बच्चों पर पड़ता है अभिभावकों के मानसिक रोग का प्रभाव

बोस्टन के विशेषज्ञों के अनुसार अगर अभिभावक किसी मानसिक अवसाद का शिकार हैं तो उनके बच्चे में भी यही डिसआर्डर होने की संभावना अधिक होती है।  उन्होंने 380 बच्चों के व्यवहार व स्वास्थ्य का अध्ययन किया और पाया कि जिन बच्चों के अभिभावकों में पैनिक डिसआर्डर‘  या ‘एंक्जाइटी डिसआर्डर‘ पाए गए, उनके बच्चों में भी वही व्यवहार पाया गया।
यहीं नहीं, जिन बच्चों के अभिभावकों में ‘पेनिक डिसआर्डर‘ पाया गया, उन्हें एग्रोफोबिया‘ नामक विकार पाए जाने की संभावना अधिक रही। इस बीमारी में व्यक्ति खुले स्थानों व सार्वजनिक स्थलों पर जाने से डरता है।
कमजोर शिशु भविष्य में अस्थमा के शिकार हो सकते हैं
अगर जन्म के समय शिशु का वजन सामान्य से कम हो तो भविष्य में उसे अस्थमा होने की संभावना बढ़ जाती है और अस्थमा रोगी शिशु को सांस लेने में तकलीफ आदि का सामना करना पड़ता है। जिन बच्चों का वजन जन्म के समय कम पाया गया, उन्हें हवा में ओजोन अधिक होने पर श्वास क्रि या में दिक्कतें आने की संभावना अधिक रही। यही स्थिति उन बच्चों में भी पायी गयी, जो जन्म के समय से तीन सप्ताह पूर्व पैदा हुए थे। विशेषज्ञों का मानना है कि कम वजन के कारण उनके फेफड़े सही प्रकार से कार्य नहीं करते जिससे अस्थमा होने की संभावना रहती है।