जय श्री राम

अयोध्या में आ गए हैं राम जय श्री राम।
घर-घर में है एक ही नाम जय श्री राम।
इसके भीतर वैकुण्ठ मिले जी भर पी लो,
शक्ति-भक्ति का है जाम जय श्री राम।
दिव्य ज्योति की महिमा है मन्दिर के द्वारों पर,
चांद-सितारों की है शाम जय श्री राम।
शान्ति प्रदान करे है संतापों का नाश करे,
मस्तिष्क में हैं चारों धाम जय श्री राम।
अविद्या मिथ्या ज्ञानादिरूप तिमिर के नाशक, 
संयम क्षमा सुख का अंजाम जय श्री राम।
श्रद्धा सम्पन्न हृदयों में परमेश्वर्य सम्पन्न,
सर्व विलक्ष्ण अभिनव दाम जय श्री राम।
अराधना रूप से निखिल विमलानु ग्रहलाभ,
बिगड़े हुए करते हैं काम जय श्री राम। 
श्रद्धालु मानव के एकाग्रता शोभन कर्म मिले,
भक्ति में मधुर रस का प़ैगाम जय श्री राम।
विविध सुखादि के प्रायोजक पूर्ण परमानंद,
‘बालम’ पावन सत्य नाम जय श्री राम।

-बलविन्दर ‘बालम’