गऊ कर वसूली का फंसा 100 करोड़, कोरोना के कारण गऊशालाओं पर वित्तीय संकट

जालन्धर, 9 अप्रैल (शिव शर्मा): कोरोना संकट के कारण राज्य की कई गऊशाला के लिए चारे, तूड़ी, दवाइयों का संकट आ खड़ा हुआ है क्योंकि कर्फ्यू लगने के बाद कई गऊशाला में पहले की तरह लोगों द्वारा पहुंचाया जाता सामान भी अब पहुंचने में रुकावटें आ रही हैं जबकि दूसरी ओर यह संकट इसलिए भी बढ़ रहा है कि राज्य सरकार के पास काफी समय का लोगों से गऊ कर के रूप में एकत्रित किए लगभग 100 करोड़ रुपए अभी तक गऊशालाओं को जारी नहीं किया जा सका है। राज्य सरकार ने चाहे इस मामले में स्वयं भी माना है कि कोरोना संकट के कारण कई गऊशालां में सहायता नहीं मिल रही है। एक जानकारी के अनुसार राज्य में 512 के लगभग गऊशाला मौजूद हैं जिनमें 3.84 लाख के लगभग गऊएं व अन्य पशु मौजूद हैं। राज्य की कई गऊशाला में इसलिए चारे, तूड़ी व दवाइयों की कमी आ रही है कि कर्फ्यू के कारण कई जगह चारा, तूड़ी नहीं पहुंच रही है। गऊशाला में आम दिनों में भी दानी लोग रोज़ाना चारा, तूड़ी भेजते हैं जबकि कर्फ्यू के कारण लोगों की आमद कम हो गई है। एक जानकारी के अनुसार राज्य में कई गऊशाला में गऊओं की सम्भाल के लिए खतरा पैदा हो गया है क्योंकि भूख के कारण पशुओं की सम्भाल करनी मुश्किल हो गई है। कई लोगों का कहना है कि इस समय कोरोना संकट जिस तरह से पंजाब में गंभीर होता जा रहा है तथा इस हालत में गऊशाला में गऊओं व अन्य पशुओं की सम्भाल भी करनी चाहिए। स्थानीय निकाय विभाग ने एक आदेश जारी कर सभी निगमों व कमेटियों को कहा है कि वह ज़रूरतमंदों की सहायता करने के अतिरिक्त वह गऊशाला में भी सुविधाएं प्राप्त करें परन्तु कई गऊशाला चला रहे प्रबंधकों का कहना है कि पहले ही निगम द्वारा कम राशि है तथा गऊशाला वालों को इनमें से कितनी राशि प्राप्त हो सकेगी। एक जानकारी के अनुसार तो कर्फ्यू के कारण अब कई गऊशाला के दूध की बिक्री भी घटने के कारण आय पर असर पड़ा है जिससे खर्च चलाना मुश्किल हुआ है। पंजाब गऊ सेवा आयोग के पूर्व चेयरमैन कीमती भगत ने कहा कि उनको कई ज़िलों से फोन आ रहे हैं कि गऊशालाओं में चारे, तूड़ी व दवाइयों की कमी आ रही है। आने वाले दिनों में यह मामला गंभीर हो सकता है। कीमती भगत ने बताया कि अढ़ाई वर्ष से कई गऊशालाओं को लोगों से वसूल की गई गऊ कर की राशि का हिस्सा नहीं दिया जा सका है। इनमें एक्साइज़ का लगभग 40 करोड़, बिजली बिलों में वसूली 2 पैसे करने का बनता 35 करोड़ व ट्रांसपोर्ट विभाग से ही 20 से 25 करोड़ रुपए अभी तक नहीं आ सका है। यदि लोगों से राशियां वसूली गई हैं तो वह राशि इस समय में तो जारी करनी चाहिए। कीमती भगत का कहना था कि हर गऊशाला में 2 हज़ार से 4 हज़ार तक गऊएं व अन्य पशु मौजूद हैं जिनकी सम्भाल के लिए बनता सामान उपलब्ध करवाना चाहिए।