भगिनी निवेदिता-कार्यशैली

स्वामी विवेकानंद की प्रेरणा से अनेक कर्मवारी भारतीय वेदान्त के प्रचार तथा प्रसार के लिए अन्यान्य देशों की तरह अमरीका भी जाते थे। एक बार एक संन्यासी ने स्वामी विवेकानंद की शिष्य भगिनी निवेदिता से वेदान्त प्रचार की प्रणाली के विषय में पूछा। भगिनी निवेदिता ने एक क्षण सोचा, फिर उनसे एक चाकू देने की प्रार्थना की। चाकू संन्यासी के पास ही पड़ा हुआ था। उन संन्यासी ने चाकू की धार  वाला भाग स्वयं हाथ में पकड़ कर भगिनी निवेदिता की ओर बढ़ा दिया। हां बिल्कुल ठीक-भगिनी निवेदिता ने कहा- विदेशों में कार्य करने की उचित (सही) शैली यही है। संकट के समक्ष स्वयं रहो और सुरक्षित भाग दूसरों के लिए छोड़ दो।

-धर्मपाल डोगरा ‘मिन्टू’