होली के दौरान बालों तथा त्वचा की देखभाल

होली का त्यौहार खुशियां, मस्ती, रोमांच तथा उत्साह लेकर आता है, लेकिन रंगों के इस त्यौहार को हम सब लोग उत्साह से मनाने के साथ ही रंग खेलने से ज्यादा रंग छुड़ाने, त्वचा एवं बालों को हुए नुकसान को लेकर टैंशन में ज्यादा रहते हैं। आज के युग में बाज़ार में बिकने वाले रोगों में हर्बल तथा प्राकृतिक उत्पाद नाम मात्र ही होते हैं, लेकिन ऐसे में आप घर पर छुप कर कतई न बैठें। अगर आप कालोनी के पार्क में खुशनुमा माहौल में दिल खोल कर होली खेलना चाहते हैं तो जमकर रंग खेलने के बाद चुटकियों में रंग छुड़ाने के तरीके बता रही हैं सौन्दर्य विशेषज्ञ शहनाज हुसैन।
होली का त्यौहार ज्यादा खुले आसमान में खेला जाता है जिससे सूर्य की गर्मी से भी त्वचा पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। खुले आसमान में हानिकारक यू.वी. किरणों के साथ-साथ नमी की कमी की वजह से त्वचा के रंग में कालापन आ जाता है। होली खेलने के बाद त्वचा निर्जीव बन जाती है। होली के पावन त्यौहार में अपनी त्वचा की रक्षा के लिए होली खेलने से 20 मिनट पहले त्वचा पर 20 एस.पी.एफ. सनस्क्रीन का लेप कीजिए। यदि आपकी त्वचा पर फोड़े-फुंसियां आदि हैं तो 20 एस.पी.एफ. से ज्यादा दर्जे की सनस्क्रीन का उपयोग करना चाहिए। ज्यादातर सनस्क्रीन में माइस्चराईज़र ही विद्यमान होता है। यदि आपकी त्वचा शुष्क है तो पहले सनस्क्रीन लगाने के बाद कुछ समय इंतजार करने के बाद ही त्वचा पर माइस्चराईज़र का लेप करें। अब अपनी बाजू तथा सभी खुले अंगों पर माइस्चराईज़र लोशन या क्रीम का उपयोग करें।
होली खेलने से पहले सिर में बालों पर हेयर सीरम या कंडीशनर का उपयोग करें। इससे बालों को गुलाल रंगों की वजह से पहुंचने वाले सुखेपन से सुरक्षा मिलेगी तथा सूर्य की किरणों से होने वाले नुकसान से भी बचाव होगा।
होली के रंगों से नाखूनों को बचाने के लिए नाखूनों पर नेल वार्निश की मालिश करनी चाहिए। होली खेलने के बाद त्वचा तथा बालों पर जमे रंगों को हटाना काफी मुश्किल कार्य है। उसके लिए सबसे पहले चेहरे को बार-बार साफ निर्मल जल से धोएं तथा इसके बाद कलीजिंग क्रीम या लोशन का लेप कर लें तथा कुछ समय बाद इसे गीले काटन वूल से धो डालें। आंखों के आस-पास के क्षेत्र को हल्के-हल्के साफ करना न भूलें। क्लीजिंग जैल से चेहरे पर जमें रंगों को धुलने तथा हटाने में काफी मदद मिलती है। अपना घरेलू क्लीनजर बनाने के लिए आधा कप ठंडे दूध में तिल, जैतून, सूरजमुखी या कोई भी वनस्पति तेल मिला लीजिए। काटन वूल पैड को इस मिश्रण में डुबोकर त्वचा को साफ करने के लिए उपयोग में लाएं। शारीरिक से रासायनिक रंगों को हटाने में तिल के तेल की मालिश महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा करती है। 
यदि त्वचा में खुजली है तो पानी के मग में दो चम्मच सिरका मिलाकर उसे त्वचा पर उपयोग करें तथा इससे खुजली खत्म हो जाएगी। इसके बाद भी त्वचा में खुजली जारी रहती है तथा त्वचा पर लाल चकत्ते तथा दाने उभर आते हैं तो आपकी त्वचा को रंगों से एलर्जी हो गई तथा इसके लिए आपको डाक्टर से आवश्यक विचार-विमर्श ज़रूर कर लेना चाहिए। बालों को साफ करने के लिए बालों में फंसे सूखे रंगों तथा माईका को हटाने के लिए बालों को बार-बार सादे ताजे पानी से धोते रहिए। इसके बाद बालों को हल्के हर्बल शैम्पू से धोएं तथा उगंलियों की मदद से शैम्पू को पूरे सिर पर फैला लें तथा इसे पूरी तरह लगाने के बाद पानी से अच्छी तरह धो डालिए। होली के अगले दिन दो चम्मच शहद को आधा कप दही में मिलाकर थोड़ी-सी हल्दी में मिलाएं तथा इस मिश्रण को चेहरे, बाजू तथा सभी खुले अंगों पर लगा लें। इस 20 मिनट लगा रहनें दो तथा बाद में साफ ताज़े पानी से धो डालें। इससे त्वचा से कालापन हट जाएगा तथा त्वचा मुलायम हो जाएगी। होली के अगले दिनों के दौरान अपनी त्वचा तथा बालों को पोषाहार तत्वों की पूर्ति करें। एक चम्मच शुद्ध नारियल तेल में एक चम्मच अरंडी का तेल मिलाकर इसे गर्म करके अपने बालों पर लगा लीजिए। एक तौलिये को गर्म पानी में भिगो कर पानी को निचोड़ दीजिए तथा तौलिये को सिर पर लपेट लीजिए तथा इससे 5 मिनट तक पगड़ी की तरह सिर पर बंधा रहने दीजिए। इस प्रक्रिया को 4-5 बार दोहराइए इससे खोपड़ी पर तेल को जमने में मदद मिलती है। एक घंटा बाद बालों को साफ ताज़े पानी से धो डालिए।