अनेक रोगों का घरेलू उपचार है तुलसी

मन्दाग्नि : तुलसी की पत्तियों को पीसकर शर्बत जैसे बनाएं। उसमें अन्य कोई वस्तु न मिलाकर ऐसे ही पी जाएं।
= तुलसी की पत्ती, जड़, फूल, छाल और बीज, इन सबको समान मात्रा में लेकर एक भाग काली मिर्च मिलाएं और पीस कर प्रतिदिन 3-4 बार गरम पानी के साथ लें। मंदाग्नि दूर हो जाएगी।
अजीर्ण : तुलसी की पत्तियों को पानी में पीसकर निचोड़ने से रस निकल जायेगा। रस 10 ग्राम, सौंठ का चूर्ण 10 ग्राम, पुराना गुड़ 20 ग्राम मिलाकर झाड़ी के बेर जैसी गोलियां बना लें। दिन में तीन बार एक-एक गोली ताजे जल से लें तो अजीर्ण का नाश होगा।
= तुलसी के पत्र में सेंधा नमक मिलाकर चटनी बनाएं। प्रतिदिन तीन बार आधा तोला की मात्र में चाटने से अजीर्ण जाता रहेगा।
= काली मिर्च और तुलसी की पत्तियां एक साथ पीसकर गोली बना लें। गोलियां चूसने से अजीर्ण में लाभ होगा।
= तुलसी के रस में पीपल का चूर्ण और शहद मिलाकर चाटने से अरूचि दूर होकर भूख और पाचन शक्ति बढ़ती है।
सर्दी जुकाम :  बीस तुलसी की पत्ती पानी में उबालें। आधा पानी जल जाने पर मिश्री मिला कर पीने से फ्लू दूर हो जाता है।
=सूखी तुलसी की पत्तियों को एक पहर तक पानी में भिगोएं, फिर मसल कर छान लें और पी जायें। 3-4 बार ऐसा करने से लाभ होगा।
= तुलसी का काढ़ा बनाकर उसमें थोड़ा-सा नमक मिलाकर प्रतिदिन 3-4 बार पीने से सर्दी जुकाम फ्लू में राहत मिलती है। 
कृमि रोग :  तुलसी का रस गुनगुना करके पीने से पेट के कीड़े मर जाते हैं। कृमि रोग प्राय: बच्चों को होता है।
=तुलसी का रस। काली, मिर्च का चूर्ण 3 रत्ती, वायविडंग का चूर्ण। माशा, इन सबको मिलाकर पीने से पेट के कीड़े समाप्त हो जाते हैं। 
चर्म रोग:- तुलसी के रस का लेप करने से खुजली में लाभ होता है।
=  सरसों के तेल में  तुलसी का रस मिलाकर पका लें। इसे ठंडा करके शीशी में रख लें। इसके प्रयोग से दाद, खाज, एक्जीमा आदि चर्म रोग नष्ट हो जाते हैं।
- नींबू के रस में तुलसी का पंचांग पीसें और लेप करें। यह प्रयोग दाद, खाज छाजन, अकौता आदि चर्म रोगों पर लाभकारी है।
= लहसुन की गांठ और तुलसी पत्र 25, दोनों को एक साथ पीसकर दाद पर लगाने से दाद नष्ट हो जाता है।
बुखार :  तुलसी का रस नित्य पीने से ज्वर मिट जाता है।
= तुलसीपत्र 10, बेलपत्र 5, हरसिंगार के पत्ते 2, काली मिर्च 5, ये सब पानी में पीसकर पिएं।
=तुलसी पत्र और काली मिर्च मिलाकर चाटने से साधारण ज्वर मिट जाता है।
फोड़ा-फुन्सी : तुलसी के रस अथवा काढ़े में फोड़े फुन्सी धोने से घाव शीघ्र भर जाते हैं।
=तुलसी पत्र अथवा मंजरी के काढ़े से धोने से फोड़े फुन्सी तथा अन्य चर्मरोग दूर हो जाते हैं। (स्वास्थ्य दर्पण)