‘फैड कप हार्ट’ पुरस्कार जीत कर नया इतिहास रचा सानिया मिज़रा ने

बाल्यावस्था में सिर्फ 6 वर्ष की आयु में खेलने के स्थान पर अपने छोटे-छोटे हाथों में टैनिस का भारी रैकेट पकड़ने वाली सानिया मिज़रा जब पहली बार हैदराबाद के निज़ाम क्लब के टैनिस मैदान में खेलने उतरी थीं तो उन्होंने आधी खुली आंखों के साथ ही तब टैनिस खेल के द्वारा पूरी दुनिया ही जीतने का सपना देखा था। जिसको उसने बढ़ती उम्र में ही टैनिस के खेल में विश्व विजेता बन कर पूरा कर दिया था। बाल्यावस्था ही उनको पूरी दुनिया में टैनिस के रैकेट और बॉल भाव टैनिस गेंद में ही घिरी नज़र आ रही थीं। अपनी दुनिया जीतने के सपने को उन्होंने अनेक बड़े-बड़े अन्तर्राष्ट्रीय टूर्नामैंट जीत कर पूरा कर दिखाया। अब सानिया मिज़रा ने ‘फैड कप हार्ट’ पुरस्कार जीत कर यह इनाम जीतने वाली पहली भारतीय होने का सम्मान  प्राप्त किया है। सानिया ने एशियाना/ओशियाना वर्ग में ‘फैड कप हार्ट’ पुरस्कार जीत कर नया इतिहास रच दिया है। टैनिस सनसनी सानिया मिज़रा ने भारत की फिल्म नगरी के तौर पर प्रसिद्ध शहर मुम्बई में जब 15 नवम्बर, 1986 को पहली किलकारी मारी तो सानिया मिज़रा को गुढ़ती ही खेलों की दी गई। क्योंकि उनके पिता इमरान मिज़र्ा एक खेल पत्रकार होने के साथ-साथ खिलाड़ी भी थे। उनके पिता इमरान मिज़रा और मां नसीमा को सानिया के जन्म के कुछ समय बाद ही मुम्बई से हैदराबाद में जाना पड़ा। हैदराबाद में ही सानिया मिज़रा का बचपन बीता। 5 फुट 8 इंच लम्बी और सिर्फ 18 वर्ष की उम्र में ही विश्व स्तर पर चर्चित होने वाली टैनिस सनसनी सानिया मिज़रा को वर्ष 2006 में ‘पदमश्री’ पुरस्कार से सम्मानित किया गया। यह सम्मान प्राप्त करने वाली वह भारत की सबसे छोटी उम्र की खिलाड़ी हैं। वर्ष 2006 में ही अमरीका में विश्व की टैनिस की महान हस्तियों के बीच ‘डब्ल्यू.टी.ए. का मोस्ट इम्प्रैसिव न्यू कमर अवार्ड’ भी सानिया मिज़र्ा को दिया गया। अपने अन्तर्राष्ट्रीय करियर की शुरुआत सानिया मिज़रा ने 1999 में विश्व जूनियर टैनिस चैम्पियनशिप में हिस्सा लेकर की। वर्ष 2003 से लेकर वर्ष 2013 तक पूरे एक दशक तक सानिया मिज़रा टैनिस संघ की सिंगल और डब्लज़ वर्ग में पहले स्थान पर ही छाई रही और अपने खेल कला का लोहा मनवाया। वर्ष 2003 में ही सानिया ने भारत की ओर से वाइल्ड कार्ड एंट्री करने के बाद विम्बलडन में डब्ल्ज़र् मुकाबले में जीत प्राप्त की। वर्ष 2004 में सानिया को अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इसके अलावा सानिया मिज़रा को 2015 को राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार भी दिया गया। सिर्फ 17 वर्ष की उम्र में ही वर्ष 2009 में भारत की ओर से ग्रैंड स्लेम जीतने वाली वह पहली खिलाड़ी बनीं। पाकिस्तानी क्रिकेट खिलाड़ी शोएब मलिक के साथ 12 अप्रैल, 2010 को विवाह के बाद और वर्ष 2018 के अक्तूबर महीने में एक बेटा ‘इज़हान मिज़रा मलिक’ को जन्म देने के बाद भी सानिया ने भारत की ओर से ही खेलना जारी रखा हुआ है। अब उन्होंने हैदराबाद में ही सानिया मिज़रा टैनिस अकादमी भी खोली हुई है। इसके अलावा उन्होंने अपने जीवन पर एक किताब ‘एस. अगेंसट औडस’ भी लिखी हुई है, जिसमें उन्होंने अपने बचपन से लेकर विश्व की नम्बर एक खिलाड़ी बनने तक का स़फर बयां किया हुआ है। 

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