बच्चों को सिखाएं भोजन करने का सही तरीका

 बचपन में सभी बच्चों का पेट एक ‘स्टोरहाउस‘ की तरह होता है। ‘स्टोरहाउस‘ में अच्छा सामान ‘स्टोर‘ करने से शरीर को संतुलित आहार मिल जाते हैं जिससे शरीर की हड्डियों का आधार ठोस बन जाता है। आइए देखें, हमें बच्चों के भोजन में क्या और कैसे लेना देना चाहिए। 
द्द खाना खाने से पहले हाथों को अच्छी तरह धो लें। खाना खाने से पहले और बाद में अच्छी तरह से कुल्ला कर लेना चाहिए।
द्द भोजन चबा-चबा कर आराम से कराना चाहिए।
द्द अधिक तेज भूख लगने पर भी भोजन के निवालों को कभी निगलना नहीं चाहिए। भोजन निगलने वाले बच्चों की पाचन क्रि या ठीक नहीं रहती। याद रखें भोजन के पचने की क्रि या पहले मुंह से होती है, फिर पेट से।
द्द बच्चों को अधिक चॉकलेट, वेफर्स, बिस्कुट, मिठाई और टाफियां नहीं खानी चाहिएं जिसका सीधा प्रभाव दांतों पर पड़ता है।
द्द ठंडे पेय, टिन जूस आदि का सेवन कभी-कभी विशेष अवसरों पर करना अच्छा लगता है। नियमित सेवन करने में यही चीजें मजा भी नहीं देतीं और सेहत पर भी बुरा असर डालती हैं।
द्द पेट को कुछ समय के लिए आराम अवश्य दें। खाने के बाद कुछ घंटे बिना खाए पिए अपने पर नियंत्रण रखें।
द्द कम मसालों और कम तेल वाला भोजन सेहत के लिए भी अच्छा होता है और आप कटोरी भर उसे रूखा भी खा सकते हैं। 
द्द प्रिय टी. वी. प्रोग्राम के समय भोजन नहीं खाना चाहिए क्योंकि मस्ती में भोजन अधिक खाया जाता है। 
द्द भोजन खाते समय प्रसन्न मुद्रा में रहें। तनावयुक्त होकर भोजन न खायें।
द्द नमकीन में आप मुरमुरे, भुने चने, भुनी मूंगफली, भुना चिवड़ा मिला कर खा सकते हैं।  
(उर्वशी)