शारीरिक वसा को बढ़ाता है फास्ट फूड

आज के दौर में फास्ट फूड हमारी संस्कृति का अंग-सा बन गया है, अधिकतर लोगों में सुबह के नाश्ते से लेकर रात के खाने में फास्ट फूड पर निर्भरता बढ़ती जा रही है। विशेषकर युवावर्ग तो घर के खाने का स्वाद भूलता ही जा रहा है।  इसलिए उसे भोजन भी वही भाता है, जो जल्दी तैयार हो जाए। निस्संदेह विशेषज्ञों की राय में ऐसा भोजन हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। हर व्यक्ति की शारीरिक आवश्यकताएं और क्षमताएं अलग-अलग होती हैं तो किसी होटल का खानसामा यह कैसे निर्धारित कर सकता है कि कितना व कौन-सा पोषक तत्व हमें चाहिए। 
फास्ट फूड के द्वारा हमारा शरीर इतना ज्यादा वसा ग्रहण करता है जिसके परिणामस्वरूप हम कई बीमारियों जैसे मोटापा, डायबिटीज आदि के शिकार हो सकते हैं।  कुछ आवश्यक बातों को जीवन में शामिल करके आप छुटकारा पा सकते है फास्ट फूड से
भोजन आराम से बैठकर खाएं 
 कई बार हम कहते हैं कि पेट भर गया लेकिन मन नहीं भरा और इच्छा की संतुष्टि के प्रयत्न में हम थोड़ा-थोड़ा करके ज्यादा खा लेते हैं। बजाय इसके अगर हम आराम से बैठकर सीमित मात्रा में बराबर आहार लें तो बेहतर होगा।
घर पर ही भोजन बनाकर खाएं 
जहां तक सम्भव हो, भोजन घर पर ही पकाकर खाएं। आमतौर पर हमारे भोजन में गेहूं, चावल, दाल व सब्जियां होती हैं जिनसे हमें लगभग सभी पोषक तत्व प्राप्त होते हैं। माना गया है कि औसतन एक व्यक्ति सप्ताह में लगभग 20 घंटे टी. वी. देखता है। इस तथ्य के आधार पर यह उम्मीद की जा सकती है कि अगली बार इन बीस घंटों में से कुछ घंटे रसोई में खाना पकाने के लिए अवश्य निकालेंगे।
भूख लगने पर ही भोजन करें 
भूख न लगने पर जबरदस्ती भोजन न करें। इससे हमारे शरीर में अतिरिक्त कैलोरी एकत्र हो जाती हैं। भोजन के स्वाद के साथ उसकी सुगन्ध भी महत्व रखती है। हम किसी भी भोजन की सुगन्ध से जान लेते हैं कि खाने में क्या है और कितना स्वादिष्ट है लेकिन जब हम किसी भोजन को जल्दी ग्रहण करते हैं, तब न तो उसकी सुगन्ध पर और न ही स्वाद पर ध्यान जाता है।
फास्ट फूड कम्पनियां इस तथ्य को अच्छे से जानती हैं और इसे भुना भी रही हैं। इसी कारण वे अपने खाद्य पदार्थों को इतना आकर्षक व चिकनाई युक्त बनाते हैं कि वह मुंह में डालते ही घुल जाता है। दूसरे शब्दों में कहा जाए तो फास्ट फूड्स को हम जितनी जल्दी खाते हैं, उतनी ही जल्दी वह मुंह से पेट में पहुंच जाता है जिससे हमारी स्वाद ज्ञानेन्द्रियों की क्षमता व भोजन की सुगन्ध दोनों ही प्रभावित होती हैं।
नापसन्द भोजन न करें 
जो वस्तु खाने में न पसन्द हो, उसे खाने से परहेज करें क्योंकि भोजन सिर्फ स्वाद ही नहीं बल्कि संतुष्टि की भी बात होती है। 
रेस्तरां में भी घर के सिद्धांतों का पालन करें 
खाने से संबंधित जिन नियम व सिद्धांतों का हम घर पर पालन करते हैं, उसे रेस्तरां में भी खाना खाते वक्त अपनाना चाहिए। चाहे वो भोजन की मात्रा हो या उसके प्रकार दोनों का नियमानुसार ही पालन करें। 
व्यायाम को अपने दैनिक जीवन का हिस्सा बनाएं 
प्राय: लोग मानते हैं कि व्यायाम का भोजन से कोई सीधा सम्बन्ध नहीं है, लेकिन यह धारणा गलत है। व्यायाम हमारी पाचनक्रि या व भूख दोनों को नियंत्रित करता है। व्यायाम अथवा क्रियाशील जीवनशैली से शरीर की अतिरिक्त कैलोरी का दहन होता है। इसके अतिरिक्त सप्ताह में एक दिन व्रत करके हम कैलोरी को बराबर व पाचन क्रि या को नियंत्रित रख सकते हैं।।

 (स्वास्थ्य दर्पण)