जोकोविच के नये संगठन से टेनिस जगत में घमासान 

पिछले कुछ दिनों के दौरान विश्व के नम्बर एक टेनिस खिलाड़ी नोवाक जोकोविच कुछ आवश्यकता से अधिक ही व्यस्त रहे हैं। सबसे पहले तो उन्होंने अपनी गर्दन के दर्द पर काबू पाते हुए न्यूयॉर्क में वेस्टर्न एंड सादर्न ओपन   प्रतियोगिता के फाइनल में मिलोस रोनिक को कड़े मुकाबले में 1-6, 6-3, 6-4 से पराजित करके खिताब जीता। यह जोकोविच का 35वां मास्टर्स 1000वां प्रतियोगिता खिताब है और इस तरह उन्होंने राफेल नडाल के रिकॉर्ड की बराबरी कर ली है। गौरतलब है कि इस सत्र में जोकोविच ने इस लेख के लिखे जाने तक 23 मैच खेले और एक में भी उन्हें हार का सामना नहीं करना पड़ा। 31 अगस्त 2020 को उन्होंने दर्शक रहित आर्थर ऐश स्टेडियम में बोसनिया के दामिर जुम्हुर के विरुद्ध मैच से अपना यूएस ओपन अभियान शुरू किया। गौरतलब है कि कोविड-19 की वजह से फ्रैंच ओपन व विम्बलडन ग्रैंड स्लैम तो इस वर्ष हो नहीं सके थे, लेकिन बायो-सिक्योर बबल में यूएस ओपन का आयोजन किया जा रहा है। महामारी के दौरान जोकोविच ने ही टेनिस को जारी रखने का प्रयास किया है, बावजूद इसके कि वह स्वयं अन्य खिलाड़ियों के साथ कोरोना वायरस पॉजिटिव हो गये थे।
दूसरा यह कि इसी दौरान अपने कुछ साथियों के साथ मिलकर 33-वर्षीय जोकोविच ने खिलाड़ियों के लिए प्रोफेशनल टेनिस प्लेयर्स एसोसिएशन (पीटीपीए) का भी गठन किया है। लेकिन जोकोविच द्वारा अलग संगठन बनाने से टेनिस के दो अन्य महानतम खिलाड़ी राफेल नडाल व रोजर फेडरर सहमत नहीं हैं। नडाल का कहना है, ‘संसार कठिन व जटिल स्थिति से गुजर रहा है। मेरा व्यक्तिगत तौर पर मानना है कि यह समय शांत रहने का और मिलकर एक दिशा में काम करने का है। यह समय एकता का है, अलगाववाद का नहीं।’ नडाल की इस बात पर सहमति व्यक्त करते हुए फेडरर ने कहा है, ‘यह अनिश्चित समय है, लेकिन मेरा मानना है कि आगे बढ़ने के लिए खेल व खिलाड़ी के रूप में हम अपनी एकता बनाये रखें।’नडाल व फेडरर के इस विरोध के बावजूद जोकोविच की एसोसिएशन में खिलाड़ियों की सदस्यता बढ़ती जा रही है, शायद इसलिए कि खिलाड़ियों को लगता है कि नडाल व फेडरर अपने हिस्से का टेनिस खेल चुके हैं और अब जमाना जोकोविच का है। भारत के प्रमुख टेनिस खिलाड़ी सुमित नागल और रोहन बोपन्ना भी जोकोविच की एसोसिएशन में शामिल हो गये हैं। नागल का कहना है, ‘फिलहाल के लिए मुझे यह (जोकोविच की) यूनियन पसंद है, जिसमें खिलाड़ियों की अपनी आवाज़ है। हालांकि अन्य खिलाड़ियों की तरह मैं टूर पर अधिक नहीं रहा हूं, लेकिन मैं काफी कुछ देख चुका हूं। खिलाड़ियों की किसी भी मामले में बात सुनी ही नहीं जाती है। (जोकोविच के संगठन का) पूरा फोकस इस बात पर है कि खिलाड़ियों का कोई प्रतिनिधि हो ताकि उनकी बात सुनी जाये। बहुत सी बातें हैं, जिनसे खिलाड़ी सहमत नहीं हैं, लेकिन उनके पास कुछ करने की ताकत ही नहीं है।’
