गलतियां जो अक्सर मरीज़ करते हैं

जैसे दवा और मर्ज का रिश्ता पुराना है, ऐसे ही डॉक्टर और मरीज का रिश्ता भी पुराना है। कभी-कभी तो मरीज डॉक्टर के इतने करीब आ जाते हैं जैसे अच्छे मित्र हों। मरीज जब डाक्टर के पास जाए तो उसे डॉक्टर से खुलकर अपने रोग की चर्चा करनी चाहिए उससे कुछ छिपाना नहीं चाहिए तभी सही मर्ज की पहचान कर डॉक्टर उसका इलाज कर सकता है।  अधिकतर रोगी इस बारे में सब जानते हैं फिर भी अक्सर वे कुछ न कुछ गलतियां करते हैं। ध्यान दें वे गलतियां आप न दोहराएं।
 * किसी भी बीमारी के बारे में डाक्टर से सलाह लेने जाते हैं तो अपने सारे रिकार्डस लेकर नहीं जाते।
* पुरानी बीमारी को छुपा जाते हैं।
*  अक्सर दवा सही समय पर नहीं लेते।
* दवा जो डाक्टर ने लिखी है उसे पानी से लेना है या दूध से, खाली पेट या खाने के बाद, इस बात पर ध्यान नहीं रखते।
*  कभी-कभी मरीज कई डाक्टरों से सलाह लेते हैं और दवा अच्छे से भी शुरू नहीं करते बल्कि मिक्स शुरू कर देते हैं। इस बारे में डाक्टर को कुछ भी नहीं बताते।
* अधिकतर लोग एक फैमिली फिजीशियन नहीं बनाते बल्कि अलग-अलग विशेषज्ञों के पास भागते हैं। इससे समय बर्बाद होता है और मर्ज बढ़ता जाता है। अगर कोई फैमिली फिजिशियन हो तो वह सही राय दे सकता है कि किस विशेषज्ञ के पास जाना है या वह उसका इलाज कर सकता है।
*  अक्सर खान-पान के परहेज पर ध्यान नहीं देते।
*  अक्सर डाक्टर से यह जानकारी नहीं लेते कि इलाज का पूरा लाभ लेने के लिए उन्हें किन बातों पर ध्यान रखना चाहिए।
मरीज रखें इन बातों का ध्यान
*  डाक्टर के पास जाने से पूर्व बीमारी में होने वाली परेशानियों को एक पेपर पर लिख लें ताकि आप उनसे सारी जानकारी ले सकें। अगर  पहले से इलाज चल रहा हो और लाभ अधिक न हो तो अपने साथ पुराने रिकार्ड्स, दवाइयों की प्रिस्क्रि प्शन लेकर जाएं ताकि डाक्टर को पता हो कि अब तक आपने क्या टेस्ट करवाएं हैं और क्या इलाज अब तक हुआ है।
*  फैमिली डाक्टर से पहले सलाह ले लें कि किस विशेषज्ञ के पास आपको अपने मर्ज के लिए जाना चाहिए।
* जिन दवाओं से आपको एलर्जी हो उस बारे में डाक्टर को स्वयं बताएं।
*  अगर आपके परिवार में वही बीमारी अन्य किसी सदस्य को है तो डॉक्टर को अवश्य बता दें।
*  दवाएं अगर अधिक महंगी हों तो डाक्टर से सस्ती व जेनरिक दवा लिखवा सकते हैं।
* टेस्ट अगर बाहर से करवाने हों तो उन लैब्स और एक्सरे करवाने वाले स्थानों की जानकारी ले लें जिनके परिणाम जैनविन हाें और पैसे भी कम लगते हों। 

(स्वास्थ्य दर्पण)