बच्चों के अच्छे स्वास्थ्य के लिए ज़रूरी बातें

अक्सर माताएं कहती सुनी जाती हैं कि उनकी बेटी या बेटा कभी सिरदर्द तो कभी पेटदर्द की शिकायत करता है। बुखार आना तो मामूली बात है। दरअसल बच्चे लंच बॉक्स का खाना छोड़ देते हैं और स्कूल की कैंटीन या स्कूल के बाहर खड़े फेरीवालों से चाट-पकौड़ी लेकर खाते देखे जाते हैं। ऐसे में वे बीमार तो पड़ेंगे ही। बच्चों को स्वस्थ रखने के लिए जरूरी है कि उन्हें संतुलित पौष्टिक भोजन दिया जाय, साथ ही उनके खाने-पीने एवं अन्य दिनचर्याओं पर भी ध्यान दिया जाय। इसके लिए निम्नांकित बातों पर ध्यान देना आवश्यक है :
* बच्चों को प्रात: बेड-टी की आदत कतई न डालें। प्रात: उठने पर एक गिलास गुनगुने पानी में एक नींबू का रस निचोड़कर पीने को दें। इससे एक तो पाचन-शक्ति बढ़ेगी और दूसरे प्रतिरोधक क्षमता बनी रहती है।
*  नाश्ते में प्रतिदिन एक गिलास दूध, एक फल जैसे सेब, केला, संतरा, अमरूद आदि का समावेश अवश्य किया जाना चाहिए। साथ ही अंकुरित अनाज अवश्य खिलाया जाना चाहिए। अंकुरित अनाज में सूखे मेवे से अधिक ताकत मिलती है। अंकुरण के कारण इसमें विटामिन-ई भी पाया जाता है तथा रेशा होने से बच्चों में मोटापा नहीं आ पाता।
* दोपहर और रात के खाने में दाल, हरी सब्जी, दही, कढ़ी, सलाद, रोटी-चावल अवश्य खिलाया जाना चाहिए। याद रखें, ज्यादा तलाभुना खाने से शरीर में वसा की अधिकता हो जाती है और बच्चा आलसी हो जाता है, इसीलिए ऐसा भोजन देना चाहिए जिसमें प्रोटीन की मात्रा अधिक हो।
*  आइसक्रीम एवं चाकलेट बच्चे बहुत पसन्द करते हैं पर स्वास्थ्य के लिए ये सही नहीं हैं। अगर बच्चा बहुत जिद करे तो सप्ताह में एक बार इसे दिया जा सकता है।
*  बच्चों को प्रतिदिन छह से आठ गिलास तक पानी पीने की आदत डालनी चाहिए। फलों के जूस तथा मठ्ठा भी बीच-बीच में देते रहने से बच्चों में पौष्टिकता बढ़ती रहती है तथा अध्ययन से थके दिमाग को आराम मिलता है। 
* बच्चों को सूर्योदय से पूर्व उठने की आदत डलवानी चाहिए। इसी प्रकार रात को नौ बजे तक बिस्तर पर सो जाना भी आवश्यक होता है। पूरी नींद लेने से बच्चा चिड़चिड़ा नहीं होता है।
* शाम के समय बच्चों को बैडमिंटन, टेबल टेनिस, हॉकी आदि खेलने को कहें। इससे पूरे शरीर का अच्छा-खासा व्यायाम हो जाता है।
*छुट्टी के दिन बच्चों को सुबह जॉगिंग पर ले जाएं। खुली हवा में सांस लेने से बच्चों में स्फूर्ति बढ़ती है। (स्वास्थ्य दर्पण)