नागल से सहमत होते हुए 2017 फ्रैंच ओपन के मिश्रित युगल चैंपियन बोपन्ना का कहना है, ‘पीटीपीए का फोकस खिलाड़ियों के हितों को सुरक्षित, प्रोत्साहित और प्रतिनिधित्व करने के संदर्भ में रहेगा।’ जबकि जोकोविच का कहना है, ‘केवल खिलाड़ियों का संगठन कोई नया विचार नहीं है। पिछले दो दशक से यह अनेक खिलाड़ियों का प्रोजेक्ट रहा है। टेनिस उन चंद ग्लोबल स्पोर्ट्स में से है जिनका अपना कोई केवल-खिलाड़ी संगठन नहीं था। यह (संगठन) आगे बढ़ने के लिए सही कदम है। वह खिलाड़ी भी महत्वपूर्ण हैं जो टॉप 100 रैंक के बाहर हैं। उन्हें एक मंच मिल जाता है जहां वह अपने आपको बेहतर तरीके से व्यक्त कर सकेंगे।’हालांकि जोकोविच के संगठन को काफी खिलाड़ियों का समर्थन मिल रहा है, लेकिन इससे टेनिस जगत दो फाड़ भी हो गया है। फेडरर व नडाल ने तो जोकोविच की संगठन का शालीनता के साथ विरोध किया है, लेकिन एटीपी ने जबरदस्त विरोध किया है और कुछ खिलाड़ी भी इसके खिलाफ  खुलकर बोल रहे हैं। 2019 यूएस ओपन फाइनल खेलने वाले और इस बार की प्रतियोगिता में तीसरी वरीयता प्राप्त डनील मेडवेडेव ने विवाद से अपने आपको बचाते हुए कहा, ‘मैं इस संगठन के बारे में यूएस ओपन के बाद सोचूंगा। फिलहाल मैंने यही निर्णय लिया है।’ चौथी वरीयता प्राप्त यूनान के स्टेफ्नोस सित्सिपस का कहना है, ‘मुझे नहीं मालूम कि यह लोग किस बारे में बात कर रहे हैं।’ 23 ग्रैंड स्लैम की विजेता व मार्गरेट कोर्ट के आल-टाइम रिकॉर्ड (24 ग्रैंड स्लैम एकल खिताब) का पीछा कर रहीं 38-वर्षीय सेरेना विलियम्स ने दो टूक शब्दों में कहा, ‘मुझे नहीं मालूम। यह बहुत ही हंगामी वर्ष है। लोग नई-नई चीजें करने की कोशिश कर रहे हैं।’गौरतलब है कि अब तक खिलाड़ियों के हितों को एटीपी प्लेयर काउंसिल जिसके अध्यक्ष स्वयं जोकोविच थे। लेकिन उन्होंने इस अध्यक्ष पद से इस्तीफा देकर कनाडा के वासेक पोस्पिसिल के साथ मिलकर केवल-खिलाड़ी एसोसिएशन का गठन किया। छह बसंत पहले विश्व के नम्बर 25 खिलाड़ी रह चुके पोस्पिसिल ने काउंसिल की सदस्यता से 28 अगस्त को इस्तीफा दे दिया था। 30-वर्षीय पोस्पिसिल ने अपने त्यागपत्र के बारे में सोशल मीडिया में पोस्ट किया, ‘एटीपी प्लेयर काउंसिल में दो वर्ष गुजारने के बाद मैं 51-100 रैंकिंग पदों के लिए खिलाड़ी प्रतिनिधि के रूप में अपने पद से इस्तीफा दे रहा हूं। यह स्पष्ट हो गया है कि एटीपी संरचना के भीतर प्लेयर काउंसिल सदस्य रहते हुए टूर से संबंधित मुख्य निर्णयों पर कोई महत्वपूर्ण असर डालना असंभव नहीं तो बहुत कठिन अवश्य था।’हालांकि पीटीपीए का घोषित उद्देश्य यह है कि वह एटीपी की जगह नहीं ले रही है बल्कि खिलाड़ियों को स्वशासन का अवसर प्रदान कर रही है जोकि एटीपी से स्वतंत्र है, लेकिन एटीपी जो अभी तक खेल व खिलाड़ियों को नियंत्रित कर रही है उसे जोकोविच की चाल में बगावत की बू आ रही है। एटीपी के कर्ताधर्ता पुराने मंझे हुए राजनीतिज्ञ हैं, वह इतनी आसानी से टेनिस व खिलाड़ियों पर अपनी पकड़ को ढीला नहीं होने देंगे, इसलिए आने वाले दिनों में टेनिस जगत में जबरदस्त उठा-पटक देखने को मिल सकती है। फिलहाल दोनों पार्टियां 50-50 के स्कोर पर कही जा सकती हैं।

  -इमेज रिफ्लेक्शन सेंटर