा 5 अभी और होने जा रहे हैं, जिनमें मुख्यमंत्री सचिवालय के कर्मचारियों, लोक सम्पर्क व सुरक्षा स्टाफ के अलावा दूसरे सहायक स्टाफ व पहुंचने वाले दूसरे लोगों की 2 से 300 तक संख्या होती है, जोकि सरकार के अपने आदेशों का ही उल्लंघन है, लेकिन दिलचस्प बात यह है कि कल के समागम मौके जब मुख्यमंत्री पहुंचे तो हाल में से हाज़िर सभी लोगों को बाहर निकालकर हाल को पहले सैनेटाइज़र किया गया और मुख्यमंत्री के साक्षात्कार दौरान किसी को अंदर नहीं आने दिया गया ताकि मुख्यमंत्री को वायरस से सुरक्षित रखा जा सके। राज्य सरकार द्वारा उक्त 7 सम्मेलनों व संबंधित कार्यक्रमों पर 10 करोड़ रुपए से अधिक खर्च किए जाने की योजना है, जबकि राज्य के स्वास्थ्य विभाग के लिए वैंटीलेटर खरीदने के लिए पैसा नहीं, जबकि स्वास्थ्य विभाग का यह कहना है कि वह वैंटीलेटरों की ज़रूरत के लिए निजी क्षेत्र के अस्पतालों पर नज़र नहीं रख सके। इसी प्रकार सरकारी कर्मचारियों को वायरस से बचाने के लिए कार्यालयों में अब तक न तो सैनेटाइज़र व न ही वायरस से बचाव के लिए दूसरा पर्याप्त साजो सामान खरीद कर मुहैया किया जा सका है, लेकिन मुख्यमंत्री के प्रोपेगंडा अभियान के लिए पैसे की कोई कमी नहीं है। दिलचस्प बात यह है कि अधिकतर मंत्रियों द्वारा भी अपने कार्यालयों व घरों के बाहर लिखकर लगा दिया गया है कि कोरोना वायरस के कारण जनता के साथ मिलने की योजना फिलहाल बंद है।