सिंथेटिक फाइबर बनने की क्रिया

कॉटन, वूल, सिल्क, लिनेन व बाल प्राकृतिक फाइबर होते हैं। यह पौधों व जानवरों द्वारा पैदा किये जाते हैं। अन्य फाइबर जैसे रेयान, नायलॉन, डेकरोन, सारन आदि मानव-निर्मित फाइबर होते हैं। इन्हें ही सिंथेटिक फाइबर कहते हैं। तो फिर ये सिंथेटिक फाइबर बनाये कैसे जाते हैं?यह जानने के लिए हमें पहले फाइबर के बारे में जानना होगा। तो बताइए। अधिकतर फाइबर आर्गेनिक रसायनों से बने होते हैं, जिनमें कार्बन होता है,जो कि सभी जीवित चीजों में मिलता है। कुछ आर्गेनिक रसायनों में विशेष गुणवत्ता होती है। उनके मॉलिक्यूल्स (एटम्स का समूह) आपस में एक दूसरे से जंजीर की कड़ियों की तरह जुड़ जाते हैं। इसे पालीमेरिजेशन कहते हैं। प्रत्येक फाइबर में ऐसी लाखों मॉलिक्यूलर जंजीरें होती हैं, जिन्हें रसायनिक बांड्स नामक प्राकृतिक बल एक दूसरे से जोड़े रखती हैं। अलग-अलग फाइबर के अपने मॉलिक्यूल्स में हर प्रकार के एटम की अलग अलग संख्या होती है और एटम की व्यवस्था भी अलग अलग होती है। अच्छा। सिंथेटिक फाइबर बनाने के लिए रसायनशास्त्री कार्बन, हाइड्रोजन, ऑक्सीजन व अन्य तत्वों के एटम्स लेते हैं फिर इन्हें इस तरह से जोड़ते हैं कि नये पदार्थ बन जायें। तो सिंथेटिक फाइबर के लिए ‘रॉ’ मटीरियल क्या होता है? कोयला, तेल, हवा व पानी।

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